Showing posts with label Government Schemes. Show all posts
Showing posts with label Government Schemes. Show all posts

Monday, April 17, 2017

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना क्या है,Beti-Bachao-Bati-Padhao in Hindi,


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना क्या है,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इन हिंदी,Beti-Bachao-Bati-Padhao in Hindi,Beti Bachao essay in Hindi

हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी 2015 को पीएम नरेन्द्र मोदी के द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नाम से एक सरकारी योजना की शुरुआत हुई।
आँकड़ों के अनुसार, 1991 में (0-6 वर्ष के उम्र के) हर 1000 लड़कों पर 945 लड़कियाँ है, जबकि 2001 में लड़कियों की संख्या 927 पर और दुबारा 2011 में इसमें गिरावट होते हुए ये 1000 लड़कों पर 918 पर आकर सिमट गयी। अगर हम सेंसस के आँकड़ों पर गौर करें तो पाएँगे कि हर दशक में लड़कियों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज हुई है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP) महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ,स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास की एक संयुक्त पहल के रूप में समन्वित और अभिसरित प्रयासों के अंतर्गत बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को की गई है और जिसे निम्न लिंगानुपात वाले 100 जिलों में प्रारंभ किया गया है। सभी राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों को कवर 2011 की जनगणना के अनुसार निम्न बाल लिंगानुपात के आधार पर प्रत्येक राज्य में कम से कम है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत  देश के 100 ज़िलों के लिए की गयी है

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की रणनीतियाँ

  • बालिका और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक आंदोलन और समान मूल्य को बढ़ावा देने के लिए जागरुकता अभियान का कार्यान्वय करना ।
  • इस मुद्दे को सार्वजनिक विमर्श का विषय बनाना और उसे संशोधित करने रहना सुशासन का पैमाना बनेगा। 
  • निम्न लिंगानुपात वाले जिलों की पहचान कर ध्यान देते हुए गहन और एकीकृत कार्रवाई करना।
    सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए महत्वपूर्ण स्त्रोत के रुप में स्थानीय महिला संगठनों/युवाओं की
  • सहभागिता लेते हुए पंचायती राज्य संस्थाओं स्थानीय निकायों और जमीनी स्तर पर जुड़े कार्यकर्ताओं को प्रेरित एवं प्रशिक्षित करते हुए सामाजिक परिवर्तन के प्रेरक की भूमिका में ढालना ।
  • जिला/ ब्लॉक/जमीनी स्तर पर अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-संस्थागत समायोजन को सक्षम करना ।
  •  कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए  लड़कियों को पढ़ाई के जरिए सामाजिक और वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भर बनाना  बेटियों की सिक्योरिटी महिला सशक्तिकरण
  • जन्म हो जाने के बाद भी लड़कियों के साथ भेदभाव नहीं थमता। स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा की जरूरतों को लेकर उनके साथ कई तरह से पक्षपात होता है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना पूरे समाज के लिए एक वरदान है।

कैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए आवेदन करें:

PCPNDT Portal for Online Form - F 

  • सबसे पहले लड़कियों के नाम पर एक बैंक खाता खोलना बुनियादी कदम है लाभ प्राप्त करने के लिये इन नियमों का पालन करना जरुरी होगा।
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की आयु सीमा :- इस योजना के अनुसार 10 वर्ष से अधिक उम्र की         सभी बालिकाएं इस योजना के लिये सक्षम हैं तथा उनका बैंक में खाता खोला जाना जरुरी है |
  • टैक्स फ्री योजना – प्रधानमंत्री द्वारा शुरू इस कल्याणकारी योजना को बिल्कुल कर मुक्त रखा गया है   मतलब खाता खोलने के बाद आपके खाते में से कोई राशि नहीं काटी जाएगी ।
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज- सुनिश्चित करें कि खाता खोलने के लिए    आप के पास निम्नलिखित दस्तावेज हैं या नहीं ।
  • बालिका का जन्म प्रमाणपत्र माता-पिता या कानूनी अभिभावक की पहचान के सबूत माता-पिता या कानूनी अभिभावक के पते का प्रमाण

