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Sunday, January 22, 2023

राजमा खाने के फायदे,,Health Benefits of Red Kidney Beans in Hindi,

राजमा (Red Kidney Beans) खाने में स्वादिष्ट लगने के साथ ही यह सेहत का भी खजाना है। दिल और दिमाग की सेहत बनी रहने के अलावा राजमा (Red Kidney Beans) के सेवन से शरीर में ऊर्जा भी बनी रहती है। मस्तिष्क के लिए असरदार : राजमा खाने से दिमाग को बहुत फायदा होता है. इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन ‘के’ पाया जाता है. जोकि नर्वस सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है. साथ ही ये विटामिन ‘बी’ का भी अच्छा स्त्रोत है, जोकि मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए बहुत जरूरी है. ये दिमाग को पोषित करने का काम करता है।

Red Kidney Beans Benefits in Hindi,

    • ताकत का स्रोत : राजमा में उच्च मात्रा में आयरन मौजूद होता है, जिस वजह से ये ताकत देने का काम करता है। शरीर के मेटाबॉलिज्म और ऊर्जा के लिए आयरन की जरूरत होती है, जो राजमा खाने से पूरी हो जाती है. साथ ही ये शरीर में ऑक्सीजन के सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है।
    • मधुमेह के लिए लाभप्रद : बीन्स का ‘ग्लाइसेमिक इन्डेक्स’ कम होता है इसका अभिप्राय यह है कि जिस तरह से अन्य भोज्य पदार्थों से रक्त में शक्कर का स्तर बढ़ जाता है, बीन्स खाने के बाद ऐसा नहीं होता। बीन्स में मौजूद फाइबर रक्त में शक्कर का स्तर बनाए रखने में मदद करते हैं। और बीन्स की इस ख़ासियत की वजह से मधुमेह के रोगियों को बीन्स खाने की सलाह देते हैं।
    • ऐसे उदाहरण भी हैं कि बीन्स का ज़ूस शरीर में इन्सुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है। इस वजह से जिन्हें मधुमेह है या मधुमेह का खतरा है उनके लिये बीन्स खाना बहुत लाभदायक है। बीन्स का ज़ूस उत्तेजक ( स्टिम्युलेंट) होता है इसकी इसी प्रकृति के कारण यह उन लोगों को बहुत फ़ायदा करता है जो लंबी बीमारी से जूझ रहे हैं या जो बीमारी पश्चात पूर्ण स्वास्थ्य लाभ चाहते हैं। बीन्स का 150 मिली ज़ूस हर रोज़ पीना आपके इस उद्देश्य को भली-भाँति पूरा कर देगा।
    • फ्रेंच बीन्स किडनी से संबंधित बीमारियों में भी काफी फ़ायदेमंद है। किडनी में पथरी की समस्या हो तब आप यह नुस्खा अपनाएँ। आप 60 ग्राम बीन्स की पौध लेकर इसे चार लीटर पानी में चार घंटे तक उबाल लें। फिर इसके पानी को कपड़े से छान लें और छने हुए पानी को करीब आठ घंटे तक ठंडा होने के लिए रख दें। अब इसे फिर से छान लें पर ध्यान रखें कि इस बार इस पानी को बिना हिलाए छानना है। इसे दिन में दो-दो घंटे से पीयें, यह नियम एक हफ्ते तक दोहराएँ। इसके परिणाम आशानुरूप मिलेंगे।
    • पाचन क्रिया में सहायक : राजमा में उच्च मात्रा में फाइबर होते हैं. जो पाचन क्रिया को सही बनाए रखते हैं। साथ ही ये ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित रखने में मददगार होता है।
    • माइग्रेन की प्रॉब्लम खत्म करता है : इसमें मौजूद फोलेट की मात्रा दिमाग के काम करने की क्षमता को बढ़ाने के साथ ही उसे दुरुस्त भी रखती है। मैग्नीशियम की मात्रा माइग्रेन जैसी गंभीर समस्या में राहत दिलाती है। हफ्ते में एक बार इसका सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।
    • कैंसर से बचाव : राजमा में मौजूद मैंगनीज़, एंटी-ऑक्सीडेंट का काम करता है। यह फ्री रैडिकल्स को डैमेज होने से रोकता है। इसके साथ इसमें मौजूद विटामिन के की मात्रा सेल्स को बाहरी नुकसानदायक चीजों से बचाती है जो कैंसर का मुख्य कारण होते हैं।
    • कैलोरी की प्राप्ति : राजमा में जिस मात्रा में कैलोरी मौजूद होती है वो हर आयु वर्ग के लिए सही होती है। आप चाहें तो इसे करी के अलावा सलाद और सूप के रूप में भी ले सकते हैं। ऐसे लोग जो अपने वजन को नियंत्रित करना चाहते हैं उनके लिए लंच में राजमा का सलाद और सूप लेना फायदेमंद रहेगा।
    • नर्वस सिस्टम के लिए अच्छा : विटामिन के की पर्याप्त मात्रा ब्रेन के साथ ही नर्वस सिस्टम के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होती है। राजमा में मौजूद थियामिन की मात्रा दिमाग की क्षमता बढ़ाती है। इससे अल्जाइमर जैसी बीमारी दूर रहती है और याददाश्त भी बढ़ती है।
    • शरीर की सफाई : राजमा खाने से शरीर के अंदर मौजूद गंदगी बाहर निकलती है, क्योंकि इसमें मॉलिबडेनम पाया जाता है जिसका काम बॉडी को डिटॉक्सीफाई करना है। साथ ही कई प्रकार की एलर्जी को दूर करने के साथ ही सिरदर्द जैसी समस्या को भी कम करता है।
    • फाइबर की उचित मात्रा : राजमा में उच्च मात्रा में फाइबर होते हैं। जो पाचन क्रिया को सही बनाए रखते हैं। साथ ही ये ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित रखने में मददगार होता है।
    • इम्यून सिस्टम मज़बूत बनाएं : राजमा में सिर्फ फाइबर और प्रोटीन ही नहीं होता बल्कि काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यून सिस्टम को बढ़ाते हैं और फ्री रेडिकल्स से इसे मुक्त रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि एंटीऑक्सीडेंट्स में एंटी-एजिंग तत्व भी पाए जाते हैं।
    • ब्लड शुगर में कण्ट्रोल : राजमा में घुलनशील फाइबर पाए जाते हैं, जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करते हैं। राजमा प्रोटीन का भी बहुत अच्छा स्रोत होता है। ये दोनों ही मिलकर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करते हैं।
    • कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण : राजमा में उच्च मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। साथ ही ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करने का काम करता है। मैग्नीशियम की मात्रा दिल से जुड़ी बीमारियों से लड़ने में भी सहायक होती है।
    • हाइपरटेंशन कम करने में सहायक : राजमा पोटाशियम और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। साथ ही इसमें फाइबर और प्रोटीन भी पाया जाता है। ये सभी दिल की सेहत के लिए बहुत जरूरी पोषक तत्व माने जाते हैं। पोटाशियम और मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं में घुल जाते हैं जिससे कि ब्लड फ्लो आसान हो जाता है।
    • एनर्जी : आयरन की भरपूर मात्रा लिए राजमा बॉडी को एनर्जी भी प्रदान करती है। इसके अलावा मैंगनीज़ की मौजूदगी भी मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करके एनर्जी बढ़ाने का काम करती है।
    • हड्डियों की मजबूती के लिए : कमजोर हड्डियां ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी का कारण होती हैं। मजबूत हड्डियों के लिए कैल्शियम और मैंगनीज़ की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है जिसे राजमा खाकर पूरा किया जा सकता है। इसके साथ ही राजमा में फोलेट की मौजूदगी होमोसिस्टीन लेवल को कंट्रोल करती है, जो हड्डियों के टूटने की मुख्य वजह है।
    • वजन घटाने में सहायक : वजन घटाने के तमाम प्रयासों से हार मान चुके हैं, तो हरी सब्जी बीन्स का सहारा लें। बीन्स से बने उत्पादों का सेवन करके आप अपना मोटापा घटा सकते हैं। बीन्स का इस्तेमाल आप किसी भी तरह कर सकते हैं। वजन नियंत्रित करना-बीन्स में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, प्रति कप में 10 ग्राम। मोटे या आवश्यकता से अधिक वजन वाले लोग जो कम कैलोरी, उच्च प्रोटीन, उच्च फाइबर युक्त आहार लेते हैं, उनका वजन उन लोगों की तुलना में कम होता है जो नियमित तौर पर नियंत्रित मात्रा में कैलोरी, उच्च कार्बोहाइड्रेट और कम फैट वाला आहार लेते हैं।पोषक तत्त्वों से भरपूर-फल तथा सब्जियों की तरह बीन्स भी पोषक तत्त्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ है इसका अर्थ यह है कि इसमें शरीर की प्रक्रिया के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्त्व उपस्थित होते हैं तथा साथ ही साथ इसमें कैलोरी भी कम होती है। साथ ही साथ कॉपर आयरन के साथ मिलकर लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। इसके अलावा कॉपर रक्तप्रवाह, प्रतिरक्षा प्रणाली, तथा हड्डियों को स्वस्थ तथा संतुलित रखता है।
    • फास्फोरस तथा मैग्नीशियम शक्तिशाली हड्डियों के लिए आवश्यक हैं तथा मैग्नीशियम के साथ पौटेशियम रक्त के दबाव के स्तर को नियंत्रित रखता है।आपके पेट को भरा रखता है-इसमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, जिसके कारण यह एक ऐसा स्नैक है जो आपके पेट को भरा रखता है जिससे आप खाने की और आकर्षित नहीं होते।

      Friday, June 04, 2021

      चुकंदर के औषधीय गुण-Health Benefits of Beetroot in Hindi,Beet juice Benefits

      चुकंदर के औषधीय गुण-Health Benefits of Beetroot in Hindi,beetroot juice,beet juice benefits
      गुणों से भरपूर- सोडियम पोटेशियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, आयोडीन, आयरन और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन पाए जाते है इसे खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है। हर्बल जानकार चुंकदर को कैंसर जैसे भयावह रोग से ग्रसित रोगी को खिलाने की सलाह देते हैं। इनका मानना है कि चुकंदर कैंसर नियंत्रण में काफी मददगार होता है, चुकंदर का सेवन अधिक उम्र वालों में भी ऊर्जा का संचार करता है। इसमें एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो हमेशा जवान बनाएं रखते हैं। 
      Health Benefits of Beetroot आदिवासी हर्बल जानकार चुकंदर सेवन की सलाह गर्भवती महिलाओं को देते हैं। इनके अनुसार चुकंदर का सेवन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान भी करना चाहिए। यह महिलाओं को ताकत प्रदान करता है और शरीर में रक्त की मात्रा तैयार करने में मददगार साबित होता है। चुकंदर में भरपूर मात्रा में लौह तत्व और फ़ोलिक एसिड पाए जाते हैं जो रक्त निर्माण के लिए मददगार होते हैं।

