गर्भनिरोध के उपाय -How to Birth Control in Hindi कापर टी क्या है-What is copper t in Hindi
विज्ञान के बढते हुए तेज कदम ने निश्चित रुप से हमारे जीवन को थोड़ा आसान कर दिया है,तब बात चाहे किसी भी क्षेत्र की हीं क्यों ना हो.इसी क्रम में एक उल्लेखनीय सुविधा का नाम कापर टी है. आइए प्रश्न और उत्तर के माध्यम से जानें कि यह क्या है,और कैसे काम करता है. कैसे काम करता है आई यू डी वीर्य को अण्डे से मिलने से रोकती है. ऐसा करने के लिए यह अण्डे को वीर्य तक जाने मंर असमर्थ बनाकर और गर्भाशय के अस्तर को बदल कर करती है.
यह डिवाइस एक छोटी - सी सर्जरी के जरिए वेजाइना के अंदर यूटरस में फिट की जाती है। ऐसी महिलाएं जो मां बन चुकी हैं और प्रेग्नेंसी रोकने के लिए लॉन्ग टर्म सल्यूशन चाहती हैं , उनके लिए यह तरीका काफी मुफीद है। नॉर्मल हो या सीजेरियन , कैसी भी डिलिवरी के बाद मां बनने वाली महिलाएं इस तरीके को अपना सकती हैं। इसे फिक्स करने के बाद एक निश्चित समय के लिए प्रेग्नेंसी से बचाव हो जाता है। फिर जब दोबारा मां बनने की इच्छा हो , इसे आसानी से हटवाया जा सकता है।
यह डिवाइस एक छोटी - सी सर्जरी के जरिए वेजाइना के अंदर यूटरस में फिट की जाती है। ऐसी महिलाएं जो मां बन चुकी हैं और प्रेग्नेंसी रोकने के लिए लॉन्ग टर्म सल्यूशन चाहती हैं , उनके लिए यह तरीका काफी मुफीद है। नॉर्मल हो या सीजेरियन , कैसी भी डिलिवरी के बाद मां बनने वाली महिलाएं इस तरीके को अपना सकती हैं। इसे फिक्स करने के बाद एक निश्चित समय के लिए प्रेग्नेंसी से बचाव हो जाता है। फिर जब दोबारा मां बनने की इच्छा हो , इसे आसानी से हटवाया जा सकता है।
कॉपर टी कैसे काम करती है? How copper-T works?
कॉपर (ताँबा) के तार द्वारा कॉपर के आयन निकलना प्रारम्भ हो जाते हैं जो गर्भाशयी वातावरण को प्रभावित करके गर्भधारणा को रोकता हैं। कॉपर के आयन गर्भाशय के तरल तथा गर्भाशयी ग्रीवा के श्लेष्म से मिल जाता है और अपने सम्पर्क में ने वाले शुक्राणु को नष्ट कर देते हैं। कॉपर के आयन शुक्राणुओं की गति को रोकते हैं क्योंकि कॉपर आयन युक्त तरल शुक्राणुओं के लिये विषाक्त होते हैं। अगर कोई संघर्षशील शुक्राणु अण्डाणु को निषेचित भी कर देता है तो कॉपर आयन युक्त वातावारण इस निषेचित अण्डे को गर्भाशय में स्थापित नहीं होने देते हैं और इस प्रकार गर्भधारण को रोकते हैं।आई यु डी किस प्रकार की होती है आ यु डी के अलग-अलग प्रकार हैं
- कॉपर लगी आई यू डी - इसमें एक प्लास्टिक की ट्यब के अन्दर कॉपर की तार लगी रहती है.
- नई प्रकार के आई यु डी में हॉरमोन छोड़ने वाला आई यु डी है - जो कि प्लास्टिक से बना होता है और उसमें प्रोजेस्ट्रोन हॉरमोन छोटी मात्रा में भरा रहता है.