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के मुख्य लाभ

  • भारत में Child Sex Ratio (CSR) लगातार नीचे आ रहा है | जिससे देश में लड़कियों की संख्या में कमी आई है | यह योजना बेटियों की सुरक्षा (saving girl child) के लिए सही कदम उठा रही है और उनके माता-पिता को उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए जागरूक कर रही है | 
  • यह योजना लैंगिक समानता (Gender Equality), महिला बाल संरक्षण (Girl Child Protection), बेटियों को चिकित्सकीय सहायता (Medical aid) देने पर ध्यान केंद्रित करे हुए है |
  • यह खाता केवल कन्याओं के लिए ही होगा जिसमे उनके माता- पिता या अभिभावक अपनी बेटी के लिए पैसे जमा कर सकते हैं | जिस पैसे को उनकी शिक्षा और उनकी शादी के लिए उपयोग किया जा सकता है | इस खाते में कोई कर कटौती (Tax deduction) नही की जाएगी | 
  • इससे लोगों के उस मुद्दे का समाधान हो जाएगा जिसमे लोग बेटियों को वित्तीय बोझ मानते है |
    इस बचत योजना में ब्याज की दर बहुत अच्छी है | 
  • लड़की की आयु 18 वर्ष पूरी होने के बाद ही इस बचत खाते से पैसे निकाले जा सकते हैं | यह लड़कियों के वयस्क होने पर उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है |

Saturday, April 15, 2017

अटल पेंशन योजना ,Atal Pension Yojana in Hindi,

अटल पेंशन योजना ,Atal Pension Yojana in Hindi,

आप असंगठित क्षेत्र में कामगार हैं और भविष्य को लेकर असुरक्षा महसूस करते हैं। वृद्धावस्था में अपने जीवन यापन को लेकर चिंतित हैं, तो यही वह योजना हो सकती है जो आपके बुढ़ापे का सहारा बन सकती है। अटल पेंशन योजना में ना केवल आप कम राशि जमा करवाकर हर माह ज्यादा पेंशन के हकदार हो सकते हैं, बल्कि असामयिक मृत्यु की दशा में अपने परिवार को भी इसका फायदा दिलवा सकते हैं । इस पेंशन योजना के धारक की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी और पत्नी की भी मृत्यु होने की स्थिति में बच्चों को पेंशन मिलती रहेगी। सबसे खास बात यह है कि जीवनभर पेंशन पाने के लिए आपको आजीवन इस खाते में पैसे जमा नहीं करवाने होते हैं। साथ ही पीएफ खाते की ही तरह सरकार इस पेंशन योजना में अपनी ओर से भी अंशदान देगी।

अटल पेंशन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले उन सभी नागरिकों पर जोर होगा जो पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में शामिल हैं और वे जो किसी सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजना से नहीं जुड़े हैं.’ अटल पेंशन योजना के तहत अंशधारकों को 60 साल पूरा होने पर 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक पेंशन मिलेगी जो उनके योगदान पर निर्भर करेगा. योगदान इस बात पर निर्भर करेगा कि संबंधित व्यक्ति किस उम्र में योजना से जुड़ता है.

अटल पेंशन योजना के लिये न्यूनतम उम्र 18 साल तथा अधिकतम उम्र 40 साल है. इसमें अंशधारक के लिये योगदान की अधिकतम अवधि 20 वर्ष है. सरकार की ओर से निश्चित पेंशन लाभ की गारंटी होगी. सरकार इस पेंशन योजना में भागीदारी करने वाले अंश धारकों की तरफ से वार्षिक प्रीमियम का 50 प्रतिशत या फिर 1,000 रुपये का योगदान करेगी. इनमें जो भी कम होगा वह राशि सरकार देगी. सरकार की तरफ से यह योगदान पांच साल तक किया जाएगा

पेंशन की आवश्यकता

  • एक पेंशन लोगों को एक मासिक आय प्रदान करता है जब वे कमाई नही कर रहे होते हैं।
  • उम्र के साथ संभावित कमाई आय में कमी
  • परमाणु परिवार का उदय - कमाउ सदस्य का पलायन
  • जीवन यापन की लागत में वृद्धि
  • दीर्घायु में वृद्धि
  • निश्चित मासिक आय बुढ़ापे में सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करता है