      चुकंदर के औषधीय गुण

      • एनीमिया में चुकंदर का जूस मानव शरीर में खून बनाने की प्रक्रिया में उपयोगी होता है। आयरन की प्रचुरता के कारण यह लाल रक्त कोशिकाओं को सक्रिय और उनकी पुर्नरचना करता है। यह एनीमिया के उपचार में विशेष रूप से उपयोगी होता है। इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
      • त्वचा के लिए फायदेमंद- यदि आपको आलस महसूस हो रही हो या फिर थकान लगे तो चुकंदर का खा लीजिये। इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है जो शरीर की एनर्जी बढाता है।सफेद चुकंदर को पानी में उबाल कर छान लें। यह पानी फोड़े, जलन और मुहांसों के लिए काफी उपयोगी होता है। खसरा और बुखार में भी त्वचा को साफ करने में इसका उपयोग किया जा सकता है। 
      • चुकन्दर में ’बिटिन‘ नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में कैंसर तथा ट्यूमर बनने की संभावनाओं को नष्ट कर देता है तथा यह शरीर में रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है।
      • चुकन्दर के नियमित सेवन से दूध पिलानेवाली स्त्रियों के दूध में वृद्धि होती है। चुकन्दर का
      • नियमित सलाद खाते रहने से पेशाब की जलन में फायदा होता है। पेशाब के साथ कैल्शियम का शरीर से निकलना बन्द हो जाता है।
      • कब्ज तथा बवासीर में चुकन्दर गुणकारी है। रोज इसके सेवन से कब्ज तथा बवासीर की तकलीफ नहीं रहती। एनीमिया (रक्ताल्पता) में एक कप चुकन्दर का रस दिन में ३ बार लें। सुबह शाम रोज १ कप चुकन्दर का रस सेवन करने से स्मरणशक्ति बढ़ती है। इससे दिमाग की गर्मी तथा मानसिक कमजोरी दूर होती है।
      • एक कप चुकन्दर के रस में एक चम्मच नीबू का रस मिलाकर पीने से पाचन क्रिया की अनियमितताएँ दूर होती हैं तथा उल्टी, दस्त, पेचिश, पीलिया में लाभ होता है। रोजाना सोने से पहले एक कप चुकन्दर का रस पीने से बवासीर में लाभ होता है। चुकन्दर के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से गेस्ट्रिक अल्सर में फायदा होता है।
      • चुकन्दर के रस में गाजर तथा खीरे का रस मिलाकर सेवन करने से गुर्दे तथा गाल ब्लेडर की सफाई होती है। चुकन्दर का रस एक कप दिन में दो बार पीने से या १०० ग्राम चुकन्दर का नियमित सेवन करने से गुर्दे सम्बन्धी रोगों में फायदा होता है। Health Benefits of Beetroot
      • चुकन्दर के रस में गाजर का रस तथा पपीता या संतरे का रस मिलाकर दिन में २ बार सेवन करने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। स्त्रियों के गर्भाशय सम्बन्धी रोगों में चुकन्दर विशेष लाभकारी है। बार-बार गर्भपात होता है या कम मासिक आने में बी यह लाभदायक होता है। इसके लिये एक प्याला चुकन्दर का रस सुबह खाली पेट पीना चाहिए।
      • गर्भवती स्त्रियों को चुकन्दर, गाजर, टमाटर तथा सेव का रस मिलाकर पिलाने से उनके शरीर में विटामिन ए.सी.डी तथा लोहे की कमी नहीं हो पाती। यह रक्तशोधन करके शरीर को लाल सुर्ख बनाने में सहायता करता है।
      • दिल की बीमारियां- चुकंदर में नाइट्रेट नामक रसायन होता है जो रक्त के दबाव को काफी कम कर देता है और दिल की बीमारी के जोखिम को भी कम करता है। चुकंदर एनीमिया के उपचार में बहुत उपयोगी माना जाता है। 
      • यह शरीर में रक्त बनाने की प्रक्रिया में सहायक होता है। आयरन की प्रचुरता के कारण यह लाल रक्त कोशिकाओं को सक्रिय रखने की क्षमता को बढ़ा देता है। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और घाव भरने की क्षमता भी बढ़ जाती है।
      • हाई ब्लड प्रेशर में- लंदन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने रोज चुकंदर का जूस पीने वाले मरीजों को अध्ययन में शामिल किया। उन्होंने रोज चुकंदर का मिक्स जूस [गाजर या सेब के साथ] पीने वाले मरीजों के हाई ब्लड प्रेशर में कमी पाई। अध्ययन के मुताबिक रोजाना केवल दो कप चुकंदर का मिक्स जूस पीने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। हालांकि इसका ज्यादा सेवन घातक साबित हो सकता है।
      • कब्ज और बवासीर-चुकंदर का नियमित सेवन करेंगे, तो कब्ज की शिकायत नहीं होगी। बवासीर के रोगियों के लिए भी यह काफी फायदेमंद होता है। रात में सोने से पहले एक गिलास या आधा गिलास जूस दवा का काम करता है।
      • लोग जिम में जी तोड़ कर वर्कआउट करते हैं उन्हें खाने के साथ चुकंदर खाना चाहिए। इससे शरीर में एनर्जी बढती है और थकान दूर होती है। साथ ही अगर हाई बीपी हो गया हो तो इसे पीने से केवल 1 घंटे में शरीर नार्मल हो जाता है Health Benefits of Beetroot
      • आदिवासी एसिडिटी होने पर चुकंदर के जूस के सेवन की सलाह देते हैं। चुकंदर न सिर्फ किडनी की सफाई में मदद करता है बल्कि यकृत को स्वस्थ बनाने में भी मदद करता है।
      • चुकंदर को एंटी एजिंग के लिए एक महत्वपूर्ण और कारगर फार्मुला माना गया है। यह शारीरिक कोशिकाओं को तरोताजा रखने में सहायक तो होता ही है इसके अलावा रक्त संचार को सुचार रखने में बेहतर साबित होता है।

      कौन से रोग में कौन सा कैसा जूस पिया जाए Health Benefits of Juices in Hindi

      जूस का सेवन सेहत के लिहाज से बहुत फायेदमंद होता है, लेकिन क्‍या आपको पता है कौन सा जूस कब पीना चाहिए, अगर नही तो यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा रोगो के हिसाब से जूस का सेवन कब और कैसे करना चाहिए जूस में भरपूर मात्रा में विटामिन, कैल्सियम, मिनरल और फाइबर होता है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है साथ ही कई रोगों से भी बचाता है। आइये जानते है कौन  से रोग में कौन सा कैसा जूस पिया जाए जो सेहत के लिए लाभ दायक होगा

      1-►गठियावात रोग के लिए जूस-

      नीबू, खीरा, गाजर, पालक, चुकंदर का रस उपयोगी है

      2-►मधुमेहरोग के लिए जूस-

      गाजर, संतरा, पालक, मुसम्बी, अन्नानास, नीबू, का रस उपयोगी है 

      3-►उच्च रक्तचापरोग के लिए जूस-

      संतरा, अंगूर, गाजर चुकंदर, खीरा का रस उपयोगी है.

      4-►सर्दी-जुकाम रोग के लिए जूस-

      नीबू,संतरा,अनन्नास, गाजर,प्याज, पालक का रस उपयोगी है

      4-►आँखों के लिए-

      टमाटर, गाजर, पालक, खुबानी का रस उपयोगी है 

      5-►मोटापे के लिए-

      नीबू, संतरा, अनन्नास, टमाटर, पपीता, चुकंदर, गाजर, पालक, पत्तागोभी का रस उपयोगी है.

      6-►अल्सर के लिए-

      गाजर, पत्तागोभी, अंगूर, खुबानी का रस उपयोगी है

      7-►टांसिल के लिए-

      नीबू, संतरा, अनन्नास, गाजर, पालक, मूली, खुबानी का रस उपयोगी है

      8-►सिरदर्द के लिए-

      अंगूर, नीबू, गाजर, पालक का रस उपयोगी है

      9-►अनिद्राके लिए-

      सेव, गाजर, अंगूर, नीबू कर रस उपयोगी है.

      10-►रक्ताल्पता के लिए-

      गाजर, पालक, काले अंगूर, चुकंदर, खुबानी का रस उपयोगी है.

      11-►कब्जके लिए-

      अंगूर, गाजर, चुकंदर, पपीता का रस उपयोगी है.

      12-►बुखार के लिए-

      संतरा, नीबू, मुसम्बी, गाजर, अनन्नास, प्याज, पालक, खुबानी का रस उपयोगी है

      13-►पीलिया के लिए-

      गन्ना, नीबू, गाजर,अंगूर,चुकंदर, खीर, मुली, पालक, नाशपाती का रस उपयोगी है 

      हीमोग्लोबिन बढाने के घरेलु उपाय How to Increase Your Haemoglobin Level in Hindi,

      How to Increase Blood in Body in Hindi

        जब हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या या हीमोग्लोबिन की संख्या सामान्य से कम होती है तो यह रक्त की कमी या एनीमिया कहलाता है। चूंकि यह अपने आप में कोई बीमारी तो नहीं है परंतु यह दूसरे गंभीर बीमारियों का एक लक्षण हो सकता है।

        खून में स्थित लाल रक्त कोशिकाएँ शरीर में ऑक्सीज़न का वाहन करती है और शरीर के विभिन्न भागों तक ऑक्सीज़न पहुँचती है। यदि खून में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाय तो हमारे शरीर के विभिन्न भागों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीज़न नहीं पहुँच पाएगा और हमे थकान महसूस होने लगेगा। इस ऑक्सीज़न को पूरा करने के लिए हमे ज़ोर-ज़ोर से श्वास लेने की जरूरत महसूस होगी। इस तरह हमे श्वास लेने में तकलीफ होने लगेगी। हमे चक्कर आने लगेगा और व्याकुलता महसूस होगी।

        शरीर में खून की कमी के लक्षण

        • शरीर में खून की कमी हो जाने पर रोगी कमजोरी, थकावट, शक्तिहीनता और चक्कर आना 
        • चमडी पर समय पूर्व  झुर्रियां पड जाना ,याददाश्त की कमी,  
        • मामूली काम करने या चलने पर सांस फ़ूल जाना, 
        • घाव हो जाने पर उसके ठीक होने या भरने में जरूरत से ज्यादा वक्त लगना,सिर दर्द होना 
        • दिल की धडकन  बढ जाना ये लक्षण भी रक्त की कमी के रोगी में अक्सर देखने को मिलते हैं। 

        खून की कमी के कारण

        • पोषक तत्वों की कमी
        •  लाल रक्त कणिकाएं नष्ट होना
        •  रक्त संबंधी आनुवांशिक बीमारियाँ
        • आयरन और विटामिन B12 की कमी आदि

        हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए के घरेलू उपाय

        • एक गिलास चुकंदर (बीटरूट) के रस में शहद मिला कर अथवा आनार का रस सुबह-शाम प्रतिदिन सेवन करें। इससे हीमोग्लोबिन तेजी से बढ़ती है। 
        • दो घंटे के लिए 2 चम्मच तिलों को पानी में भिगों लें और बाद में पानी से छानकर इसका पेस्ट बना लें अब इसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार सेवन करें।
        • काफी और चाय का सेवन कम कर दें। एैसा इसलिए क्योंकि ये चीजें शरीर को आयरन लेने से रोकते हैं
        • आप अपने भोजन में गेहूं, मोठ,मूंग और चने को अंकुरित करकेउसमें नींबू मिलाकर सुबह का नाश्ता लें
        • पके आम के गुदे को मीठे दूध के साथ सेवन करें। एैसा करने से खून तेजी से बढ़ता है।
        • शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए मूंगफली के दानोंको गुड़ के साथ चबा-चबा कर सेवन करें।
        • सिंघाड़ा शरीर में खून और ताकत दोनो को बढ़ाता है। कच्चे सिंघाड़े को खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से बढ़ता है।
        • मुनक्का, अनाज, किशमिश, दालें और गाजर का नियमित सेवन करें और रात को सोने से पहले दूध में खजूर डालकर उसको पीएं।
        • अमरूद, पपीता, चीकू, सेब और नींबू आदि फलो का अधिक से अधिक सेवन करें।
        • आंवले का रस और जामुन का रस बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।
        • एक गिलास टमाटर का रस रोज पीने से भी खून की कमी दूर होती है। इसलिए टमाटर का सूप भी बनाकर आप ले सकते हो।
        • बथुआ, मटर, सरसों, पालक, हरा धनिया और पुदीना को अपने भोजन में जरूर शामिल करें।
        • फालसे का शर्बत या फालसे का सेवन सुबह शाम करने से शरीर में खून की मात्रा जल्दी बढ़ती है।
        • शरीर में खून को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से लहसुन और नमक की चटनी का सेवन करे। यह हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करता है।
        • सेब का जूस रोज पीएं। चुकंदर के एक गिलास रस में अपने स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर इसे रोज पीएं। इस जूस में लौह तत्व ज्यादा होता है।शरीर में खून की कमी से बहुत बीमारियां लग सकती हैं।जिस वजह से इंसान कमजोर हो जाता है और उसका शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता है। इसलिए महिलाओं और पुरूषों को शरीर में खूनकी मात्रा बढ़ाने के लिए इन आयुवेर्दिक उपायों को अपनाना चाहिए।
        • शरीर में लोह तत्व बढाने के लिये सबसे अच्छा तरीका यह है भोजन से इसकी पूर्ति करें। चाय,काफ़ी और अम्ल विरोधि (एन्टासिड) दवाएं उपयोग में न लाएं। ये चीजें शरीर द्वारा लोह तत्व ग्रहण करने की प्रक्रिया को बाधित करते हैं।
        • लोह तत्व की वृद्धि के लिये हरे मटर,हरे चने(छोले),अंडे,मछली, कलेजी दूध का प्रचुर उपयोग करना उत्तम है। जो लोग शाकाहारी हैं वे अपने भोजन में पालक,सभी तरह की हरी सब्जियां, दालें अंजीर,अखरोट बदाम काजू, किशमिश,खजूर, आदि रक्त वर्धक पदार्थो का भरपूर उपयोग करना चाहिये।
        • सेवफ़ल,टमाटर भोजन में शामिल करें। एक कप सेवफ़ल के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर नित्य पीने से खून की कमी दूर होती है।
        • टमाटर और सेवफ़ल का रस प्रत्येक २०० मिलिलिटर मिश्रण करके रोज सुबह लेने से रक्ताल्पता में आशातीत लाभ होता है।
        • ताजा सलाद खाने और शहद से शरीर में हेमोग्लोबिन बढकर एनिमिया का निवारण होता है।विटामिन बी१२, फ़ोलिक एसिड,और विटामिन सी ग्रहण करने से हेमोग्लोबिन की वृद्धि होती है
        • दूध,मांस,गुर्दे और कलेजी में प्रचुर विटामिन बी१२ पाया जाता है।मैथी की सब्जी कच्ची खाने से लोह तत्व मिलता है।
        • किशोरावस्था की लडकियों में होने वाली खून की कमी में मैथी की पत्तियां उबालकर उपयोग करने से बहुत फ़ायदा होता है। मैथी के बीज अंकुरित कर नियमित खाने से रक्ताल्पता का निवारण होता है।सभी पत्तेदार सब्जीयां और खासकर पालक में प्रचुर मात्रा मे लोह तत्व पाया जाता है। इनसे मिलने वाला आयरन श्रेष्ठ दर्जे का होता है। यह लोह तत्व शरीर में ग्रहण होने के बाद बडी तेजी से रक्त कण बनते हैं और रक्ताल्पता शीघ्र ही दूर हो जाती है।
        • खून की कमी दूर करने में सोयाबीन का महत्वपूर्ण स्थान है। इसमे आयरन होता है और श्रेष्ठ दर्जे का प्रोटीन भी होता है। लेकिन एनिमिया रोगी की पाचन शक्ति कमजोर होती है इसलिये सोयाबीन का दूध बनाकर पीना उचित रहता है।
        • 7 नग बादाम दो घन्टे पानी में गला दें। फ़िर छिलका उतारकर खरल में पेस्ट बनाकर रोज खाने से नया खून बनता है और रक्ताल्पता लाभ होता है।
        •  मुनक्का को रात में लोहे की कड़ाही में पानी में 6 घंटे भिगोने के बाद प्रयोग करें, ऐसा करने से तेजी से खून में आयरन की मात्रा बढ़ेगी। साथ ही रोजाना 15 मिनट वरूण मुद्रा करें तो जल्द ही खून की कमी पूरी हो जाएगी।