कॉपर की आई यु डी की अपेक्षा हॉरमोन वाले आई यु डी के क्या लाभ हैं
तांबे की बनी एक पत्ती होती है , जिसके साथ कॉइल लगी होती है। पत्ती टी शेप की होती है , इसीलिए इसे कॉपर टी बोला जाता है। अमूमन जो महिलाएं मां नहीं बनी हैं , उन्हें यह तरीका रिकमंड नहीं किया जाता है।
हॉरमोन वाले युडी कॉपर वाले आई यु डी से अधिक प्रभावशाली हैं माहवारी को हल्का बनाते हैं. कॉपर की आई यु डी की अपेक्षा हॉरमोन वाले आई डी यु की क्या हानियां हैं? हॉरमोन वाले आई यु डी कापर वाले की अपेक्षा महंगे हैं उपयोग के पहले छह महीनों में अनियमित रक्तस्राव या धब्बे लगने की समस्या हो सकती है
हॉरमोन वाले युडी कॉपर वाले आई यु डी से अधिक प्रभावशाली हैं माहवारी को हल्का बनाते हैं. कॉपर की आई यु डी की अपेक्षा हॉरमोन वाले आई डी यु की क्या हानियां हैं? हॉरमोन वाले आई यु डी कापर वाले की अपेक्षा महंगे हैं उपयोग के पहले छह महीनों में अनियमित रक्तस्राव या धब्बे लगने की समस्या हो सकती है
आई यु डी के लाभ है
- यह गर्भनिरोध के लिए अत्यन्त प्रभावशाली है.
- सुविधाजनक है - पिल लेने का कोई झंझट नहीं है. मंहगा नहीं है.
- डाक्टर किसी समय भी निकाल सकते हैं.
- तुरन्त काम शुरू कर देता है.
- सहप्रभावों को आशंका कम रहती है.
- आई यू डू का उपयोग करने वाली माताएं सुरक्षा पूर्वक स्तनपान करवा सकती हैं.
गर्भनिरोधक में आई यू डी कितनी प्रभावशाली है
यह गर्भनिरोध का सबसे प्रभावशाली साधन है. इसे यदि सही ढंग से लगाया जाए तो यह 99 प्रतिशत प्रभावशाली है.आई यू डी कितनी देर तक प्रभावशाली रहता है निर्भर करता है कि आपका डाक्टर आपको कौन सा आई यू डी लगवाने को कहता है. कॉपर आई यू डीः टी यू 380 ए जो कि अब राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत उपलब्ध है, वह दस वर्ष के लम्बे समय तक आपके शरीर में रह सकता है. हॉरमोन वाले आई यू डी को हर पांचवे वर्ष में बदलने की जरूरत पड़ती है. इनमें से किसी को भी आपका डाक्टर हटा सकता है. यदि आप गर्भधारण करना चाहें या प्रयोग न करना चाहें तो.
आई यू डी की हानियां हैं
- तार चुभ सकते हैं– सेक्स के दौरान पेनिट्रेशन के समय कॉपर टी में लगाया गया तार आपके पार्टनर को चुभ सकता है। दरअसल डॉक्टर को यह तार सीधे-सीधे काटना चाहिए। अगर वो ऐसा नहीं करते, तो आपके पार्टनर की पेनिस को बहुत अधिक तकलीफ हो सकती है, विशेषकर अगर वह काफी डीप जाना चाहते हैं। हालांकि ऐसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना काफी कम है। लेकिन अगर ऐसा होता है तो अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।
- गर्भाशय मे आई यू डी लगाने के पहले कुछ घन्टों में आपको सिरदर्द और पेट दर्द हो सकता है.
- कुछ औरतों को यह लगवाने के बाद कुछ हफ्तों तक रक्त स्राव होता रहता है और उसके बाद भारी माहवारी होती है.
- बहुत कम पर कभी, आई यू डी अन्दर डालते समय गर्भाशय में घाव हो सकता है.
- यह आपको एड्स या एस टी डी से सुरक्षा प्रदान नहीं करता. वस्तुतः ऐसे संक्रामक रोग आई यू डी वाली औरतों के लिए संघात्मक हो सकते हैं. इसके अलावा, अधिक लोगों के साथ सम्भोग करने पर संक्रमण की आशंकाएं बढ़ सकती हैं.