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह एपीवाई खाते में नामांकन विवरण प्रदान करना अनिवार्य है। यदि ग्राहक विवाहित है तो पति या पत्नी डिफ़ॉल्ट नामित होंगें। अविवाहित ग्राहक नामित के रूप में किसी भी अन्य व्यक्ति को मनोनीत कर सकते हैं पर शादी के बाद उन्हें पति या पत्नी की जानकारी प्रदान करनी होगी। पति या पत्नी और नामित के आधार की जानकारी प्रदान की जा सकती है।
  • एक ग्राहक केवल एक एपीवाई खाता खोल सकते हैं और यह अद्वितीय है। एकाधिक खातों की अनुमति नहीं है।
  • एक ग्राहक एक वर्ष के के दौरान एक बार पेंशन राशि को बढ़ाने या घटाने के लिए विकल्प चुन सकते हैं।
    एपीवाई ग्राहकों को पीआरएएन की सक्रियता, खाते में शेष राशि, योगदान क्रेडिट आदि के बारे में एसएमएस अलर्ट के माध्यम से समय-समय पर जानकारी सूचित कर दी जायेगी। ग्राहक को साल में एक बार खाते का भौतिक विवरण भी दिया जाएगा।
  • एपीवाई का सालाना भौतिक विवरण भी ग्राहकों के लिए प्रदान किया जाएगा।
    योगदान आवास/स्थान के परिवर्तन के मामले में भी ऑटो डेबिट के माध्यम से बिना रूकावट के प्रेषित किया जा सकता है।
  • योजना केवल भारतीय नागरिक के लिए ही है।
  • ग्राहक अप्रैल के महीने के दौरान एक वर्ष में एक बार ऑटो डेबिट सुविधा के मोड (मासिक/तिमाही/छमाही) को बदल सकते हैं


 कैसे करें आवेदन

 कैसे करें आवेदन सबसे पहले आप http://www.jansuraksha.gov.in/Forms.aspx यूआरअल को किसी ब्राउजर के जरिए खोलें। फिर आपको CENTER में एक ऑनलाइन फॉर्म दिखेगा।

क्या आप जानते है खोया पाया के बारे में आप भी मदत कर सकते है खोये बच्चो को उनके माता पिता से मिलाने में ,

क्या आप जानते है खोया पाया के बारे में आप भी मदत कर सकते है खोये बच्चो को उनके माता पिता से मिलाने में ,


लापता बच्चों का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण खोया पाया पोर्टल में अभी तक लगभग 6000 गुमशुदा और भगोड़े बच्‍चों की रिपोर्ट प्राप्‍त हुई हैं। इस पोर्टल की शुरूआत पिछले साल की गई थी। लापता बच्चों को रेलवे के सहयोग से मदद दी जा रही है। खोया पाया के तहत 13 हजार बच्चों की सहायता की जा चुकी है
लापता बच्चों की खोज के लिए सरकार तकनीक का पूरा सहारा लेगी। अब हजारों लोग मिलकर लापता बच्चा ढूंढेंगे और कोई ऐसा भी हो सकता है जो बच्चे का पता बता दे। इसके लिए बस आपको गुमशुदा बच्चे का ब्योरा और फोटो 'खोया-पाया' पोर्टल पर डालना होगा। link- Khoya Paya.Com
  • सरकार ने गुमशुदा बच्चों की सूचना आदान प्रदान करने के लिए 'खोया-पाया' पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल पर कोई भी नागरिक गुमशुदा या कहीं मिले बच्चे अथवा वयस्क की सूचना अपलोड कर सकता है। मंगलवार को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने मिलकर यह पोर्टल जारी किया।
  • पोर्टल जारी करते हुए महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि गुमशुदा बच्चों का पता लगाने के लिए यह पोर्टल सशक्त मंच साबित होगा। प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि डिजिटल तकनीकी का इस्तेमाल गरीबों की मदद के लिए हो और यह पोर्टल विशेषषतौर पर गरीबों के गुमशुदा बच्चों को ढूंढने का जरिया बनेगा।
  • उन्होंने कहा कि अमीरों के बच्चे गायब नहीं होते और अगर गुम भी हो जाते हैं तो मिल जाते हैं। लेकिन गरीब का बच्चा अगर गुम हो जाता है, तो जल्दी नहीं मिलता। गरीब व्यक्ति कुछ दिन तक अपना बच्चा ढूंढता है और फिर संसाधनों की कमी के चलते चुपचाप बैठ जाता है। 
  • यह पोर्टल ऐसे ही साधन हीन लोगों की मदद करेगा। लापता बच्चे की सूचना आदान प्रदान करने वाला 'खोया--पाया' एप मुफ्त में मोबाइल पर भी डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें सिर्फ लापता नहीं बल्कि पाए गए बच्चों की भी जानकारी दी जा सकती है।
  • मेनका गांधी ने कहा कि अभी भी लापता बच्चों का पोर्टल है, लेकिन यह पोर्टल फिलहाल पुलिस द्वारा संचालित होता है। इसमें उन्हीं लापता बच्चों का ब्योरा होता है,
  •  जिसकी पुलिस में सूचना दी जाती है। लेकिन इस नये पोर्टल में पुलिस में केस दर्ज कराने से पहले भी गुमशुदा की सूचना डाली जा सकती है।
  • उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा पोर्टल पहली बार शुरू हो रहा है। वैसे विदेश में ऐसे पोटर्ल हैं और करीब 25 फीसद गुमशुदा बच्चे पुलिस में मामला दर्ज होने से पहले ही पोटर्ल में दी गई सूचना से मिल जाते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि लापता बच्चे की पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई जानी चाहिए।