          Monday, August 12, 2019

          एवोकाडो के फायदे,Avocado Health Benefits in Hindi,

          एवोकैडो मूल रूप से अमेरिकी महाद्वीप से आया यह फल भारत में मखनफल के नाम से मिलता है । इस फल में विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है । एवोकैडो में एंटी-आॅक्सीडेंटस भी होते हैं जो त्वचा की सुरक्षा करती है । एवोकैडो आपकी स्किन की कोशिकाओं को दोबारा बनने में मदद करता है और इससे आपकी त्वचा को जवां और ताजा लुक मिलता है । एवोकैडो देवभूमि उत्तराखंड में बटरफ्रूट नाम से जाना जाता है । वास्तव में ये ऐसे वृक्ष हैं जिनके फल का गूदा मक्खन की तरह डबलरोटी में लगा कर खाया जाता है । यह पौधा वर्ष 1950 में मैक्सिको से लाया गया था जो कि बागेश्वर और जौलीकोट (नैनीताल) में लगाए गए । यह पौधा 3 से 6 हजार फीट की ऊंचाई पर लगता है और इसमें फल 5 से 6 साल में आते हैं । 

          आइए जानते है ऐवकाडो से होने वाले कुछ स्वास्थ्य लाभ के बारे में, Health Benefits of Avocados

          • मखनफल (एवोकैडो) मूल रूप से अमेरिकी महाद्वीप से आया यह फल भारत में मखनफल के नाम से मिलता है । इस फल में विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है एवोकैडो में एंटी-आॅक्सीडेंटस भी होते हैं जो त्वचा की सुरक्षा करती है । एवोकैडो आपकी त्वचा की कोशिकाओं को दोबारा बनने में मदद करता है और इससे आपकी त्वचा को जंवा और ताजा लुक मिलता है ।
          • बेजोड़ है एवोकैडो - इसमें कुदरती एंटी इन्लैमटरी तत्व होते हैं, जो जलन कम करते हैं । इसमें विटामिंस और पोषक तत्व भी होते है। 1-2 एवोकैडो को काटकर बीच वाला हिस्सा (गूदा) मसल लें । इसमें थोड़ा आॅलिव आॅयल और ऐलोवेरा जेल मिलाकर लगाएं । तब तक लगा रहने दें जब तक कि इसका रंग बदल न जाए । फिर त्वचा को गीला करके गीली रूई से हलके से साफ करें । अब ठंडे पानी से धो लें ।
          • एवोकैडो यानि रूचिरा नामक पहाड़ी फल के सेवन से कामेच्छा बढ़ाने में मदद मिलती है । 
          • इसमें फोलिक एसिड, प्रोटीन, विटामिन बी 6 और पोटैशियम अच्छी मात्रा में है जो सेक्स पावन बढ़ाने और ऊर्जा देने में मददगार है । इसका नियमित सेवन महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद है ।
          • एवोकैडो यानि रूचिरा नामक पहाड़ी फल के सेवन से कामेच्छा बढ़ाने में मदद मिलती है इसमें फोलिक एसिड, प्रोटीन, विटामिन बी 6 और पोटैशियम अच्छी मात्रा में है जो सेक्स पावर बढ़ाने और ऊर्जा देने में मददगार है । इसका नियमित सेवन महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद है 
          • डायबिटीज और रक्तचाप से पीड़ित मरीजों के लिए भी यह बेहद लाभदायक है 
          • रूचिरा या मक्खन फल या एवोकैडो कैरिबियाई क्षेत्र से संबंधित एक फल है । अगर स्त्री हते में एक बार एक एवोकैडो खाती है तो उसके हार्मोंस संतुलित रहते हैं, गर्भपात नहीं होता और सर्विक्स कैंसर का भी खतरा नहीं होता है । 
          • एक एवोकैडो में 14000 से भी अधिक फोटोलिटिक केमिकल होेते हैं । इतने पौष्टिक तत्वों से पूर्ण होने के कारण यह शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता को भी बढ़ाने में मदद करता है । एवोकैडो 10 या 12 मीटर के रूप में उच्च तक पहुँच जाता है जो एक बारहमासी पौधा है । 
          • एवोकैडो फल, अंडाकार गोलाकार या अंडाकार लम्बी एक डूररूप् मांसल, नाशपाती के आकार है इसका रंग हल्के या गहरे हरे , बैंगनी या काला हो सकता है । एवोकैडो विटामिन ई, ए, बी1, बी3, डी और जैसे लोहा, फास्फोरस और मैग्नीशियम के साथ ही फोलिक एसिड, नियासिन और बायोटिन के रूप में एक हद तक कम सी, खनिज के लिए होता है । 

          • एवोकैडो का औषधीय मूल्य है इसका तेल निष्कर्णण, शैम्पू, और सौंदर्य प्रसाधन, क्रीम और त्वचा कलीन्जर के कच्चे माल में उपयोग किया जाता है । एवोकैडो पेड़ ठंड के प्रति संवेदनशील होता है । पेड़ों में फूल दिसम्बर से मार्च और सबसे ज्यादा फूल अगस्त से अक्टूबर में लगते हैं । फल नियमित रूप से गोल या नाशपाती के आकार रहे हैं । 
          • घरेलू उपाय जो गंजेपन को दूर भगाये - एवोकैडो और नारियल के दूध के इस्तेमाल से बालों का झड़ना बंद होता है और नए बाल आने लगते हैं । इसके लिए एवोकैडो, नारियल के दूध और नीबू के रस को मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें । अब इस मिश्रण को बालों की जड़ों में मालिश करंे और लगभग आधे घंटे के लिए छोड़ दें । एक हल्के शैम्पू का उपयोग कर अपने बालों को धो लें । फायदा होगा ।
          • नाशपाती के समान दिखने वाले रूचिरा या एवोकाडो को पहले सब्जी की प्रजाति का मानते थे पर यह एवोकाडो फल की श्रेणी में आता है और स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी फायदेमंद है । 
          • इस फल में प्रोटीन, रेशे, नियासिन, थाइमिन, राइबोफलेविन, फोलिक एसिड और जिंक जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं । ऐवोकाडो में कोलेस्टोल की मात्रा बिलकुल नहीं पाई जाती है इसलिए कहावत ‘‘ एवोकाडो ए डे ’’ कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी । 
          • एवोकाडो को लम्बाई में काट कर बीच का गूदा चम्मच से निकाल कर उसे टमाटर, प्याज और लहसुन के साथ मिलाकर सेंडविच बनाकर खा सकते हैं । एवोकाडो में ऐसी वसा होती है जो शरीर के लिए आवश्यक होता है । 
          • इसका जूस पीने से आपका पेट पूरे दिन भरा रहेगा और आप ओवर ईटिंग नहीं करेंगें । एवोकाडो में काफी मात्रा में कैलोरी पाई जाती है, जो हृदय के रोगों से हमें बचाती है । इसमें कोलेस्टोल की मात्रा बिल्कुल नहीं पाई जाती । एवोकाडो इसमें अच्छी मात्रा में फैट पाया जाता है दिमाग तक ब्लड फ्लो को तेज करता है ।

          Friday, September 28, 2018

          किवी फल के फायदे,Health Benefits Of Kiwi Fruits In Hindi,

          किवी फल के फायदे,Health Benefits Of Kiwi Fruits In Hindi,
          डेंगू के दौरान गिलोय का पौधा और कीवी फल आपके अपनों की जिंदगी बचा सकते हैं। दरअसल डेंगू होने पर आदमी की बॉडी के ब्लड प्लेटलेट्स को गिरने से रोकने और फिर प्लेटलेट्स बनाने में गिलोय का पौधा काफी फायदेमंद माना जाता है किवी के कई औषधीय फायदे हैं। किवी फल विटामिन-सी से भरपूर होता है, डेंगू बुखार सहित अन्य बीमारियों से निपटने के लिए डॉक्टर रोगियों को किवी खाने की सलाह देते है। किवी में भारी मात्रा में विटामिन सी होती है

          Health Benefits Of Kiwi Fruits In Hindi

          • इसमें विटामिन ई और एंटीआक्सीडेंट्स की बड़ी मात्रा पायी जाती है और यह त्वचा की कोशिकाओं को लंबे समय तक ठीक रखता है औरप्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है।
          • किवी को यदि पोषक तत्वों का समूह कहा जाए तो ग़लत न होगा। इसमें 27 से अधिक पोषक तत्व मौजूद हैं। यह फ़ाइबर, विटामिन सी और ई, कैरोटेनाइड्स, एंटीआक्सीडेंट्स और कई प्रकार के मिनिरल्स से भरपूर हैं लंबे समय तक जवां रखता है
          • इसमें विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में होते हैं। ये त्वचा की कोशिकाओं को लंबे समय तक ठीक रखते हैं और प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाते हैं।
          • शरीर को रिपेयर करता है-इसमें विटामिन सी सबसे अधिक मात्रा में होता है जो संतरे की अपेक्षा दोगुनी मात्रा में होता है। यह शरीर में आयरन को सोखने में मदद करता है। खासतौर पर अनीमिया के उपचार में इसका सेवन बहुत अधिक फायदेमंद है।
          • डायबिटीज पर नियंत्रण-इसमें ग्लाइकेमिक इंडेक्स कम मात्रा में होता है जिससे रक्त में गलूकोज नहीं बढ़ता। इस वजह से यह डायबिटीज, दिल के रोग और वेट लॉस में बहुत फायदेमंद है।
          • ओस्टियोपोरोसिस में आराम-इसमें केले जितना ही पोटैशियन पाया जाता है जो ओस्टियोपोरोसिस के रोगियों के लिए फायदेमंद है। यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।
          • इसमें विटामिन सी सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है जो संतरेकी अपेक्षा दोगुनी मात्रा में होता है। यह शरीर में आयरन सोखने में सहायता प्रदानकरता है विशेषकर अनीमिया के उपचार मेंइसका सेवन बहुत लाभदायक है।
          • इसमें ग्लाइकेमिक इंडेक्स कम मात्रा मेंहोता है जिससे रक्त में ग्लूकोज़ नहीं बढ़ता।इस कारण यह डायबिटीज़, हृदय रोग और वज़न कम करने में बहुत लाभकारी है।
          • गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 400से 600 माइक्रोग्राम फ़ोलिक एसिडकी आवश्यकता होती है। यह फ़ोलिक एसिड का एक बेहतरीन स्रोत है। गर्भ में बच्चे के मस्तिष्क के विकास में इसकी बहुत बड़ी भूमिका होती है।
          • किवी में मौजूद फ़ाइबर शरीर का पाचन तंत्र ठीक रखने में सहायता प्रदान करता है विशेष कर क़ब्ज़ की समस्या में इसका सेवन बहुत लाभदायक है।
          • इसमें केले जितना ही पोटैशियम पाया जाता है जो ओस्टियोपोरोसिस के रोगियों के लिए लाभदायक होता है और हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूत करने में सहायता प्रदान करता है।

          Friday, September 21, 2018

          क्या आप जानते हैं दूध में गुड़ डालकर पीने के फायदे?

