Sunday, March 06, 2016

गुलाब फूल के गुण -Health Benefits of Rose Flower in Hindi,गुलाब के फूल के लाभ,

 

गुलाब के फूल के औषधिय गुण-Health Benefits of Rose Flower,

गुलाब एक बहुवर्षीय, झाड़ीदार, कंटीला, पुष्पीय पौधा है जिसमें बहुत सुंदर सुगंधित फूल लगते हैं। इसकी 100 से अधिक जातियां हैं जिनमें से अधिकांश एशियाई मूल की हैं।गुलाब के फूल को कोमलता और सुंदरता का प्रतीक माना जाता है, लेकिन यह सिर्फ खूबसूरत फूल ही नहीं है, बल्कि कई तरह के औषधिय गुणों से भी भरपूर है।इसके फूल में कई रोगों के उपचार की क्षमता है। कुछ ऐसे ही उपयोग हैं गुलाब के फूलों का रस रक्तशोधक होता है। गुलाब में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अत: विटामिन सी की कमी का पूरा करने के लिये इसका उपयोग किया जाता है।
  • नींद न आती हो या तनाव रहता हो तो सिर के पास गुलाब रखकर सोएं, अनिद्रा की समस्या दूर हो जाएगी। 
  • गुलाब के फूल की पंखुड़ियां खाने से मसूढ़े और दांत मजबूत होते हैं। मुंह की बदबू दूर होती है और पायरिया रोग से भी निजात मिल जाती है। 
  • गुलाब में विटामिन सी बहुत मात्रा में पाया जाता है। गुलकंद रोज खाने से हड्डियां मजबूत हो जाती है। रोजाना एक गुलाब खाने से टी.बी के रोगी को बहुत जल्दी आराम मिलता है। 
  • गुलाब की पत्तियों को ग्लिसरीन डालकर पीस लें। इस मिश्रण को होंठों पर लगाएं। इससे होंठ गुलाबी और चिकने हो जाते हैं। 
  •  गुलाब का तेल बुखार को आने से भी रोकता हैं। गुलाब में मौजूद एंटी इंफ्मेंटेरी तत्‍व सूक्ष्म जीवाणु संक्रमण के कारण सूजन, रसायन, अपच और निर्जलीकरण को कम करने में मदद करता हैं।
  • गुलाब जल का प्रयोग एक हर्बल चाय के रूप में भी किया जा सकता हैं। 
  • यह पेट के रोगों और मूत्राशय में होने वाले संक्रमण को दूर करने के काम आती हैं । और साथ ही गर्मी के दिनों में गुलाब को पीस कर उसका लेप बना कर माथे पर लगाने से सिर दर्द भी ठीक हो जाता हैं ।
  • गुलाब के तेल में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण घावों को जल्दी भरने में मदद करते हैं । घाव पर गुलाब का तेल लगाने से संक्रमण भी नहीं फैलता हैं ।
  • गुलाब के फूल में विटामिन ए, बी 3, सी, डी और ई से भरपूर होता हैं । इसमें उच्‍च मात्रा में  विटामिन सी होने के कारण डायरिया के इलाज के लिए इसका प्रयोग किया जाता हैं। गुलाब के फल में फ्लवोनोइड्स, बायोफ्लवोनोइड्स, सिट्रिक एसिड, फ्रुक्टोज, मैलिक एसिड, टैनिन और जिंक भी होता हैं।
  • गुलाब जल में बालों की देखभाल के प्रभावी गुण होते हैं। इसे बालों में लगाने से बालों की जड़ों में ब्लड के सर्कुलेशन में सुधार होता हैं। जिससे बालों के विकास में मदद मिलती हैं। इसके अलावा यह बालों को मजबूत और लचीला बनाने के लिए एक कंडीशनर का भी काम करता हैं ।
  • त्वचा के लिए गुलाब जल बहुत लाभदायक होता हैं । गुलाब जल के प्रयोग का सबसे बड़ा फायदा यह हैं कि गुलाब जल एक  प्राकृतिक एस्ट्रिंजेंट होने से यह एक सर्वश्रेष्‍ठ टोनर भी हैं । 
  • रोज रात को सोने से पहले इसे लगाने से त्वचा टाइट होती हैं, यह त्वचा के पीएच संतुलन को बनाएं रखता हैं और मुंहासों को दूर करने में भी मदद करता हैं ।
  • गुलाब से बने गुलकंद में गुलाब का अर्क होता है। जो शरीर को ठंडक पहुंचाता है। यह शरीर को डीहाइड्रेशन से बचाता है और तरोताजा रखता है। पेट को भी ठंडक पहुंचाता है। गुलकंद स्फूर्ति देने वाला एक शीतल टॉनिक है, जो थकान, आलस्य, मांसपेशियों के दर्द और जलन आदि समस्याओं को दूर करता है। 