 क्या करना है

बच्चेे के गुम हो जाने के संबंध में माता-पिता/नागरिको द्वारा उठाए जाने वाले कदम
  • पुलिस के लिए 100 और चाइल्डलाइन के लिए 1098 डायल करें।
  • पुलिस स्टेशन जाएं और एफआईआर दर्ज कराएं ।
  • बच्चे की सूचना खोया-पाया और अन्य समान पॉर्टलों पर अपलोड करें।
  • याद करें कि बच्चे के गुम होते समय उसने क्या पहन रखा था। क्या उसके पास, मोबाइल फोन, पैसा, बैंक कार्ड, संवेदनपरक कोई अन्य वस्तु जैसेकि कोई खिलौना आदि था?
  • सभी स्थानीय मीडिया असाइनमेंट डेस्कों को अधिसूचित करें।
  • दोस्तों, जान पहचान के लोगों, और अपने बच्चे के संबंध में सूचना अथवा कोई सुराग रखने वाले व्याक्ति की सूची बनाएं/उनसे बात करें।
  • यदि आपको पता है कि आपका बच्चा कहां है और फिर भी आप उसकी सुरक्षा के लिए चिंतित है (उदाहरण के लिए वह ऐसे स्थान पर हैं जहां आपराधिक गतिविधियां होने का संदेह है) तो आप पुलिस से उस मकान अथवा स्थान की भलाई के इरादे से जांच कराने के लिए कह सकते हैं।
  • माता-पिता को स्टेथशन मास्टर अथवा को निकटस्थ रेलवे स्टेशन संबंधित अधिकारी को तत्काल सूचना देनी चाहिए क्येां कि बच्चे का दुर्व्यपार अथवा पलायन सामान्यत: रेलवे रूट के माध्यसम से ही होता है।
  • सूचना का प्रसार करने में सहायता के लिए तुरन्त पोस्टर बनाएं और इसका प्रचार करें। याद रखे कभी आशा नहीं छोड़े ।

संपर्क करें


Search Police Database For MISSING चिल्ड्रन वेबसाइट का लिए यहाँ क्लिक करे ............www.trackthemissingchild.gov.in

Friday, April 14, 2017

प्रधानमंत्री आवास योजना,Pradhan Mantri Awas Yojna in Hindi


माननीय प्रधानमंत्री ने राष्ट्र की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण हो जाने पर वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास की परिकल्पना की है। इस उद्येश्य की प्राप्ति के लिए केन्द्र सरकार ने एंक व्यापक मिशन "2022 तक सबके लिए आवास" शुरू किया है। 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस बहुप्रतीक्षित योजना को प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से प्रारम्भ किया है।
आवास विकास परिषद इस वित्तीय वर्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना पर तीन हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इससे पूरे सूबे में 20 हजार आवास बनाए जाएंगे। इनमें करीब पांच हजार आवास लखनऊ में बनेंगे।