          गर्म दूध के साथ गुड खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आप यह जानकर हैरान हो जाएगे कि इन दोनो के मिलाकर पीने से सेहत के लिए किसी वरदान से कम नही है। यह गंभीर से गंभीर बीमारियों के सही कर देता है। अगर आप सर्दियों में नियमित रुप से गुड़ और दूध का सेवन करते हैं तो आप ना सिर्फ कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं बल्कि कई और तरह से भी इसका लाभ उठा सकते हैं।
          • हम सभी जानते हैं कि दूध पीने से सेहत में कितना निखार आता है लेकिन गर्म दूध पीने से हमे क्‍या लाभ पहुंचता है, ये बहुत कम लोगों को पता है। और इस गर्म दूध के साथ अगर गुड खाया जाए तो इससे वजन कंट्रोल करने के साथ-साथ आपको त्वचा में निखार भी मिलता है। यह किसी औषधि से कम नही है। आज हम आपको बताएंगे कि गर्म-गर्म दूध के साथ गुड को अपने आहार में रोजाना शामिल करने से सेहत को कौन से फायदे मिलते हैं।
          • दूध में अधिक मात्रा में विटामिन ए, विटामिन बी और डी के अलावा कैल्शियम, प्रोटीन और लैक्ट‍िक एसिड पाया जाता है। वही दूसरी ओर गुड में अधिक मात्रा में सुक्रोज, ग्लूकोज, खनिज तरल और पानी कुछ मात्रा में पाई जाती है। इसके अलावा इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा और ताम्र तत्व भी अच्छी मात्रा में मिलते हैं। जानिए इन दोनों चीजों का सेवन करने से क्या फायदे है।
          • शरीर में अशुद्ध खून को करें साफ-गुड में ऐसे गुड पाए जाते है जो आपके शरीर में मौजूद अशुद्धियों को साफ कर देता है। इसलिए रोजाना गर्म दूध और गुड का सेवन करने से आपके शरीर से ऐसी अशुद्धियां निकल जाती है। जिससे आपको कोई बीमारी नहीं होगी
          • डॉक्टर हमेशा गर्भवती महिलाओं को थकावट और कमजोरी को दूर करने से लिए गुड़ का सेवन करने के सलाह देते हैं. अगर गर्भवती महिला हर रोज गुड़ खाती है तो उन्हें एनीमिया नहीं होता
          • मोटापा को करें कंट्रोल-माना जाता है कि अगर आप दूध के साथ चीनी का इस्तेमाल करते है तो इसकी जगह आप गुड का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से आपका वजन कंट्रोल में रहेगा। जिससे आप मोटापा का शिकार नहीं होगे। 
          • पेट संबंधी समस्या हो रखें ठीक-अगर आपको पाचन संबधी कोई भी समस्या है तो गर्म-गर्म दूध और गुड का सेवन करने से आपको पेट संबंधी हर समस्या से निजात मिल जाता है। 
          • जोड़ो के दर्द को करें दूर-गुड़ खाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। अगर रोजाना गुड़ का एक छोटा पीस अदरक के साथ मिला कर खाया जाए तो जोड़ों में मजबूती आएगी और दर्द दूर होगा।
          • आपकी खूबसूरती को बढाएं-गर्म दूध और गुड का सेवन करने से आपकी त्वचा मुलायम होने के साथ-साथ त्वचा संबंधी समस्या न होगी। साथ ही इसका सेवन करने से आपके बाल भी हेल्दी रहेगे।
          • पीरियड्स में दर्द को करें ठीक-कहा जाता है कि अगर आपको कही दर्द होतो गर्म दूध पीने से तुरंत आराम मिल जाता है और महिलाओं को पीरियड के समय का दर्द हो रहा हो तो गर्म दूध के साथ गुड का सेवन करने से आपको इससे निजात मिल सकता है। या फिर पीरियड शुरु होने के 1 हफ्ते पहले 1 चम्‍मच गुड़ का सेवन रोजाना करें। इससे आपको दर्द से निजात मिल जाएगा।
          • थकान को करें छूमंतर-अगर आप अधिक थक गए है तो थोड़ी देर में गर्म दूध और गुड का सेवन करें। इससे आपको तुंरत आराम मिलेगा। इसके अलावा रोजाना 3 चम्‍मच गुड़ लें। इससे आपको कभी थकान नहीं होगी। Health care

          Wednesday, March 07, 2018

          अनार का जूस पीने के फायदे-Health Benefits of Pomegranate Juice In Hindi,

          अनार का जूस पीने के फायदे-Health Benefits of Pomegranate Juice In Hindi,

          Health Benefits of Pomegranate Juice In Hindi,

          अनार का जूस रोज़ पीने से ये शरीर में PSA के स्तर को कम करता है और कैंसर से लड़ने वाली कोशिकाओं की मदद करता है| अनार शरीर में स्वस्थ खून को बनाए रखता है ये शरीर में आयरन भी पहूंचता है जिससे एनीमिया जैसी बीमारी नहीं होती| अनार दांतों में होने वाली बिमारियों से भी बचाता है| चिकित्सा अध्ययनों ने ये साबित क्या है कि अनार फेफड़ो के कैंसर को बढने से रोकता है 
          • अनार का जूस कम ब्लड प्रेशर वाले लोगो के लियें बहुत फायदा करता है| अनार का जूस पेट को मुलायम बनता है और इसको पीने से पेट ठीक रहता है
          • अनार का जूस आर्ट्रिस कि रक्षा करता है! ये आर्ट्रिस में पट्टिकाओं को बनने से रोकता है| ये शरीर में बेकार केलोस्ट्रोल को कम करता है और अच्छे केलोस्ट्रोल को बढ़ाता है
          • अनार में कई प्रकार के स्‍वास्‍यवर्धक गुण पाए जाते है, वजन घटाना इनमें से एक प्रमुख गुण है। अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं तो अनार का सेवन करें। अनार में कैलोरी भरपूर मात्रा में होती है। इसमें फैट नहीं होता परन्तु फाइबर, विटामिन-सी, पोटेशियम, मिनरल फास्फोरस तथा मैग्नीशियम बहुत अधिक मात्रा में मिलता है। अनार में मौंजूद ऐसे गुण शरीर के अतिरिक्‍त फैट को बर्न कर देते है और इसे छरहरा बनाते है।
          • गर्भवती महिला को अनार का जूस पीने से उसका बच्चा उसका स्वस्थ पैदा होता है उसके होने वाले बच्चे को कम वजन जैसी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ता
          • कोलेस्ट्रॉल या दिल के रोगियों के लिए अनार रामबाण की तरह काम करता है। खून दो तरह से जमता हैं। पहला तो कटने या जलने की स्थिति में खून जमता है, जिससे खून का बहाव रुक जाता है। वहीं, दूसरे तरह का खून आंतरिक रूप से जमता है, जो बहुत ही खतरनाक होता है। मसलन हृदय या धमनी में खून जम जाने से इसका परिणाम घातक भी हो सकता है। अनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण खून के लिए वही काम करता है, जो पेट के लिए थिनर करता है। यह शरीर में खून जमने या थक्का बनने से रोकता है।
          • अतिसार - अनार के रस के साथ सौंफ, धनिया और जीरा इनकी बराबर मात्रा में पीस कर इनका पूर्ण बनाकर सेवन करे । अथवा अनार के रस में पका हुआ केला मथकर इसका सेवन करें ।
          • शरीर में खून की कमी - एनीमिया शीघ्र दूर करने के लिए अनार का रस और मूली का रस समान मात्रा में मिलाकर पीएं । 3. कब्जीयत (कब्ज) - अनार के पत्तों को उबाल कर उसका काढ़ा पीने से कब्ज से पीछा छुड़ाया जा सकता है । अथवा अजवायन का चूर्ण फाॅंक कर फिर अनार का रस पीएं । तो कब्ज से मुक्ति मिलेगी ।
          • एसीडिटी ( अम्ल पित्त)- अनार रस और मूली का रस समान मात्रा में लेकर उसमें अजवायन, सैंधा नमक चुटकी भर मिलाकर सेवन करने से अम्ल पित्त बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है ।
          • तनाव - रोज एक गिलास अनार का जूस पीना शुरू कर दीजिए वर्क प्रेशर कम हो जाएगा । अनार कर जूस लेने से ब्लड प्रेशर सामान्य बना रहता है साथ ही यह स्टेरस हार्मोन भी व्यक्ति पर हावी नहीं होता है । शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर आप तनाव से जूझ रहें हैं तो दो सप्ताह तक अनार का जूस रोज पिंए । तनाव दूर हो जाएगा
          • दमा / खांसी - दमा खांसी में जवाखार, कालीमिर्च, पीपल, अनारदाना, का चूर्ण गरम पानी से दिन में तीन बार लेने से दुःसाध्य खोसी मिट जाती है । बच्चों की खांसी अनार के छिलकों का चूर्ण आधा आधा छोटा चम्मच शहद के साथ सुबह शाम चटाने से मिट जाती है ।
          • गुर्दे की बीमारियां - अनार का रस गुर्दे से संबंधित बीमारियों से बचने का भी कारगर उपाय है । शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि अनार के एंटी-आक्सीडेंट डायलिसिस के रोगियों के लिए लाभप्रद है
          • मोटापा दूर करने में - एक माह तक प्रतिदिन एक बड़ा गिलास अनार का जूस पीने से पेट, कमर, पीठ की चर्बी को कम किया जा सकता है ।
          • मधुमेह - मधुमेह के मरीजों को अनार खाने की सलाह दी जाती है इससे काॅरोनरी रोगों का खतरा कम होता है । 
          • अनार में भरपूर मात्रा में एण्टीआक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह शरीर को तरोताजा व एनर्जी से भरपूर रखने के साथ ही बीमारियों से आपको बचाता है व आपकी स्किन को हमेशा यंग बनाए रखता है। गर्मियों में इसका जूस शरीर के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन से बचाता है
          • अनार इलेक्टाइल डिसफंक्शन को सामान्य रूप से ही सुधारता है। हालांकि इस विषय को लेकर शोध कार्य जारी है, फिर भी इस फायदे के पक्ष में कई लोग हैं।
          • अन्य लाभ अनार जूस के इसके और भी कई लाभ हैं जैसे गरभवती महिला को अनार का जूस पीने से उसका बच्चा उसका स्वस्थ पैदा होता है उसके होने वाले बच्चे को कम वजन जैसी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ता| इसका जूस अधिक उम्र के लोगो को होने वाली अल्ज्हेम्र नमक बीमारी को रोकता है| 
          • समस्याओं जैसे झुर्रियां पड़ना आदि का सामना नहीं करना पड़ता और चेहरा चमकता और जवान बना रहता है और ये बुढ़ापा भी जल्दी आने नहीं देता। इसका जूस पीने से शरीर की गर्मी भी कम होती है| इस प्रकार इसके लाभ बेशुमार और बहुत लाभदायक है|

          Monday, December 25, 2017

          साबूदाना के फायदे-Benefits of Sabudana (sago) In Hindi,

          नवरात्रों में खाया जाने वाला साबूदाना सफेद मोतियों की तरह होता है। इसको खिचड़ी या खीर दोनों तरह से बनाया जा सकता है। यह खाने में बहुत ही हल्का और स्वादिष्ट होता है। व्रत के अलावा भी इसको खाया जा सकता है। इससे सेहत को काफी फायदा होता है। यह शरीर में गर्मी को दूर करता है और ब्लड प्रैशर को कंट्रोल रखता है। इसके अलावा साबूदाना और भी कई गुणों से भरपूर है।
          भारत में व्रत-उपवास के समय अधिकतर लोग साबूदाना खिचड़ी जरूर खाते हैं। सामान्य दिनों में भी साबूदाना खिचड़ी खूब पसंद की जाती है। साबूदाना छोटे-छोटे सफेद गोल दाने जैसे होते हैं। ये पकने के बाद अपारदर्शी से हल्का पारदर्शी, नर्म और स्पंजी हो जाता है। साबूदाने का उपयोग पापड़, खीर और खिचड़ी बनाने में होता है। सूप और अन्य चीजों को गाढ़ा करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। यहां जानिए साबूदाना से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो अधिकतर लोग जानते नहीं हैं...

          साबूदाना के फायदे-Benefits of Sabudana (sago) In Hindi,

          माना जाता है कि भारत में साबूदाने का उत्पादन सबसे पहले तमिलनाड़ू के सेलम में हुआ था। प्रारंभ में इसका उत्पादन एक कुटीर उद्योग के रूप में हुआ था। टैपियाका नामक पौधे की जड़ों को मसल कर उससे दूध निकाला जाता है, इसके बाद दूध छानकर उसे जमने देते है। फिर उसकी छोटी छोटी गोलियां बनाकर सेंक लेते हैं।
          टैपियाका का उत्पादन भारत में काफी होता है। सेलम इसका मुख्य केंद्र है। साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट की प्रमुखता होती है और इसमें कुछ मात्रा में कैल्शियम व विटामिन सी भी होता है।
          • नियमित रूप से साबूदाना खाते रहने से वजन तेजी से बढ़ सकता है।
          • साबूदाना में मौजूद तत्वों से ब्लड सर्कुलेशन में लाभ मिलता है।
          • साबूदाना में फायबर के गुण होते हैं। जो कि हमारे पाचन को लाभ पहुंचाता है।
          • साबूदाना प्रोटीन की पूर्ति के लिए भी बहुत अच्छा स्रोत है।
          • साबूदाना में कैल्शियम भी होता है, जिसकी वजह से हड्डियों को लाभ मिलता है।
          • पेट की परेशानी-साबूदाना खाने में काफी हल्का होता है और यह पेट की काफी समस्याएं दूर करता है। इसके सेवन से पेट की पाचन शक्ति ठीक होती है जिससे गैस और अपच जैसी परेशानी से राहत मिलती है।
          • गर्मी पर नियंत्रण-व्रत के दिनों में अक्सर शरीर में गर्मी पड़ जाती है। ऐसे में साबूदाने की खिचड़ी बनाकर खाने से गर्मी दूर होती है और यह शरीर को तरोताजा भी करता है।
          • ब्लड प्रैशर-साबूदाने में पोटाशियम होता है जो शरीर में रक्त के प्रवाह को ठीक रखता है जिससे ब्लड प्रैशर की समस्या नहीं होती।
          • एनर्जी-इसमें काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है जो शरीर को ऊर्जा देता है। व्रत के दिनों में इसको खाने से शरीर की कमजोरी दूर होती है।
          • गर्भवस्था-गर्भावस्था के दौरान साबूदाना खाने से गर्भ में पल रहे बच्चे को काफी लाभ होता है। इसमें फोलिक एसिड और विटामिन-बी होता है जो शिशु के लिए बहुत फायदेमंद है।
          • मजबूत हड्डियां-इसमें कैल्शियम, आयरन और विटामिन-के भरपूर मात्रा में होता है जो हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है। इसके सेवन से मांसपेशियों के दर्द से भी राहत मिलती है।
          • वजन -साबूदाना वजन बढ़ाने में भी मदद करता है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है जिस वजह से उनका वजन नहीं बढ़ पाता। ऐसे में साबूदाने की खिचड़ी या खीर खाने से बहुत फायदा होता है।
          • थकान-शरीर की थकावट दूर करने के लिए भी काबूदाना काफी फायदेमंद है। इसके सेवन से बॉडी फ्रैश होती है और एनर्जी मिलती है।
          • त्वचा-सेहत के साथ यह त्वचा को भी बहुत फायदा देता है। साबूदाने का फेसमास्क बनाकर लगाने से चेहरे की रंगत खिल उठती है और इससे झुर्रियों की समस्या भी दूर होती है।

