Monday, August 05, 2019

गर्भवती महिला को क्या नहीं खाना चाहिए,What to not eat in Pregnancy in Hindi

 

गर्भवती महिला को क्या नहीं खाना चाहिए।,WHAT TO NOT EAT IN PREGNANCY IN HINDI !

किसी महिला को मां के दर्जे तक पहुंचाने वाले नौ महीने बेशकीमती होते हैं। इन नौ महीनों में वह क्या सोचती है, क्या खाती है, क्या करती है, क्या पढ़ती है, ये तमाम चीजें मिलकर आनेवाले बच्चे की सेहत और पर्सनैलिटी तय करती हैं। इन नौ महीनों को अच्छी तरह प्लान करके कैसे मां एक सेहतमंद जिंदगी को जीवन दे सकती है

गर्भावस्‍था में क्‍या खाए जाए से जरूरी यह जानना है कि क्‍या न खाया जाए। घर-परिवार की बुजुर्ग महिलाएं अपने अनुभव के आधार पर यह राय देती रहती हैं। चलिए जानते हैं कि गर्भावस्‍था में कौन सी सब्‍जियों और फलों से परहेज करना चाहिए। आइये जानें, गर्भवस्‍था के दौरान कौन-कौन से फल और सब्जियां ना खाएं।
  • गर्भावस्था के दौरान इन चीजों के सेवन बचें :-बिना धुले हुए फल और सब्जियां ना खाये :- गर्भावस्था के दौरान पके हुए खाद्य पदार्थ खाएं। कच्चे और बिना पके खाद्य पदार्थ न खाएं। फल और सब्जियां तथा ऐसे खाद्य पदार्थ जिन्हें खाने से पहले धोने की आवश्यकता होती है, उन्हें बिना धोएं न खाएं।
  • कॉफ़ी, चाय और शराब से दूर रहे :- प्रसव के दौरान जटिलताओं से तथा भ्रूण में जन्म दोष से बचने के लिए गर्भावस्था के दौरान चाय, कॉफ़ी और शराब के सेवन से बचें। इन तीन पेय पदार्थों के अत्याधिक सेवन से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
  • पपीता ना खाये :- कोशिश करें कि गर्भावस्था के दौरान पपीता ना खाए। पपीता खाने से प्रसव जल्दी होने की संभावना बनती है। पपीता, विशेष रूप से अपरिपक्व और अर्द्ध परिपक्व लेटेक्स जो गर्भाशय के संकुचन को ट्रिगर करने के लिए जाना जाता है को बढ़ावा देता है। गर्भावस्था के तीसरे और अंतिम तिमाही के दौरान पका हुआ पपीता खाना अच्छा होता हैं। पके हुए पपीते में विटामिन सी और अन्य पौष्टिक तत्वों की प्रचुरता होती है, जो गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों जैसे कब्ज को रोकने में मदद करता है। शहद और दूध के साथ मिश्रित पपीता गर्भवती महिलाओं के लिए और विशेष रूप से स्तनपान करा रही महिलाओं के लिए एक उत्कृष्ट टॉनिक होता है।
  • अनानास ना खाये :- गर्भावस्था के दौरान अनानस खाना गर्भवती महिला के स्‍वास्‍थ्‍ा के लिए हानिकारक हो सकता है। अनानास में प्रचुर मात्रा में ब्रोमेलिन पाया जाता है, जो गर्भाशय ग्रीवा की नरमी का कारण बन सकती हैं, जिसके कारण जल्‍दी प्रसव होने की सभांवना बढ़ जाती है। हालांकि, एक गर्भवती महिला अगर दस्त होने पर थोड़ी मात्रा में अनानास का रस पीती है तो इससे उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। वैसे पहली तिमाही के दौरान इसका सेवन ना करना ही सही रहेगा, इससे किसी भी प्रकार के गर्भाशय के अप्रत्याशित घटना से बचा जा सकता है।
  • अंगूर का सेवन ना करे :- डॉक्‍टर गर्भवती महिलाओं को उसके गर्भवस्‍था के अंतिम तिमाही में अंगूर खाने से मना करते है। क्‍योंकि इसकी तासिर गरम होती है। इसलिए बहुत ज्‍यादा अंगूर खाने से असमय प्रसव हो सकता हैं। कोशिश करें कि गर्भावस्था के दौरान अंगूर ना खाए।
  • पारा यानी कि मरक्युरी बच्चे के मस्तिष्क के विकास में विलंब पैदा करता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पारा युक्त मछली के सेवन से बचना चाहिए।
  • गर्भावस्था के दौरान भारतीय महिलाओं को पपीता का सेवन करने से मना किया जाता है, खासकर के अगर पपीता कच्चा या अधपका हो।
  • बैंगन, मिर्ची, प्याज, लहसुन, हिंग, बाजरा, गुड़ का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए, खासकर के उनको जिनका किसी न किसी कारण से पहले गर्भपात हो चुका है।
  • पिसे हुए मसालेदार मांस का सेवन करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि उसमे हानिकारक जीवाणुओं का समावेश हो सकमीट
  • कच्‍चा या अधपका मीट खाने से गर्भावस्‍था के शुरूआती दिनों में बचना चाहिये। बेहतर होगा कि गर्भावस्‍था के दिनों में आप मीट को अच्‍छी तरह पकाकर खाएं। गर्भावस्‍था में प्रॉन मीट खाने से बचना चाहिये।
  • डिब्बा बंद भोजन और अचार के रूप में, लंबी अवधि के भंडारण के लिए करना है कि खाना नहीं खाते।डिब्बाबंद।स्टू, मछली और सब्जी के विभिन्न प्रकार इसकी संरचना में बरकरार रखता सिरका या अन्य परिरक्षकों है।भ्रूण के विकास पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है गर्भवस्था के समय हर महिला को अपने खानपान से लेकर हर छोटी सी बड़ी चीजों का बड़ा ध्यान रखना होता है इसके लिए जरूरी होता है कि क्या खाएं और क्या न खाएं इसका भी बहुत ही खास ध्यान रखना होता है।
  • जी हां एक शोध के अनुसार पता चला है कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान आलू का सेवन ज्यादा करती है उनको मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है। तो ऐसे समय आप आलू की जगह और दूसरी सब्जियों का सेवन करना शुरू कर दें।

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