सरकार की अनुमति मिलने के बाद परिषद योजना पर काम शुरू कर देगी। सूबे में नई सरकार आने के बाद आवास विकास परिषद ने नए वित्तीय वर्ष-2017-18 के लिए जो कार्ययोजना तैयार की है, उसमें प्रधानमंत्री आवास योजना पर काफी जोर दिया गया है।

फिलहाल, राजधानी में चल रही योजना के तहत दो हजार आवासों का पंजीकरण हुआ है जो एक मई तक चलेगा। इसमें वृंदावन और अवध विहार योजना में आवास बनाए जाएंगे। इसके बाद, करीब तीन हजार और आवासों का पंजीकरण खोलने की योजना है।

कॉमन सर्विस सेंटर्स पर भरे जा सकेंगे फॉर्म

  • देश भर में स्थापित 60,000 कॉमन सर्विस सेंटर्स पर प्रधानमंत्री आवास योजना के फॉर्म भरे जा सकेंगे।
  • एक फॉर्म भरने के लिए खर्च करने होंगे 25 रुपए।
  • कॉमन सर्विस सेंटर्स पर इस योजना के तहत भरे जाने वाले फॉर्म्स के लिए आवेदकों को रसीद भी दी जाएगी।
  • इस रसीद में आवेदक की फोटो लगी होगी। इस रसीद के जरिए आवेदन के स्टेटस का पता लगाया जा सकेगा।
  • आवेदकों को योजना की पूरी जानकारी और आवेदन करने के लिए अपने नजदीक के कॉमन सर्विस सेंटर पर जाना होगा।
  • इस योजना के लिए आधार कार्ड जरूरी है।
  • लेकिन मंत्रालय ने इसके अलावा एक और व्यवस्था की है, जिसके जरिए आधार कार्ड न होने पर पूरे वेरिफिकेशन के बाद लाभार्थी आवेदन कर सकेंगे।

 2022 तक सबको घर का लक्ष्य

इस पूरी परियोजना में 81975 रुपए खर्च होंगे, साथ ही इस बात का भी लक्ष्य रखा गया है कि 2016 से 2019 के बीच एक करोड़ घरों को पक्का बनाने में आर्थिक मदद की जाएगी। आपको बता दें कि देश के दो हिस्सों दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर बाकी पूरे देश में ये योजना चलाई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत मकानों की कीमत केंद्र और राज्यों के बीच बांटी जाएगी।

किसे मिल सकता है आवास योजना का लाभ

  • अगर आप आर्थिक रूप से कमजोर हैं और आप कम आय वर्ग में आते हैं तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। कम आय वर्ग में आपकी सालाना आय तीन लाख रुपए से कम होनी चाहिए।
  • जो लोग झुग्गियों में रहते हैं उनके लिए भी ये योजना कारगर है। इस योजना में आप अपनी भागीदारी देकर अपने लिए एक पक्के मकान की व्यवस्था कर सकते हैं।
  • अगर कोई व्यक्ति अपने कच्चे मकान को पक्का बनाने में आर्थिक रूप से कमजोर हैं तो इसके लिए भी सरकार उसकी मदद करेगी। बस इसके लिए व्यक्ति खुद को आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग में दर्शाना होगा।
  • यदि किसी के पास केवल प्लॉट है और मकान बनाने की स्थिति नहीं तो उसे बैंक से कम ब्याज पर लोन दिलवाया जाएगा। उसमें से डेढ़ लाख रुपए सरकार वहन करेगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य:


  • स्वामित्व वाली साइट पर मकान / फ्लैट, मकान के निर्माण की खरीद, निर्माण के तहत फ्लैटों की खरीद।
  • मेहनत और पक्का मकान बनाने के लिए व्यापक नवीकरण की आवश्यकता के कमरे, रसोई, शौचालय आदि मौजूदा रहने वाली कुछ इकाई के अलावा मरम्मत।
  • नए मकान / फ्लैट की खरीद क्षेत्र मानदंडों को इस बात की पुष्टि
  • घर के कारपेट एरिया का निर्माण / बढ़ाया 30 वर्ग। मीटर ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों के लिए और 60 वर्ग तक होना चाहिए जा रहा है। एलआईजी लाभार्थियों क्रमशः के लिए मीटर है। (कारपेट क्षेत्र की दीवारों के भीतर संलग्न है)।
  • एक घर। ईडब्ल्यूएस के लिए और 60 वर्गमीटर तक। पर्याप्त बुनियादी सेवाओं के साथ एलआईजी श्रेणी के लिएएक सभी मौसम एकल इकाई या तक 30 वर्गमीटर के कारपेट एरिया होने के एक बहु मंजिला सुपर संरचना में एक इकाई के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • पात्र लाभार्थी, उसकी / उसके विवेक पर, बड़ा क्षेत्र है, लेकिन ब्याज सब्सिडी के एक घर का निर्माण पहले Rs.6लाख ही की ऋण राशि के लिए सीमित हो जाएगा कर सकते हैं।
  • ·विस्तार के लिए / मौजूदा मकान की मरम्मत, क्षेत्र को सीमित वर्ग। 30 मीटर और 60 वर्ग होगी। एम क्रमशः ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के लिए निर्मित क्षेत्र।

 प्रधानमंत्री आवास योजना पाने की पात्रता : 

  • लाभार्थियों की आयु 55 वर्ष से 21 वर्ष की होगी। हालांकि, अगर परिवार के मुखिया / लाभार्थी की आयु 50 वर्ष से अधिक है, प्रमुख कानूनी वारिस ऋण में शामिल होने के लिए।
  • आय के स्तर:ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों के लिए वार्षिक घर के आय रुपये तक हो जाएगा। 3.00 लाख। एलआईजी लाभार्थियों के लिए वार्षिक आमदनी घर के 3.00 लाख से ऊपर और Rs.6.00 लाख तक होगी।
  • आय का प्रमाण:वेतनभोगी के लिए / वेतन प्रमाण पत्र, वेतन निकल जाता है, फार्म 16, ITRS जो भी लागू हो beneficiaries- कार्यरत हैं।
  • स्व कार्यरत / व्यावसायिक और स्व beneficiaries- अन्य आय प्रमाण पत्र के लिए घोषित / हलफनामा 2.50लाख रुपये तक की वार्षिक आय के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है। 2.50 लाख से अधिक वार्षिक आय केलिए, उपयुक्त इनकम सबूत प्रस्तुत किया जाना है।

प्रधानमंत्री आवास योजना की अन्य शर्तें

  • एक लाभार्थी पति, पत्नी और अविवाहित बच्चों के शामिल एक परिवार के रूप में परिभाषित किया गया है और वे उसकी / उसके नाम में या भारत के किसी भी हिस्से में परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर एक पक्कामकान ही नहीं चाहिए।
  • मकान / फ्लैट पानी, बिजली, शौचालय, सफाई, सीवरेज, सड़कों आदि जैसी बुनियादी नागरिक सुविधाएं हैं करने के लिए वित्त पोषण किया
  • हाउस निर्माण / अधिग्रहण किया घर की महिला मुखिया के नाम में या घर और उनकी पत्नी के पुरुष सिर के संयुक्त नाम में होना चाहिए। केवल मामलों में, जहां परिवार में कोई वयस्क महिला सदस्य नहीं है, घर घर के पुरुष सदस्य के नाम हो सकता है।
  • हालांकि इस शर्त केवल नई खरीद के लिए और नए निर्माण के लिए लागू नहीं है (भूमि के मौजूदा टुकड़ा ओनान)या बढ़ाने के लिए / एक मौजूदा घर की मरम्मत।
  • लाभार्थियों ऋण या तो सीधे या शहरी स्थानीय निकाय या एनजीओ के माध्यम से या लोकल एजेंसी राज्य / यूएलबी द्वारा की पहचान के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
  • अनिवासी भारतीयों को भी इस योजना के तहत पात्र हैं।
निर्माण के उद्देश्य के मामले में, संवितरण के प्रति निर्माण। (4 से ज्यादा चरणों) में प्रगति के रूप में चरणों में कियाजाएगा। हालांकि, निर्माण सब्सिडी के लिए पात्र बनने के लिए 18 महीने के भीतर पूरा किया जाना है।

प्रधानमंत्री आवास योजना की चुकौती:

  • ऋण स्थगन अवधि सहित 15 साल के भीतर ईएमआई में चुकाया जाना है।
  • ऋण की अवधि 15 वर्ष से अधिक हो सकता है, लेकिन ब्याज सब्सिडी 15 साल तक के कार्यकाल के लिए लागूहोगी।
  • मकान / फ्लैट पुनर्भुगतान के निर्माण के मामले में मकान / फ्लैट के पूरा होने या पहले से संवितरण जो भी पहले हो के 18 महीने के बाद एक महीने के शुरू करने के लिए। तैयार बनाया मकान / फ्लैट के मामले में, चुकौती संवितरण के बाद एक महीने के शुरू करने के लिए।

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सब्सिडी:

  • लाभार्थी 15 साल के एक कार्यकाल या ऋण की अवधि जो भी कम हो के लिए 6.5% की दर से ब्याज सब्सिडी के लिए पात्र होंगे। ब्याज सब्सिडी का शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) 9% की छूट दर पर गणना की जाएगी।
  • ब्याज सब्सिडी 6.00 लाख से परे केवल रुपये तक के ऋण की राशि के लिए उपलब्ध हो जाएगा। 6.00 लाख और ऋण की राशि, यदि कोई हो, गैर-रियायती दर यानी, सामान्य बैंक दर से कम हो जाएगा।
  • बैंक ऋण के संवितरण के बाद संबंधित केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) से सब्सिडी का दावा करेंगे और यह कम प्रभावी आवास ऋण और ईएमआई में जिसके परिणामस्वरूप ऋण खाते में अग्रिम जमा की जाएगी।
  • मामले में एक उधारकर्ता, जो इस योजना के तहत आवास ऋण लिया है और ब्याज में छूट का लाभ उठाया है, पर बाद में, पर एक और ऋण संस्था के लिए स्विच, ऐसे लाभार्थी फिर से ब्याज छूट के लिए पात्र नहीं होगा।
  • खाते के एनपीए या परियोजना ठप है या निर्माण 18 महीने में पूरा नहीं हो जाता है, तो ब्याज सब्सिडी बरामद किया है और केंद्रीय नोडल एजेंसी को वापस किया जाएगा।

 कैसे करें आवेदन

 कैसे करें आवेदन सबसे पहले आप http://pradhanmantriawasyojna.com/ यूआरअल को किसी ब्राउजर के जरिए खोलें। फिर आपको एक दाएं साइड में एक ऑनलाइन फॉर्म दिखेगा। उसमें अपना नाम, पता, फोन नंबर, आदि के बारे में जानकारी भरें, फिर नीचे दिए गए सबमिट बटन पर क्लिक करें।

सुकन्या समृद्धि योजना.Sukanya Samriddhi Yojna Details in Hindi

Sukanya Samriddhi Yojna Details in Hindi
बेटियों के भविष्‍य के लिए पैसे जोड़ने के लिए सुकन्‍या समृद्धि योजना एक अच्‍छी स्‍कीम है। इस योजना पर न सिर्फ पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) की तुलना में ज्‍यादा ब्‍याज मिलेगा बल्कि, यह माता-पिता की टैक्‍स प्‍लानिंग में भी मददगार होता है। आप अपनी 10 साल तक की बेटी के लिए यह खाता खुलवा सकते हैं। इस पर वर्तमान में 8.1 फीसदी सालाना का ब्‍याज मिल रहा है जो पीपीएफ के मुकाबले अधिक है।