          Friday, September 15, 2017

          हरे धनिया में छिपा है सेहत का खजाना,हरा धनिया के फायदे,Health Benefits of Green Coriander Leaves in Hindi,

          धनिया  रसोई में प्रयोग की जाने वाली एक सुंगंधित हरी पत्ती है जो कि भोजन को और भी स्वादिष्ट बना देती है। सामान्यतः इसका उपयोग सब्ज़ी की सजावट और ताज़े मसाले के रूप में किया जाता है लेकिन इसका सेवन करने से कई फायदे है धनिया अंग्रेजी: Coriander इसका वानस्पतिक नाम "कोरिएनड्रम सटिवुम"(Coriandrum sativum) है। स्वाद बढाने के साथ-साथ इसमें अनेक औषधीय गुणों भी मौजूद होते है। जो अनेक रोगों को सही करने में मदद करता है । कहनें को सिर्फ यह एक धनिया है लेकिन इसके गुण अनेक है। इसमें एंटी फंगल, ऐंटीसैप्टिक, डिटॉक्सीफाइंग गुण पाए जाते हैं। जो रोंगों को दूर करने में सहायक है
          • मुहासों और काले धब्बो से छुटकारा - धनिये के चूर्ण से मुहासों को ख़त्म किया जा सकता है और साथ ही चेहरे पर हुए काले धब्बे भी हटाये जा सकते है. इसके लिए हमें एक प्रकार का लेप तैयार करना पड़ेगा जिसकी विधि इस प्रकार है : धनिये की कुछ पत्तियां लो और इनको पीस लो. अब इसकी पिसी हुयी पत्तियों की कुछ मात्रा में एक चुटकी भर हल्दी मिला लो. अब इस तैयार हुए लेप को दिन में दो बार चेहरे पर लगा ले. इस प्रकार ऐसा रोजाना करने से जल्दी ही मुहासों और काले धब्बो से छुटकारा मिलता है और साथ ही चेहरे की सुन्दरता भी बढती है.
          • किडनी की सफ़ाई : हमारी किडनी एक बेहतरीन फ़िल्टर हैं जो सालो से हमारे खून की गंदगी को साफ़ करने का काम करती हैं मगर हर फ़िल्टर की तरह इसको भी साफ़ करने की ज़रुरत हैं ताकि ये और भी अच्छा काम करे। एक मुट्ठी भर हरी पत्तियो वाला धनियाँ लीजिये इसको छोटे छोटे टुकड़ो में काट ले और अच्छी तरह धुलाई कर ले। फिर एक बर्तन में 1 लीटर पानी डाल कर इन टुकड़ो को डाल दे, 10 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दे, बस अब इसको छान ले और ठंडा होने दो अब इस ड्रिंक को हर रोज़ एक गिलास खाली पेट पिए। आप देखेंगे के आपके पेशाब के ज़रिये सारी गंदगी बाहर आ रही हैं
          • नर्वस सिस्टम को सक्रिय बनाए रखने में भी धनिया की पत्ती काफी फायदेमंद होती है.
          • त्वचा संबंधी कई रोगों जैसे पिंपल्स होने की समस्या, ब्लैकहेड्स और सूखी त्वचा में इसके इस्तेमाल से काफी फायदा होता है.
          • हरी धनिया को सुबह के वक्त पानी में उबालकर, छान लें. इस पानी को सुबह खाली पेट पीने से पेट की पथरी यूरीन के माध्यम से निकल जाती है.
          • मुँह के छालों या गले के रोगों में हरे धनिया के रस से कुल्ला करना चाहिए।
          • आँखों की सूजन व लाली में धनिया को कूटकर पानी में उबाल कर, उस पानी को कपड़े से छानकर आँखों में टपकाने से दर्द कम होता है।
          • धनिया पत्ती का रस नकसीर फूटने पर नाक में टपकाने से खून आना बंद हो जाता है।
          • गर्मी की वजह से पेट में होने वाले दर्द में धनिया का चूर्ण मिश्री के साथ लेने से फ़ायदा होता है।
          • आँखों के लिए धनिया बड़ा गुणकारी होता है। थोड़ा सा धनिया कूट कर पानी में उबाल कर ठंडा कर के, मोटे कपड़े से छान कर शीशी में भर लें। इसकी दो बूँद आँखों में टपकाने से आँखों में जलन, दर्द तथा पानी गिरना जैसी समस्याएँ दूर होती हैं।
          • हरा धनिया 20 ग्राम व चुटकी भर कपूर मिला कर पीस लें। सारा रस निचोड़ लें। इस रस की दो बूँद नाक में दोनों तरफ टपकाने से तथा रस को माथे पर लगा कर मलने से खून तुरंत बंद हो जाता है।
          • गर्भ धारण करने के दो-तीन महीने तक गर्भवती महिला को उल्टियाँ आती है। ऐसे में धनिये का काढ़ा बना कर एक कप काढ़े में एक चम्मच पिसी मिश्री मिला कर पीने से जी घबराना बंद होता है।
          • हरा धनिया वातनाशक होने के साथ-साथ पाचनशक्ति भी बढ़ाता है।
          • हरे धनिया के साथ ख़ास-तौर पर पुदीना मिलाकर इसकी चटनी बनाई जाती है। जो हमारे शरीर को आराम देती है। इसको खाने से नींद भी अच्छी आती है। शुद्ध शाकाहार में हरे धनिए का उपयोग बहुतायत में किया जाता है।
          • खांसी हो, दमा हो, सांस फूलता हो, धनिया तथा मिश्री पीसकर रख लें। एक चम्मच चावल के पानी के साथ रोगी को पिलाएं। आराम आने लगेगा। कुछ दिन नियमित लें।
          • आधा गिलास पानी लें। इसमें दो चम्मच धनिया डालें फिर उसे उबालें ले। गुनगुना कर के पी ले। जिससे पेट दर्द ठीक हो जाएंगा।
          • एक छोटा चम्मच धनिया लें। इसे एक कप बकरी के दूध में मिलाएं,मिठास के लिए मिश्री भी डाल लें। इसे पीने से पेशाब की जलन खत्म होगी
          • 50 से 100 ग्राम हरा धनिया लेकर उसको छोटा काट लेवे,उसमे २ गिलास पानी दाल कर उबाले जब आधा रह जाये तो सुबह में पीने से वजन कम होने लगता है , कम से कम २ माह जरुर पिए

          Wednesday, August 02, 2017

          प्रोटीन युक्त आहार list,प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ,Protein Rich Foods in Hindi,


          प्रोटीन लेनेके काफी सारे फायदे है। यह आपका वजन कम करता है स्पेशली पेट की चर्बी यह कम करने मे मदत करता है। यह आपके मसल्स को बढ़ाता है और उनकी ताकत बढ़ाता है।
          मानवीय शरीर को अपने वजन के हिसाबसे 0.8 ग्राम प्रति किलो या 0.36 ग्राम प्रति पौंड के हिसाबसे प्रोटीन लेना चाहिए। यानि की अगर आपका वेट 50 किलोग्राम है तो आपको 50*0.8 = 40 ग्राम प्रोटीन डेली लेना होगा। या सरल भाषा में यूँ कहे तो पुरुष को 56 ग्राम प्रति दिन और महिलाओ को 46 ग्राम प्रति दिन के हिसाबसे प्रोटीन लेना चाहिए। 
          प्रोटीन से मांसपेशियों व इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है और हमारे शरीर का 18-20% भार प्रोटीन के कारण ही होता है। यही नहीं, प्रोटीन, हृदय व फेफड़े के ऊतकों को भी स्वस्थ रखता है।
          प्रोटीन शरीर के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए जरूरी है। शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है। शरीर का पीएच लेवल बनाए बनाए रखने, मूड ठीक रखने और तनाव कम करने में भी प्रोटीन की भूमिका काफी अहम है।

          प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ,Protein Rich Foods in Hindi,

          • Eggs/अंडा :-  अंडा एक हेल्दी फ़ूड के साथ साथ इसमें प्रोटीन की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। पूरा अंडा भरपूर मात्रा में प्रोटीन देता है पर अंडे का सफ़ेद हिस्सा असल में प्रोटीन होता है। एक बड़े अंडे में 6 ग्राम प्रोटीन होता है और ७८ कैलोरीज होती है। 
          •  बीन्स चाहे काली हों या चितकबरी, राजमा की शक्ल में हों या चने की, ये सस्ती भी होती हैं, पकाने में आसान भी और प्रोटीन से भरपूर भी। अपनी इच्छा के अनुसार आप बीन्स को रोटी के साथ, चावल के साथ, सलाद में, या सूप में डालकर खा सकते हैं।
          • Almonds/बादाम :- बादाम में इम्पोर्टेन्ट नुट्रिएंट्स जैसे की फाइबर, विटामिन E, मैंगनीज़ और मेग्नेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। एक सर्विंग में 28 ग्राम बादाम खाने चाहिए। 28 ग्राम बादाम में 6 ग्राम प्रोटीन होता है और 161 कैलोरीज होती है।
          • Chicken Breast/चिकन ब्रैस्ट :-  चिकन ब्रैस्ट दुनियामे सबसे पॉपुलर प्रोटीन रिच फूड्स में से एक है। एक रोस्टेड चिकन ब्रैस्ट में 53 ग्राम्स प्रोटीन होता है और 284 कैलोरीज होती है।
          • Oats/ओट्स :-  ओट्स में फाइबर्स, मेग्नेशियम, मैंगनीज, विटामिन B1 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आधे कप ओट्स में 13 ग्राम प्रोटीन और 303 कैलोरीज पायी जाती है।
          • Cottage Cheese/पनीर :-   पनीर फैट तथा कैलोरीज में काफी कम होता है जिससे मोटे होनेका खतरा नहीं होता। 226 ग्राम या एक कप पनीर में 27 ग्राम प्रोटीन होता है तथा 2% फैट और 194 कैलोरीज होती है।
          • Greek Yogurt/ग्रीक योगर्ट :-   योगर्ट किसे पसंद नहीं है। ग्रीक योगर्ट काफी थिक होता है और इसमें काफी सारे नुट्रिएंट्स भी होते है। 170 ग्राम योगर्ट में 17 ग्राम प्रोटीन और सिर्फ 100 कैलोरीज पायी जाती है। एडेड शुगर वाले योगर्ट में कैलोरीज ज्यादा होती है।
          • Milk/दूध :-  इसके अलावा दूध में कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन B2 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। एक कप दूध में 8 ग्राम प्रोटीन और 149 कैलोरीज होती है।
          • Tuna/टूना मछली :-  Tuna Fish एक काफी पॉपुलर फिश है। इसमें प्रोटीन के साथ साथ ओमेगा 3 फैटी एसिड् भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। एक कप या 154 ग्राम टूना फिश में 39 ग्राम प्रोटीन और 179 कैलोरीज पायी जाती है। 
          • Peanuts or peanut butter/पीनट या पीनट बटर :- पीनट्स किसे पसंद नहीं है। यह प्रोटीन के साथ-साथ इसमें फायबर, मैग्नेशियम और यह वजन कम करनेमे भी मदत करता है। पीनट बटर में भी प्रोटीन काफी प्रचुर मात्रा में होता है। 28 ग्राम पीनटस में 7 ग्राम प्रोटीन होता है और 159 कैलोरीज होती है।
          • Whey Protein Supplements/व्हे प्रोटीन सप्लीमेंट्स :-   अगर आपके पास समय की कमी है और आप कुछ समय कुकिंग को नहीं दे सकते है तो यह आपके लिए आखरी ऑप्शन के तौर पर उपलब्ध है। व्हे प्रोटीन डेअरि फूड्स से बनाया जाता है । यह आपके मसल्स का साइज बढ़ाता है और वजन घटानेमे मदत करता है। इसमें 90 %प्रतिशद प्रोटीन होता है। आपको एक सर्विंग में 20-50 ग्राम्स प्रोटीन मिलेगा। 
          • दाल दुनिया भर में पसंद की जाती है। आप इस को स्वादिष्ट सूप की शक्ल में या चावल के ऊपर डालकर प्याज़ और गाजर के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रत्येक सर्विंग में १२ ग्राम प्रोटीन की एक भारी मात्रा होती है।
          एक ग्राम प्रोटीन के प्रजारण से शरीर को ४.१ कैलीरी ऊष्मा प्राप्त होती है प्रोटीन द्वारा ही प्रतिजैविक (एन्टीबॉडीज़) का निर्माण होता है जिससे शरीर प्रतिरक्षा होती है। जे. जे. मूल्डर ने १८४० में प्रोटीन का नामकरण किया। प्रोटीन बनाने में २० अमीनो अम्ल भाग लेते हैं। पौधे ये सभी अमीनो अम्ल अपने विभिन्न भागों में तैयार कर सकते हैं। जंतुओं की कुछ कोशिकाएँ इनमें से कुछ अमीनो अम्ल तैयार कर सकती है