- आई यू डी को गर्भनिरोधक के रूप में काम में लाने के लिए कौन उपयुक्त है?
- एलर्जी यह गिने-चुने लोगों में ही होता है लेकिन जो महिलायें कॉपर के प्रति एलर्जी वाली होती हैं उनके जननाँगों में दाने पड़ना तथा खुजली हो सकती है। इस स्थिति में उपकरण को हटाना ही श्रेयस्कर होता है।
- कुछ महिलाओं में कॉपर टी अपने आप बाहर निकल जाती है । यह उपकरण के लगाने के शुरूआती महीनों में अकसर देखा गया है।
- उपकरण लगाते समय गर्भाशय मे कटाव या छेद होना अकसर देखा गया है। यह भी देखा गया है कि उपकरण गर्भाशय की दीवार में छेद कर देता है
- जिससे आन्तरिक घाव या रक्तस्राव होने लगता है। अगर उपकरण को तुरन्त न निकाला जाये तो इससे संक्रमण का खतरा रहता है।
किसी भी परिस्थित में वे औरतें आई यू डी का उपयोग कर सकती हैं जो
- स्तनपान करा रहीं हों
- उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग, जिगर या गालब्लैडर के रोग, मधुमेह या मिरगी का उपचार करा रही हों.
- आई यू डी लगवाने वाले का उचित समय कौन सा है?
- आई यू डी लगवाने का उचित समय निम्न है –माहवासी चक्र के रहते - माहवारी चक्र के दौरान किसी भी समय - माहवारी रक्तस्राव के आरम्भ होने के बाद के पहले 12 दिनों में लगवाएं.
- बच्चे के जन्म गर्भपात- बच्चे के जन्म के 24 घन्टे के अन्दर अन्छर लगवायें.
आई यू डी कैसे लगाई जाती है
सामान्यतः एक पीरियड की समाप्ति या उसके तुरन्त बाद लगाया जाता है. हालांकि इसे किसी भी समय लगवाया जा सकता है यदि आपको भरोसा हो कि आप गर्भवती नहीं हैं. आपको योनि परीक्षण करवाना होगा. डाक्टर या नर्स गर्भाशय का माप और स्थिति देखने के लिए एक छोटा सा यन्त्र उसमें डालेंगे. तब आई यू डी लगाया जाएगा. आपको सिखाया जाएगा कि उसके धागे को कैसे महसूस किया जाता है ताकि आप उशे ठीक जगह रख सकें सर्वश्रेष्ठ है कि आप उसे नियमित रूप से चक्र करते रहें, हर महीने के पीरियड के बाद कर लेना उत्तम है.
आई यू डी अपनी ठीक जगह पर हैं या नहीं, यह कब चैक करने का परामर्श दिया जाता है
- आई यू डी लगवानें के एक महीने के बाद सप्ताह में एक बार उसे चैक करें
- असामान्य लक्षण दिखने पर चैक करें.
- माहवारी के बाद चैक करें.
- आई यू डी अपनी सही जगह पर है यह चैक करने के लिए महिला को क्या सावधानी बरतनी चाहिए आई यू डी चैक करने के लिए महिला को चाहिए कि
- अपने हाथ धोये
- पालथी मार कर बैठे
- योनि में अपनी अक या दो अंगुली डालें और जब तक धागे को छू न ले अन्दर तक ले जायेय़
- फिर हाथ से धोये.
आई यू डी लगवाये हुए महिला को कब डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए?
तब डाक्टर से मिलना चाहिए जब
- उसके साथी को सम्भोग के दौरान वह धागा छूता हो और उससे वह परेशान हो.
- भारी और लम्बी अवधि तक होने वाले रक्त स्राव से होने वाली परेशानी
- पेट के निचले भाग में तेज और बढ़ता हुआ दर्द विशेषकर अगर साथ में बुखार भी हो
- एक बार माहवारी न होना
- योनि से दुर्गन्ध भरा स्राव
- परिवार नियोजन की कोई और विधि अपनाना चाहें या आई यू डी निकलवाना चाहें तब.
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