महत्वपूर्ण बिंदु

  • यदि कोई बालिका जिसने इस नियम के प्रारंभ होने के एक वर्ष पहले दस वर्ष की आयु प्राप्त कर ली थी वह भी खाता खोलने के लिए पात्र होगी।
  • जमाकर्ता बालिका के नाम से केवल एक ही खाता खोल और संचालित कर सकता है। माता-पिता या संरक्षक केवल दो बालिकाओं के लिए खाता खोल सकते हैं, जुड़वा बच्चे के संबंध में प्रमाण प्रस्तुत करने पर तीसरा खाता खोलने की अनुमति दी जाएगी।
  • यह खाता एक हजार रुपये की प्रारंभिक जमा राशि से खोला जाएगा और एक वित्तीय वर्ष में इसमें न्यूनतम एक हजार और अधिकतम एक लाख पचास हजार रुपये जमा किए जा सकेंगे।
  • खाते में रकम खाता खोलने की तारीख से चौदह वर्ष पूर्ण होने तक जमा की जा सकेगी।
  • यदि खाते में न्यूनतम राशि जमा नहीं की गई है तो न्यूनतम जमा राशि सहित 50 रु. प्रतिवर्ष के जुर्माने के साथ खाते को नियमित कराया जा सकेगा।
  • ब्याज अधिसूचित की जाने वाली दर पर वार्षिक या मासिक देय होगी।
  • खाता बालिका के दस वर्ष आयु पूर्ण करने तक माता-पिता द्वारा खोला और संचालित किया जाएगा।
  • बालिका के दस वर्ष आयु प्राप्त करने के पश्चात वह स्वयं खाता संचालित कर सकेगी।खाता भारत वर्ष में कहीं भी अंतरित किया जा सकेगा।
  • खाते से जमा राशि के पचास प्रतिशत तक की राशि निकालने की अनुमति तब दी जाएगी जब बालिका अठ्ठारह वर्ष की हो जाएगी।
  • बालिका की मृत्यु होने पर संरक्षक द्वारा खाता बंद कर दिया जाएगा और राशि ब्याज सहित आहरित कर ली जाएगी।
  • खाता खोलने की तारीख से इक्कीस वर्ष पूर्ण होने पर खाता परिपक्व होगा।
  • यदि बालिका का विवाह 21 वर्ष अवधि पूर्ण होने से पहले होता है तो विवाह की तारीख के पश्चात खाते के
  • चालन की अनुमति नहीं होगी। खाता चालन बंद होने के पश्चात आहरण पर्ची द्वारा जमा राशि ब्याज सहित प्राप्त होगी।

 क्‍या है खाता खुलवाने की विधि

सुकन्‍या समृद्धि योजना का खाता आप किसी भी पोस्‍ट ऑफिस या बैंकों की अधिकृत शाखा में खुलवा सकते हैं।
आम तौर पर जो भी बैंक पीपीएफ खाता खोलने की सुविधा उपलब्‍ध कराते हैं, वे सुकन्‍या समृद्धि योजना का खाता भी खोलते हैं।
खाता खुलवाने के लिए इन दस्‍तावेजों की होती है जरूरत

सुकन्या समृद्धि खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ ?

  • बच्‍ची का जन्‍म प्रमाणपत्र।
  • जमाकर्ता (माता-पिता या अभिभावक) का पहचान पत्र जैसे पैन कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि।
  • जमाकर्ता के पते का प्रमाणपत्र जैसे पासपोर्ट, राशन कार्ड, बिजली बिल, टेलीफोल बिल आदि।
  • सुकन्‍या समृद्धि योजना का फॉर्म अाप पोस्‍ट ऑफिस या बैंंक से प्राप्‍त कर सकते हैं
  • खाता खुल जाने पर जिस पोस्‍ट ऑफिस या बैंक में आपने खाता खुलवाया है वह आपको एक पासबुक देता है।
  • पैसे जमा करने के लिए आप नेटबैंकिंग का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं।
  •  सुकन्या समृद्धि योजना: हर महीने 1000 रु. देने पर 21 साल बाद मिलेंगे 6 लाख
  •  यह है योजना :इस अकाउंट में एक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 1 हजार और अधिक से अधिक डेढ़ लाख रुपया या इसके बीच की कितनी भी रकम जमा कर सकते हैं। यह पैसा अकाउंट खुलने के 14 साल तक ही जमा करवाना पड़ेगा। मगर, खाता बेटी के 21 साल की होने पर ही मैच्योर होगा। बेटी के 18 साल के होने पर आधा पैसा निकलवा सकते हैं।
  • 21 साल के बाद खाता बंद हो जाएगा और पैसा गार्जियन को मिल जाएगा। अगर बेटी की 18 से 21 साल के बीच मैरिज हो जाती है तो अकांउट उसी वक्त बंद हो जाएगा। अगर पेमेंट लेट हुई तो सिर्फ 50 रुपए की पैनल्टी लगेगी। गार्जियन अपनी दो बेटियों के लिए दो अकाउंट खोल सकते हैं। जुड़वां होने पर उसका प्रूफ देकर ही तीसरा खाता खोल सकेंगे। खाते को आप कहीं भी ट्रांसफर करा सकेंगे।