          Friday, July 28, 2017

          गाजर के फायदे-Health Benefits of Carrots in Hindi,

          गाजर में ढेरों औषधीय गुण छिपे हुए हैं। चिकित्सकों के मुताबिक गाजर गरम तथा तर होने के कारण यह पेशाब लाने वाली, कफ निकालने वाली, दिमाग को बल देने वाली, वीर्यवर्धक तथा मन को प्रसन्न रखने वाली होती है। गाजर को कच्चा तथा उबालकर सेवन करने से शरीर पुष्ट होता है।

          हमें विटामिन व न्यूट्रिशंस से भरपूर कई चीजें खाने को मिलती हैं और गाजर भी इन्हीं में से एक है। इसमें विटामिन और मिनरल्स बहुत मात्रा में मिलते हैं। गाजर बेहद फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी, सी, कैल्शियम और पैक्टीन फाइबर होता है, जो कॉलेस्ट्रोल का लेवल बढ़ने नहीं देता।
          • गाजर रस का एक गिलास जूस पूरे भोजन का काम करता है। यह कई रोगों में बेहतरीन औषधि भी है। आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि गाजर खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसलिए गाजर खाना चाहिए, लेकिन सच्चाई इससे बहुत अलग है। गाजर सिर्फ आंखों के लिए ही लाभदायक नहीं है इसे खाने के कई और भी बड़े फायदे हैं।
          • हमारी स्वदेशी चिकित्सा पद्धति में ‘आयुर्वेद’ गाजर को यौन शक्तिवर्धक टॉनिक मानती है। गाजर और मूली के रस को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर नियमित पीते रहने से लिंग की दुर्बलता दूर होने के साथ यौन शक्ति में अत्यन्त लाभ होता है। 
          • दुबले एवं शुक्र दौर्बल्य से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह प्रकृति प्रदत्त बेहतरीन तोहफा है। ऐसे व्यक्तियों को गाजर का पाक या खीर कुछ दिनों के लिए लगातार सेवन करना चाहिए। शहद में तैयार किया गया गाजर का मुरब्बा अत्यंत कामोत्तेजक होता है।
          • गाजर के रस में विटामिन ए,बी, सी,डी,ई,जी मिलते हैं। यह पीलिया की भी प्राकृतिक औषधि है। इसका सेवन ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर ) और पेट के कैंसर में भी फायदेमंद है। सर्दियों में यह एक मौसमी सब्जी है। इसलिए इसका सेवन सर्दियों में अगर नियमित रूप से किया जाए तो विशेष रूप से लाभदायक होता है।
          • गाजर का जूस हमारे शरीर से विटामिन ए और ई की कमी को दूर करता है। इनकी कमी से आंखों की बीमारियां, त्वचा में सूखापन, बालों का टूटना, नाख़ून खराब होना जैसी समस्याएं होती हैं। विटामिन ए हमारे शरीर की हड्डियों और दांतों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। यह आंखों की कमजोरी दूर करता है व त्वचा व बालों को स्वस्थ व चमकदार बनाता है।
          • गाजर में फाइबर बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होता है। इसलिए गाजर को चबा चबा कर खाया जाए तो आंतों की सफाई हो जाती है। जिससे कब्ज और गैस जैसी समस्याओं में आराम मिलता है। गाजर का जूस नियमित रूप से पीने पर त्वचा चमकने लगती है।
          • गाजर हमारे शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देती है। गाजर खाने से हम लंबे समय तक जवान बने रह सकते हैं। यदि भूख न लगती हो, अरुचि हो गई हो तो ऐसे में गाजर में नमक नींबू लगा कर अदरक और पुदीने के साथ सेवन करने से भूख लगने लगती है।
          • डायबिटीज के रोगियों के लिए गाजर अमृत समझी जाती है। एक गिलास गाजर के रस में एक कप करेले का रस मिला कर पीने से डायबिटीज में लाभ मिलता है या एक गिलास गाजर के रस में आधा कप आंवले का रस मिला कर दिन में दो तीन बार पीने से डायबिटीज में फायदा मिलता है। गाजर के साथ पालक के जूस में थोड़ा काला नमक मिलाकर पिएं फायदा होगा।
          • जो पुरुष कमजोरी से परेशान होते हैं उनके लिए गाजर का जूस बहुत लाभदायक होता है। चिकित्सा अध्ययनों ने यह साबित किया है कि गाजर कैंसर के खतरे को कम करती है। गर्भवती महिला व होने वाले बच्चे के लिए ये जूस बहुत फायदेमंद होता है।
          • रोजाना एक गिलास गाजर का जूस पीने से याददाश्त बढ़ती है। यदि आप अर्थराइटिस के मरीज है तो एक गिलास गाजर के रस से एक चम्मच अजमोदा चूर्ण दिन में तीन बार उपयोग करें। गाजर खून को साफ करती है। इसके सेवन से बुढ़ापा दूर रहता है। मानसिक और शारीरिक दोनों क्षमताएं विकसित होती हैं।
          • यदि मुंह में छाले हो गए हों तो ऐसे में गाजर के रस को मुंह में घुमा कर कुल्ला करके उस जूस को पी लेने से मुंह के छालों में राहत मिलती है।
          • यदि दूध पिलाने वाली स्त्री को दूध न बन रहा हो तो गाजर का इस्तेमाल करने से प्रसूता को दूध बनने लगता है।

          Saturday, May 20, 2017

          दालचीनी और शहद से पाएं बेहतरीन फायदे,Health Benefits of Honey and Cinnamon in Hindi

          आपने घर के मसालों की रानी, दालचीनी का उपयोग तो कई बार किया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि‍ यह आपकी हर बीमारी का इलाज करने में सक्षम है। और जब दालचीनी के साथ शहद का भी मेल हो जाए, फिर तो यह समझो सोने पर सुहागे वाली बात हो गई। अगर आप अब तक इसके गुणों से अनजान हैं, तो जरूर पढ़े दालचीनी और शहद के यह अनमोल गुण और उससे होने वाले  फायदे

          शहद को प्राचीन समय से ही सेहत और सौंदर्य दोनों के लिए बहुत उपयोगी माना गया है. इसी तरह खाने में दालचीनी का प्रयोग स्वाद और सेहत दोनों के लिए ही बहुत अच्छा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों को अगर एक साथ खाया जाए तो शरीर को कैसे फायदा मिलता है?

          शहद और दालचीनी का मिश्रण बहुत ही प्रभावी है, जिससे कई तरह के रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है. आयुर्वेदिक चिकित्‍सा में चीनी की जगह शहद का प्रयोग दवा बनाने में किया जाता है.

          दालचीनी खाने के फायदे,Health Benefits of Honey and cinnamon in Hindi

          • कैंसर के लिए-कैंसर दालचीनी का प्रयोग कैंसर जैसे रोग पर नियंत्रण पाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने अमाशय के कैंसर और हड्डी के बढ़ जाने की स्थति‍ में दालचीनी और शहद को लाभदायक बताया है। एक माह तक गरम पानी में दालचीनी पाउडर और शहद का सेवन इसके लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके।
          • ह्रदय रोग के लिए-ह्रदय रोग – हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और हृदय रोगों पर नियंत्रण रखने में दालचीनी सहायक होती है, क्योंकि यह हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकती है। प्रतिदिन शहद और दालचीनी का गर्म पानी के साथ सेवन करें। आप दालचीनी और शहद के मिश्रण को रोटी के साथ भी खा सकते हैं। इसके अलावा दालचीनी को चाय में डालकर भी ले सकते हैं। इसके प्रयोग से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
          • मूत्राशय का संक्रमण-यूरिनरी-ब्लेडर में इन्फ़ेक्शन होने पर दो बड़े चम्मच दालचीनी का पाऊडर और एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर गरम पानी के साथ देने से मूत्रपथ के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं.
          • कोलेस्टरोल घटाने के लिये:-बढ़े हुए कॉलेस्ट्रोल की स्थिति में दो बड़े चम्मच शहद और तीन छोटे चम्मच दालचीनी पाऊडर को आपस में मिलाकर आधा लीटर मामूली गरम जल के साथ लेने पर सिर्फ़ २ घंटे में ही रक्त में कॉलेस्ट्रोल का स्तर 10 प्रतिशत नीचे आ जाता है. और रोजाना कुछ दिनों तक, लगातार दिन में तीन बार लेते रहने से बढ़े-कॉलेस्ट्रोल से पीड़ित पुराने रोगी भी ठीक हो जाते हैं.
          • मोटापा रोग के लिए-मोटापा – मोटापे के लिए दालचीनी का सेवन एक रामबाण उपाय है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, जिससे मोटापा नहीं बढ़ता। इसके लिए दालचीनी की चाय बहुत फायदेमंद है।एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास जल में उबालकर आंच से उतार लें। इसके बाद उसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ता करने से आधा घंटा पहले पिएं। रात को सोने से पहले भी इसका सेवन करना दुगुना फायदेमंद होता है, और अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।
          • जोड़ों में रोग के लिए-जोड़ों में दर्द होने पर दालचीनी का प्रयोग आपको राहत देता है। इसके लिए प्रतिदिन दालचीनी का गर्म पानी में सेवन तो लाभप्रद है ही, इसके अलावा इस हल्के गर्म पानी की दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से भी जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है इसके पानी को पीने एक सप्ताह में संधिवात के दर्द से निजात मिलती है और एक महीने तक इका सेवन करने से चलने फिरने में असमर्थ लोग भी चलने में सक्षम हो जाते हैं। आर्थाइटिस के दर्द में भी दालचीनी काफी फायदेमंद साबित होती है।
          • सर्दी-खांसी रोग के लिए-सर्दी-खांसी – सर्दी, खांसी या गले की तकलीफों में दालचीनी बेहद असरकार‍क दवा के रूप में काम करती है। इसे पीसकर एक चम्मच शहद के साथ एक चुटकी मात्रा में खाने से जुकाम में लाभ मिलता है। आप गर्म या गुनगुने पानी में दालचीनी के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर पी सकते हैं। दालचीनी के पाउडर को पिसी हुई काली मिर्च के साथ सेवन करने से भी राहत मिलती है। इससे पुराने कफ में भी राहत मिलेगी।
          • पेट के रोग- अपच, गैस, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी समस्यों में भी दालचीनी का पाउडर लेने से आराम मिलता है। इससे उल्टी-दस्त की समस्या में भी लाभ होता है, और भोजन का पाचन भीबेहतर होता है। शहद और दालचीनी के पावडर का मिश्रण लेने से पेट का अल्सर जड़ से ठीक हो जाता है।
          • सिर दर्द के लिए-सिर दर्द- ठंडी हवा लगने या सर्दी के कारण होने वाले सिरदर्द में दालचीनी का लेप करना फायदेमंद होता है। गर्मी के कारण होने वाले सिरदर्द में दलचीनी और तेजपत्ते को मिश्री के साथ चावल के पानी में पीसकर सूंघने से सिरदर्द दूर हो जाता है। इसके अलावा दालचीनी के तेल कुछ बूंदें, तिल के तेल में मिलाकर सिर पर मालिश करने से भी सिरदर्द ठीक हो जाती है। दालचीनी को पानी में रगड़कर कनपटी पर गर्म लेप करने से भी आराम मिलता है। नियमित रूप से शहद और दालचीनी का सेवन करने से तनाव से राहत मिलती है, साथ ही स्मरणशक्ति भी बढ़ती है।
          • सौंदर्य के लिए-सौंदर्य- त्वचा और बालों के सौंदर्य में भी दालचीनी पीछे नहीं है। यह त्वचा को निखारने के साथ ही झुर्रियों को भी कम करती है। दालचीनी पाउडर में नीबू के रस में मिलाकर लगाने से मुंहासे व ब्लैकहैड्स दूर होते हैं। एक नीबू के रस में दो बड़े चम्मच जैतून का तेल, एक कप चीनी, आधा कप दूध, दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पांच मिनट के लिए शरीर पर लगाएं। इसके बाद नहा लें, त्वचा खिल उठेगी। शहद और दालचीनी के पेस्ट को रात को सोते वक्त चेहरे पर लगाएं और सुबह गरम जल से धो लें, इससे चेहरा कांतिमय हो जाता है। गंजेपन या बालों के गिरने की समस्या के लिए गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाकर इसे सिर में लगाए और पंद्रह मिनट बाद धो लें।
          • दर्द, घाव के लिए-दालचीनी के तेल का प्रयोग दर्द, घाव और सूजन को समाप्त करने के लिए किया जाता है। यह त्वचा की खुजली को भी समाप्त करने के साथ, दांतों के दर्द में भी राहत देती है। मुंह से बदबू आने की समस्या में दालचीनी को मुंह में रखकर चूसना बहुत लाभदायक होता है।
          • दालचीनी और शहद का मिश्रण का सेवन कान के रोगों को भी दूर करता है, और बहरेपन की समस्या को भी समाप्त करता है। दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें कान में डालने से लाभ मिलता है। अस्थमा और लकवा लगने पर भी यह बेहद फायदेमंद होता है।

