अगर कभी लगे कि पेशाब का रंग लाल है, तो इसे हल्के में न लें। लाल रंग का पेशाब आने का मतलब है कि इसके साथ खून आ रहा है। यानी किडनी, पेशाब की थैली, प्रोस्टेट ग्लैंड, यूरेटर या यूरेथरा में कोई गंभीर बीमारी है। यह यूरीनरी ब्लैडर या किडनी में कैंसर, यूरीनरी पैसेज के रास्ते में पत्थरी, संक्रमण या टीबी, इंजरी या ट्रॉमा व ग्लोमेरुलोनफ्राइट्स (बच्चों में) हो सकता है। मेडिकल टर्म के मुताबिक इसे हेमाटूरिया कहा जाता है।
पेशाब में खून आने के बाद कई लोग तो डॉक्टरी सलाह ले लेते हैं, लेकिन कुछ इसे अधिक गर्मी या तला-भूना और मसालेदार भोजन लेने की वजह से हुआ असर मान लेते हैं। ऐसा कभी भी हो तो सीधे डॉक्टर के पास पहुंच जाएं वरना लेने के देने पड़ सकते हैं। अचानक खून आना बंद भी हो जाता है, जिससे व्यक्ति लापरवाह भी हो जाता है। इस वजह से अंदर के अंगों में पनप रही बीमारी और गंभीर रूप धारण कर लेती है और जान पर बन सकती है।
'कैंसर के लक्षण'
कैंसर के संभावित संकेत
- पेशाब में खून
- अचानक या बार-बार पेशाब जाना
- पेशाब करते हुए दर्द
- पसलियों के नीचे दर्द
- पेट में गांठ
गुर्दों के कैंसर के बारे में शुरुआती चरण में पता चलने पर बचने की दर करीब 97% होती है, जबकि बाद में पता चलने पर ये दर करीब 32% होती है.
पेशाब में खून दिखाई देना मूत्राशय कैंसर के 80% से ज़्यादा मामलों में एक लक्षण होता है और गुर्दों के कैंसर में तो ज़्यादातर मामलों में ये लक्षण होता है.
पेशाब में खून आना का कारण
पेशाब में खून आने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन आपको डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद उस कारण को जानने के बाद सही इलाज करवाना आवश्यक होता है।
- गुर्दे में पथरी होना-अगर किसी भी व्यक्ति को गुर्दे में पथरी होती है तो पेशाब में खून आने लगता है क्योंकि पेशाब की प्राकृतिक प्रक्रिया में रूकावट आती है। इसका उपचार संभव होता है, इसलिए समय रहते डॉक्टर से सम्पर्क करें। सर्जरी की आवश्यकता पड़ने पर शीघ्र ही उसे करवा लें।
- ग्लोमेरूलर नेफीरिटिस -पेशाब में खून आने का यह सबसे आम कारण होता है। बढ़ते बच्चों और छोटे बच्चों में यह समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। लेकिन कई बार बड़े लोग भी इस समस्या का शिकार हो जाते हैं।
- यूरिन इंफेक्शन-महिलाओं में ये समस्या बहुत आम होती है। मूत्र मार्ग में संक्रमण होने के कारण महिलाओं को काफी दिक्कत होती है, जलन के साथ-साथ कई बार खून भी आने लगता है।
- गुर्दे या पित्ताशय में ट्यूमर होना-गुर्दे या पित्ताश्य में ट्यूमर होने पर भी पेशाब में खून आने लगता है। ऐसे में डॉक्टरों द्वारा सर्जरी की मदद से इलाज किया जाता है।
- सिस्टिक ग्रोथ-महिलाओं में सिस्ट की वृद्धि होना आम बात है और यह दर्दनाक बीमारी होती है, जिसके कारण पेशाब में खून आने लगता है। सामान्यत: सिस्ट, गुर्दे में बढ़ता है जिसके कारण पेशाब करने में दर्द औश्र जलन होती है और एक समय के बाद खून आना शुरू हो जाता है।
परीक्षण और उपचार
सबसे पहले मरीज का अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और यूरिन टेस्ट किया जाता है। अगर इन रिपोर्ट में कैंसर की पुष्टि हो जाती है, तो इसके बाद कैंसर के ट्यूमर के आकार की जांच की जाती है। अगर यह ट्यूमर अपनी प्रारंभिक अवस्था में है, तो पेशाब के रास्ते दूरबीन डालकर एक खास चिकित्सक यंत्र से कैंसर के हिस्से को काट कर बाहर निकाल दिया जाता है।
कई बार जब ट्यूमर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो मरीज की मूत्र की थैली को ही बाहर निकाल दिया जाता है। ऐसे में मरीज की आंत का एक हिस्सा निकाल कर उसे यूरिन थैली की जगह लगाया जाता है और फिर एक खास प्रकार की कैन मरीज के शरीर के बाहर लगाई जाती है, जिसमें मूत्र इकट्ठा होता रहता है।
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