  • अर्जुन की छाल और देसी गुलाब मिलाकर पानी में उबाल लें। यह काढ़ा पीने से दिल से जुड़ी बीमारियां खत्म होती हैं। दिल की धड़कन बढ़ रही हो तो सूखी पंखुड़ियां उबालकर पिएं। 
  • आंतों में घाव हों तो 100 ग्राम मुलेटी ,50 ग्राम सौंफ ,50 ग्राम गुलाब की सूखी हुई पंखुड़ियां तीनों को मिलाकर पीस लें। रोजाना इस चूर्ण को दस ग्राम की मात्रा में लें। 
  • गुलकंद में विटामिन सी, ई और बी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। भोजन के बाद गुलकंद खाने से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं। 
  • गुलकंद में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। त्वचा के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण हैं, जो त्वचा की समस्याएं मिटाते हैं।
  • छोटी-छोटी फुंसियां हो रही हों तो गुलकंद का सेवन करें, फुंसियां खत्म हो जाएंगी। बच्चों के पेट में कीड़े होने पर बाइविडिंग का चूर्ण गुलकंद में मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम 15 दिनों तक लें। पेट के कीड़े खत्म हो जाएंगे। 
  • आंखों में गर्मी के कारण जलन हो या धूल मिट्टी से आंखों में तकलीफ हो तो गुलाबजल से आंखें धोने पर आराम मिलता है। रतौंधी नामक आंखों के रोग के लिए गुलाब जल अचूक दवा का काम करता है। 
  • गुलाब की पंखुडियां को सूखाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को चेचक के रोगी के बिस्तर पर डालने से उसे ठंडक और आराम मिलता है। 
  • गुलाब को पीस कर लेप बनाकर सिर पर लगाने से सिर दर्द थोड़ी देर में गायब हो जाता है। 
  • भोजन के बाद पान में गुलकंद डलवाकर खाना चाहिए। इससे सांस की दुर्गंध दूर हो जाती है और खाना भी हजम हो जाता है।
  •  गुलाब की पत्तियों के रस की कुछ बूंदें कान में डालने से कर्णशूल में राहत मिलती है।
  • गुलाब के अर्क में चंदन का तेल मिलाकर मालिश करने से शीत पित्त में लाभ होता है।
  • गुलाब के फूल, लौंग, अकरकरा और शीतल चीनी को पीसकर गुलाब जल के साथ गोलियां बनाकर चूसने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
  • प्रात:काल गुलकंद खाने से मुंह के छाले ठीक होते हैं।
  • टीबी से आई शारीरिक कमजोरी में गुलकंद का सेवन करने से लाभ होता है।
  • हाथ-पैर या पूरे शरीर में जलन होने पर चंदन में गुलाबजल मिलाकर लेप करें।
  • गुलकंद को सनाय की पत्ती के साथ सेवन करने से कब्ज दूर होता है।
  • एक कप गुलाब जल, चौथाई कप चूने का पानी, चौथाई कप संतरे का रस मिलाकर दिन में दो बार पीने से सीने में जलन, गले में जलन, जी मिचलाना आदि रोग नष्ट होते हैं।
  • जलन या बहुत ज्यादा गर्मी हो तो गुलाब की पंखुड़ी 10 ग्राम, इलायची 5, काली मिर्च 5 तथा मिश्री 10 ग्राम पीसकर हर चार घंटे पर पिलाएं।
  • दाद पर गुलाब के अर्क में नींबू का रस मिलाकर लेप करें।
  • लू लगने पर गुलाबजल, पानी में मिलाकर माथे पर पट्टी रखें।
  • भोजन के बाद गुलकंद खाने से हाजमा ठीक होता है।
  • आधा सीसी के दर्द में एक ग्राम असली नौसादर को 12 ग्राम गुलाबजल में मिलाकर हिला लें। नाक में चार-पांच बूंद दवा की टपकाकर नाक के अंदर खींच लें। कुछ ही देर में सिरदर्द में आराम होगा

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