          Sunday, May 14, 2017

          चना खाने के फायदे,Health Benefits of Horse Gram in Hindi,Chana Benefits in Hindi,

          चना बहुत पौष्टिक होता है। चना चाहे भूना हुआ हो या अंकुरित किया हुआ, इसे खाना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। चने के सेवन से कई रोग ठीक हो जाते हैं। क्योंकि इसमें प्रोटीन, नमी, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स पाये जाते हैं। चना दूसरी दालों के मुकाबले सस्ता होता है और सेहत के लिए भी यह दूसरी दालों से पौष्टिक आहार है। चना शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है
          • खाज-खुजली,त्वचा संबंधित बीमारियां में फायदा - चने के आटे की की नमक रहित रोटी 40 से 60 दिनों तक खाने से त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे-दाद, खाज, खुजली आदि नहीं होती हैं।
          • कुष्ट रोग में लाभ - अंकुरित चना 3 साल तक खाते रहने से कुष्ट रोग में लाभ होता है।
          • त्वचा का कालापन- लगभग 12 चम्मच बेसन, 3 चम्मच दही या दूध, थोड़ा सा पानी सभी को मिलाकर पेस्ट सा बनाकर पहले चेहरे पर मले और फिर सारे शरीर पर मलने के लगभग 10 मिनट बाद स्नान करें तथा स्नान में साबुन का उपयोग न करें। इस प्रकार का उबटन करते रहने से त्वचा का कालापन दूर हो जाएगा।
          • आयरन की मात्रा से हैं भरपूर-गुड़ और चना आयरन से भरपूर होता है और यही कारण है कि एनीमिया से बचने के लिए यह बेहद मददगार साबित होता है. गुड़ में उच्च मात्रा में आयरन होता है और भुने हुए चने में आयरन के साथ-साथ प्रोटीन भी सही मात्रा में पाया जाता है. इस तरह से गुड़ और चने को मिलाकर खाने से आवश्यक तत्वों की कमी पूरी होती है, जो एनीमिया रोग के लिए जिम्मेदार होते हैं.
          • चेहरे का सौंदर्यवर्धक- चना के बेसन में नमक मिलाकर अच्छी तरह गौन्दकर लेप बना लें। इस लेप को चेहरे पर मलने से त्वचा में झुर्रियां नहीं आती हैं और चेहरा सुन्दर रहता है।
          • चेहरे की झांई के लिए- रात्रि में 2 बड़े चम्मच चने की दाल को आधा कप दूध में भिगोकर रख दें। सुबह दाल को पीसकर उसी दूध में मिला लें। फिर इसमें एक चुटकी हल्दी और 6 बूंदे नींबू की मिलाकर चेहरे पर लगाकर रखें। सूखने पर चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें। इस पैक को सप्ताह में तीन बार लगाने से चेहरे की झाईयां दूर हो जाती हैं।
          • मधुमेह में बहुत लाभ - 25 ग्राम काले चने रात में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करने से डायबिटीज दूर हो जाती है। यदि समान मात्रा में जौ चने की रोटी भी दोनों समय खाई जाए तो डायबिटीज में जल्दी फायदा होगा।
          • नपुंसकता समाप्त - चने को पानी में भिगो दें उसके बाद चना निकालकर पानी को पी जाएं। शहद मिलाकर पीने से किन्हीं भी कारणों से उत्पन्न नपुंसकता समाप्त हो जाती है।
          • वीर्य का पतलापन दूर व बढ़ोतरी - चीनी के बर्तन में रात को चने भिगोकर रख दे। सुबह उठकर खूब चबा-चबाकर खाएं इसके लगातार सेवन करने से वीर्य में बढ़ोतरी होती है व पुरुषों की कमजोरी से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। भीगे हुए चने खाकर दूध पीते रहने से वीर्य का पतलापन दूर हो जाता है।
          • धातु पुष्टि हो - 1 मुट्ठी सेंके हुए चने या भीगे हुए चने और 5 बादाम खाकर दूध पीने से वीर्य का पतलापन दूर होकर वीर्य गाढ़ा हो जाता है।
          • नपुंसकता- भीगे हुए चने सुबह-शाम चबाकर खाने से ऊपर से बादाम की गिरी खाने से मैथुन-शक्ति बढ़ती है और नंपुसकता खत्म होती है।
          • अण्डकोष वृद्धि- चने के बेसन को पानी और शहद में मिलाकर अण्डकोष की सूजन पर लगाने से लाभ होता है।
          • श्वेतप्रदर - प्रातः सेंके हुए चने पीसकर उसमें खाण्ड मिलाकर खाएं। ऊपर से एक गिलास दूध में एक चम्मच देशी घी मिलाकर पियें। इससे श्वेतप्रदर लाभ होता है। श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिआ या लिकोरिआ (Leukorrhea) या "सफेद पानी आना" स्त्रिओं का एक रोग है जिसमें स्त्री-योनि से असामान्य मात्रा में सफेद रंग का गाढा और बदबूदार पानी निकलता है और जिसके कारण वे बहुत क्षीण तथा दुर्बल हो जाती है।
          • बार-बार पेशाब व मूत्र से संबंधित समस्या - बार-बार पेशाब जाने की बीमारी में भुने हूए चनों का सेवन करना चाहिए। गुड़ व चना खाने से भी मूत्र से संबंधित समस्या में राहत मिलती है।
          • हिचकी में फायदा- हिचकी की समस्या ज्यादा परेशान कर रही हो तो चने के पौधे के सूखे पत्तों का धुम्रपान करने से शीत के कारण आने वाली हिचकी तथा आमाशय की बीमारियों में लाभ होता है।
          • पीलिया में फायदा- पीलिया में चने की दाल लगभग 100 ग्राम को दो गिलास जल में भिगोकर उसके बाद दाल पानी में से निकलाकर 100 ग्राम गुड़ मिलाकर 4-5 दिन तक खाएं राहत मिलेगी।
          • पीलिया - चना का सत्तू पीलिया रोग में लाभदायक है। 1 मुट्ठी चने की दाल को 2 गिलास पानी में भिगो दें। फिर दाल को निकालकर बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर 3 दिन तक खाना चाहिए। प्यास लगने पर दाल का वहीं पानी पीना चाहिए। इससे पीलिया रोग नष्ट हो जाता है।
          • जुकाम में फायदा- गर्म चने रूमाल या किसी साफ कपड़े में बांधकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है।
          • बवासीर में फायदा- रोजाना भुने चनों के सेवन से बवासीर ठीक हो जाता है।
          • कब्ज - 1 या 2 मुट्ठी चनों को धोकर रात को भिगो दें। सुबह जीरा और सोंठ को पीसकर चनों पर डालकर खाएं। घंटे भर बाद चने भिगोये हुए पानी को भी पीने से कब्ज दूर होती है।
          • निम्न रक्तचाप- 20 ग्राम काला चना और 25 दाने किशमिश या मुनक्का रात को ठण्डे पानी में भिगो दें। सुबह रोजाना खाली पेट खाने से निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) में लाभ होगा और साथ ही चेहरे की चमक भी बढ़ जाती है।
          • सफेद दाग- मुट्ठी भर काले चने और 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण (हरड़, बहेड़ा, आंवला) को 125 मिलीलीटर पानी में भिगो दें। कम से कम 12 घंटों के बाद इन चनों को मोटे कपड़े में बांधकर रख दें और बचा हुआ पानी कपडे़ की पोटली के ऊपर डाल दें। फिर 24 घंटे के बाद पोटली को खोल दें अब तक इन चनों में से अंकुर निकल आयेंगे। यदि किसी मौसम में अंकुर न भी निकले तो चनों को ऐसे ही खा लें। इस तरह से अंकुरित चनों को चबा-चबाकर लगातार 6 हफ्तों खाने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं।
          • शरीर का वजन बढ़ाने के लिए- लगभग 50 ग्राम की मात्रा में चने की दाल को लेकर शाम को 100 मिलीलीटर कच्चे दूध में भिगोकर रख दें। अब इस दाल को सुबह उठकर किशमिश और मिश्री में मिलाकर अच्छी तरह से चबाकर खायें। इसका सेवन लगातार 40 दिनों तक करना चाहिए।
          • रातभर भिगे हुए चनों से पानी को अलग कर उसमें अदरक, जीरा और नमक को मिक्स कर खाने से कब्ज और पेट दर्द से राहत मिलती है।
          • शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए अंकुरित चनों में नींबू, अदरक के टुकड़े, हल्का नमक और काली मिर्च डालकर सुबह नाश्ते में खाएं। आपको पूरे दिन की एनर्जी मिलेगी।।

          Tuesday, May 09, 2017

          ग्रीन कॉफी के फायदे-Health Benefits of Green Coffee in Hindi,

          Green Coffee बाज़ार मे अभी अपेक्षाकृत रूप से नया उत्पाद है. इस पौधे के बीजों का प्रयोग अधिक वज़न से लड़ने के लिए किया जाता है. अभी तक पतले होने के लिए Green Coffee के असर के बारे मे काफ़ी अंतर्विरोधी कयास लगाए जाते हैं. क्या ये सच मे वज़न घटने मे सहायता करती है

          ये वजन कम करने में काफी मदद करता है। इस कॉफी में ज्यादा कुछ खास फर्क नहीं है, बस इस कॉफी की बीन्स कच्चे रुप में होती है। आमतौर पर कॉफी बीन्स को निकाल कर भूना जाता है ताकि उनका स्वाद अच्छा हो और महक अच्छी हो जाए। कई शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि इस कॉफी की बीन्स का स्वास्थ से महत्वपूर्ण संबंध है।

          ग्रीन टी के चलन के साथ ही ग्रीन कॉफी को लेकर भी बहुत चर्चाएं की जाने लगीं। यह असल में कच्चे, बिना सिके हुए कॉफी के बीज होते हैं। इन्हें इसी स्वरूप में पीसकर काम में लाया जाता है। चूंकि ये प्राकृतिक और कच्चे रूप में काम में लिए जाते हैं, इसलिए इसे ग्रीन कॉफी कहा जाता है।

          Health Benefits of Green Coffee in Hindi,

          • क्लोरोजेनिक एसिड, जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, वज़न मे बढ़त रोकता है, पेट मे वसा को तोड़ता है तथा उसके अवशोषण को रोकता है.
          • क्लोरोजेनिक एसिड के साथ कैफ़ीन शरीर के उपापचय मे सुधार करता है, शरीर के मोटापे को जलाता है, जिससे कि वज़न मे घटत होती है. 
          • इस पेय का टॉनिक प्रभाव होता है, ये शरीर को ऊर्जा से भर देता है इसलिए शारीरिक काम करना आसान हो जाता है. कसरत इस पेय का असर बढ़ा देती है जिससे पतला होना और प्रभावी हो जाता है.
          • Green coffee का अपना एक अलग ही स्वाद होता है, जो भूख को दबाता है 
          • वजन घटाने का विकल्प हुए कुछ शोध यह साबित करते हैं कि ग्रीन कॉफी का सेवन करने वाले लोग, इसे न पीने वालों की तुलना में 7-8 किलो तक अधिक वजन घटा सकते हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है कि यह शरीर में फैट के जमा होने की प्रक्रिया से भी बचाव कर सकता है। कुछ लोगों में इसके सेवन से उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायता मिलने के भी प्रमाण मिले हैं।
          • यदि आप अपने वजन से बहुत परेशान हैं लेकिन आप डायट चार्ट भी फॉलो नहीं करना चाहते तो आपको ग्रीन कॉफी का सेवन करना चाहिए। ग्रीन कॉफी का सबसे बड़ा फायदा है कि आप एक महीने में ही लगभग 2 किलोग्राम वजन आसानी से कम कर सकते हैं। इसके लिए आपको कोई अतिरिक्त मेहनत भी नहीं करनी होगी। 
          • जो लोग नियमित रूप से ग्रीन कॉफी का सेवन करते हैं, निश्चित रूप से उनका दो सप्ताह में लगभग डेढ़ किलोग्राम तक वजन कम हो सकता है लेकिन यदि एक महीने तक रोजाना ग्रीन कॉफी का सेवन किया जाएं तो आसानी से करीब 2 किलोग्राम वजन कम करने में आसानी होगी।
          • ग्रीन काफी कुछ ग्रीन टी के समान है। लेकिन ग्रीन कॉफी इसलिए भी अधिक फायदेमंद है क्योंकि ग्रीन कॉफी के कच्चे और बिना भुने स्वरूप में जो तत्व मौजूद होते हैं उनसे पाचन क्षमता ठीक रहती है और ठीक इसके विपरीत इन्हीं तत्वों से वजन नियंत्रण में भी मदद मिलती है।
          • रिसर्च के दौरान यह भी बात सामने आई है कि यदि ग्रीन कॉफी के कच्चे और बिना भुने स्वरूप को भूना जाएगा तो इससे असरकारक तत्व नष्ट हो जाते हैं। यही कारण है कि जो लोग सामान्य कॉफी पीने के शौकीन हैं उनका वजन कम नहीं होता क्योंकि इसे असरकारक तत्व भूनने के दौरान खत्म हो चुके होते हैं।
          • दुनिया भर में कॉफी के इन बीजों का प्रयोग वजन घटाने के लिए विकल्प के तौर पर किया जा रहा है। लोग तेजी से इस ट्रैंड को अपना रहे हैं। असल में जानकारों का कहना है कि रोस्ट होने, यानी सिकने की प्रक्रिया में कॉफी के बीजों में मौजूद कुछ हेल्दी, प्राकृतिक रसायन नष्ट हो जाते हैं। पिछले कुछ समय में हुए कुछ शोध इस परिणाम को दर्शाने में सफल रहे हैं कि ग्रीन कॉफी का प्रयोग वजन घटाने में मदद कर सकता है।
          • ग्रीन काफी मे ओआरएसी ज्यादा मात्रा में होता है-ओआरएसी यानि ऑक्सीजन रेडिकल एबजॉरबेंस केपेसिटी ये एक तरीका होता है जिससे एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा की जांच की जाती है। जब ग्रीन कॉफी की बीन्स की जांच की गई तो पाया गया कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट अधिक मात्रा में है। हाल ही के अध्यन में पता चला है कि ये कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों को भी रोकने में कारगर है। दरअसल ये कैंसर के सेल को बनने से रोकती है। 
          • ऊर्जा बढ़ाती है- ये भी पाया गया कि ग्रीन कॉफी मेटाबॉलिजम रेट को बढ़ाती है जो कि आपकी दिनचर्या को पूरा करने में ऊर्जा देता है। वजन कम करता है- ये कॉफी वजन कम करने में भी मददगार है क्योंकि इसमें मेटाबॉलिजम रेट को बढ़ाने की क्षमता होती है। इसी के साथ पहले से मौजूदा फैट को भी कम करता है। हो सकता है जोखिम भी यूं सामान्य तौर पर किसी भी चीज का सेवन हद से ज्यादा करना तकलीफ देह हो सकता है। ग्रीन कॉफी के मामले में भी यह बात लागू होती है।
          • ग्रीन कॉफी या इसके सप्लीमेंट्स का सेवन करने के लिए भी कुछ खास बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। अन्यथा इससे तकलीफ हो सकती है। इसलिए इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। डॉक्टर विशेष तौर पर बच्चों और गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन न करने की सलाह देते हैं। Health Benefits of Green Coffee
          • इसके साथ ही कुछ विशेष औषधियों का सेवन करने वालों के लिए भी ग्रीन कॉफी के सेवन को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है, 

          पेय को कैसे लें Green coffee को विभिन्न प्रकार से लिया जा सकता है

          • भूख पर काबू करने के लिए एक निश्चित समय मे ही आहार लीजिए (उदाहरण के लिए, नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना). अगर आपको उसके बीच भूख लगती है तो Green coffee पीजिए. इस पेय को खाने के एक-आध घंटे पहले लिए जा सकता है. इससे भूख घट जाएगी जिससे कि आप कम खाना खाएँगे.
          • इस कॉफ़ी को मोटापानाशक उत्पाद के रूप मे मुख्य पेय के तौर पर नाश्ते, दोपहर के भोजन तथा रात्रि के भोजन मे लीजिए. ये तत्काल मोटापे को शरीर से कम करना शुरू कर देगी.
          • बहुत से लोगो को लगता है कि बढ़ी हुई मात्रा से ज़्यादा अच्छा परिणाम मिलेगा. पर एक बात याद रखिए: सुरक्षा सबसे पहले है. आप जो भी लें उसमे हमेशा परामर्श की हुई मात्रा का ध्यान रखना चाहिए. Green coffee की स्थिति मे भी ये मात्रा एक दिन मे 3 कप से ज्यादा नही होनी चाहिए. अगर आप इसे अक्सर पीना चाहते हैं तो मात्रा मे कमी कर दीजिए और एक बार मे बस आधा कप लीजिए.

          Monday, May 08, 2017

          कमरख के फायदे,Health Benefits of Star Fruit In Hindi,

          कमरख के फायदे,Health Benefits of Star Fruit In Hindi,Health benefits of Carambola,
          कमरख का पेड उत्तर और मध्य भारत में अक्सर देखा जा सकता है। अंग्रेजी भाषा में इसे स्टार फ्रूट के नाम से जाना जाता है और इसका वानस्पतिक नाम एवेरोहा करम्बोला है। स्वाद में इसके फल काफी खट्टे होते है हलाँकि ज्यादा पक जाने पर इनमें थोडी मिठास भी आ जाती है। आदिवासियों के अनुसार इसका पका हुआ फल शक्तिवर्धक और ताजगी देने वाला होता है। गर्मियों में इस फल के सेवन से लू की मार नहीं पडती तथा यह ज्यादा गर्मी की वजह से होने वाले बुखार में भी लाभकारी होता है। कमरख एक देशी फल हैं। इसका स्वाद खाने में बहुत ही खट्टा होता हैं। इसीलिए इसे खाना ज्यादा लोग पसंद करते हैं। कमरख के पेड़ बहुत ही बड़े और घने होते हैं। कमरख का पेड़ कभी भी सूखता नहीं हैं। सर्दियों के शुरुआती मौसम में मिलने वाला फल कमरख इस सीजन में काफी लाभदायक होता है।
          • सर्दियों में अनेक लोगों को त्वचा संबंधी विकार हो जाते हैं। इसमें से कुछ लोग दाद की समस्या से भी परेशान होते हैं। ऐसे लोगों को कमरख का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से दाद की समस्या काफी कम हो जाती है। हल्के हरे और पीले रंग के इस फल में कैलोरी बहुत ही कम पाई जाती है। 
          • यह आंख के घाव में भी बहुत फायदा करता है।
          • डायबिटीज, कैंसर और हृदय : कमरख हृदय की शक्ति बढाने के लिए भी अत्यंत फायदेमंद होते हैं। इसीलिए यदि किसी व्यक्ति को हृदय से सम्बन्धित कोई रोग हो तो उसे इसका सेवन जरूर करना चाहिए। कैंसर और डायबिटीज रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
          • बवासीर का रोग : यदि किसी व्यक्ति को बवासीर का रोग हो गया हो तो उसे कमरख के फल का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योंकि इसका सेवन करने से बवासीर के रोग से पीड़ित व्यक्ति को काफी आराम मिलता हैं।
          • कमरख के पके पके हुए फल का सेवन करने से शरीर में ताजगी आती हैं और शरीर की शक्ति में वृद्धि होती हैं।
          • कमरख के फल का सेवन कालीमिर्च के पाउडर, मिर्ची पाउडर, जीरा पाउडर और चीनी के साथ किया जा सकता हैं।
          • गर्मी के मौसम के लिए यह फल बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता हैं क्योंकि गर्मी के दिनों में गर्म तेज हवाओं के रूप में चलने वाली लू का प्रभाव इसे खाने वाले व्यक्ति पर नहीं पड़ता। 
          • इसका सेवन करने से बुखार जल्दी उतर जाता हैं।
          • कमरख के फल का गर्मियों के दिनों में आम के फल की ही भांति पन्ना बनाया जाता हैं माना जाता हैं कि कमरख के पन्ने की तासीर बहुत ही ठंडी होती हैं। जिससे गर्मी के दिनों में इसे पीने वाल व्यक्ति के शरीर को ठंडक मिलती हैं और उसे अधिक प्यास नहीं लगती।
          • गर्मी के मौसम में कमरक के अचार और चटनी का भी सेवन किया जाता हैं। ये दोनों भी गर्मी के दिनों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होते हैं।
          • जिन महिलाओं को बच्चे को जन्म देने के पश्चात् दूध स्रावण की समस्या रहती हैं उस महिला को इस समस्या से निजात पाने के लिए कमरख के फल का सेवन जरूर करना चाहिए।
          • कमरक के फल का रस भी बनाया जा सकता हैं। इसका रस भी बहुत ही गुणकारी होता हैं। इसका रस पीने से मदिरा का नशा उतर जाता हैं।
          • भोजन के दौरान कमरख के अधपके फलों की चटनी या अचार को भी खाया जाए तो गर्मियों में काफी फायदा करता है।
          • बवासीर के रोगियों को पके हुए कमरख के फलों का सेवन करना चाहिए।
          • फलों का रस हैंगओवर से निजात पाने में मदद करता है।
          • जिन माताओं को प्रसूति पश्चात दुध स्रावण की समस्याएं रहती है, उन्हें भी पके फलों का रस देना चाहिए।
          • ये काली मिर्च , जीरा और चीनी के साथ खाने पर अच्छे लगते है.
          • कच्चा फल वात नाशक और पित्त वर्धक होता है.
          • भोजन के प्रति अरुचि : यदि किसी व्यक्ति को भूख कम लगती हो या उसका भोजन करने का मन न हो तो इसके लिए एक गिलास सुबह के समय कमरख का रस लें और उसमें एक चम्मच चीनी मिलाकर इस रस का सेवन करें। दो – चार दिनों तक इस रस का सेवन करने के बाद भूख बढ़ जाएगी।
          • रुसी : अगर किसी महिला या पुरुष के बालों में रुसी अधिक हो गई हैं तो इससे छुटकारा पाने के लिए बादाम का तेल लें और उसमें कमरख के रस के मिश्रण को मिला लें। इसके बाद इन दोनों के मिश्रण को अपने सिर में लगा लें और आधे घंटे बाद अपने बालों को धो लें। रुसी ख़त्म हो जायेगी तथा आपके बाल अधिक चमकदार हो जायेंगे।
          • फटी एडियाँ : यदि किसी व्यक्ति की एडियाँ फट गई हो तो इसके लिए भी आप कमरख का इस्तेमाल कर सकते हैं।
          • दाद और खुजली : यदि शरीर के किसी भाग में खाज – खुजली की समस्या हैं तो कमरख के पेड़ की डंडियाँ लें और कुछ पत्तियां ले लें। इसके बाद इन दोनों को एक साथ पीस लें। इसके बाद इसके मिश्रण को दाद व खुजली वाले स्थान पर लगा लें। आपको दाद – खाज खुजली से छुटकारा मिल जाएगा।
          • कमरख का रस पीने से रक्तपित्त के रोग में भी लाभ होता हैं।
          • पका फल शक्तिवर्धक , पुष्टिकारक और रुचिकारक होता है.
          • इसके फलों का शरबत बना कर पिने से बुखार जल्दी उतरता है.
          • सुबह शाम इसका शरबत पिने से रक्तपित्त में लाभ होता है.
          • कपड़ों पर जंग के दाग लगने पर कमरख के पके या कच्चे फल से ४-५ बार जरा जोरो से रगड़ दें.४-५ मिनट बाद पानी से उस स्थान को धो डालें, दाग गायब हो जायेंगे.
          • प्रात:काल ताजे पके कमरख का रस २-३ तोला लेकर उसमें थोड़ी चीनी मिलाकर एवं थोड़ा पानी मिलाकर शर्बत पी लिया करें. ४-५ दिनों में ही आप अनुभव करेंगे कि भूख तेजी से लगने लगी है, भोजन में रूचि बढ़ जाती है.
          • बालों से रूसी का सफाया करने के लिए बादाम तेल और कमरख के रस का मिश्रण बनाकर बालों में लगाएं.
          • इसकी पत्तियों और डंडियों को दाद और खुजली पर पीसकर कर लगाया जाता है.
          • यह ज़हर के असर को कम करते है.
          • अगर किसी व्यक्ति को रक्त प्रदर की समस्या हो तो वह इस समस्या से निजात पाने के लिए कमरख के फल का सेवन कर सकता हैं।
          • यदि किसी जहरीले जंतु ने किसी व्यक्ति को डंक मार दिया हो तो उस जंतु के विषैले जहर के प्रभाव को रोकने के लिए आप कमरख का प्रयोग कर सकते हैं।
          • कमरख का प्रयोग पेचिस की बीमारी को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता हैं।
          • कमरख के फल की ही भांति कमरख के फूल भी लाभदायक होते हैं। क्योंकि इसके फूलों का प्रयोग करने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
          • लोहे का जंग : यदि किसी कपडे पर लोहे के जंग का दाग लग जाएँ तो यह फल उस दाग को भी खत्म करने के लिए लाभकारी होता हैं। कपडे के दाग हटाने के लिए कमरख का फल लें और उसे दाग वाले स्थान पर अच्छी तरह से रगड दें। इसके बाद इस कपडे को पानी से 8 से 10 मिनट के बाद धो लें। दाग बिल्कुल हट जाएगा।