स्वाइन फ्फ्लू से बचने के लिए सादा, गरम, ताज़ा और अच्छा खाना खाए। बाजार से लायी हुई सब्ज़िया कुनकुने गर्म पानी में धोकर इस्तेमाल करे ।
जानें: क्या है स्वाइन फ्लू और कैसे करें बचाव-Whats The Symptoms of Swine Flu
स्वाइन फ्लू नामक बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है। हाल ही में, इस बीमारी ने भारत में भी दस्तक दे दी है। स्वाइन फ्लू का वायरस बहुत संक्रामक है। यह एक इनसान से दूसरे इनसान के बीच बहुत तेजी से फैलता है। इंफ्लूएंजा ए स्वाइन फ्लू वायरस के एक प्रकार ‘एच-1-एन-1‘ द्वारा संक्रमित व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को फैलता है। जो व्यक्ति शरीर से एकदम कमज़ोर और हमेशा बीमार रहता है उसे स्वाइन फ्लू जल्दी पकड़ता है।स्वाइन फ्लू के लक्षण,Flu Symptoms
स्वाइन फ्लू में 100 डिग्री से ज्यादा का बुखार आना आम बात है। साथ ही सांस लेने में तकलीफ, नाक से पानी बहना, भूख न लगना, गले में जलन और दर्द, सिरदर्द, जोड़ों में सूजन, उल्टी और डायरिया भी हो सकता है। स्वाइन फ्लू से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह लाइलाज बीमारी नहीं है। थोड़ी सी एहतियात बरतकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।स्वाइन फ्लू से बचाव के घरेलू उपचार-Swine Flu Prevention Home Remedies in Hindi
फ्लू का असर शरीर पर कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता होने पर सबसे ज्यादा होता है। स्वाइन फ्लू से भी वैसे ही बचा जा सकता है जैसे हम साधारण फ्लू या सर्दी-जुकाम से बचते हैं। इसलिए इससे बचने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू उपाय आपके लिए कारगर साबित हो सकते हैं। आप डॉक्टर द्वारा बताये गई सावधानी अपनाने के साथ यहां दिये कुछ घरेलू उपायों को भी अपना सकते हैं।Treatment Of Swine,
- तुलसी-भारतीय घरों में तुलसी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। तुलसी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरस दोनों प्रकार के तत्वों के कारण यह सबसे लाभकारी जड़ी-बूटी मानी जाती है। यह किसी की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकती है। इसलिए ऐसा तो नहीं कहा जा सकता कि यह स्वाइन फ्लू को बिल्कुल ठीक कर देगी, लेकिन ‘एच1एन1’ वायरस से लड़ने में निश्चित रूप से सहायक हो सकती है। तुलसी से लाभ पाने का सबसे आसान तरीका है कि हर रोज इसकी पांच अच्छी तरह से धुली हुई पत्तियों का इस्तेमाल करें।
- कपूर-स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए कपूर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कपूर को चुटकी भर या एक गोली लेकर 5 - 6 इलाइची के साथ पीस ले और रुमाल में रख ले और जब सांस में तकलीफ हो या सर्दी हो तो उसे सूंघते रहे।वयस्क चाहें तो कपूर की गोली को पानी के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं, वहीं बच्चों को इसका पाउडर आलू अथवा केले के साथ मिलाकर देना चाहिए। लेकिन कपूर के सेवन के बारे में इस बात का ध्यान रखें कि कपूर का रोज नहीं लेना चाहिए। महीने में एक या दो बार ही इसका इस्तेमाल पर्याप्त है।
- गिलोय देश भर में बहुतायत में मिलने वाली एक दिव्य औषधि है। इसका काढ़ा बनाने के लिए इसकी एक फुट लंबी शाखा को लेकर तुलसी की पांच छह पत्तियों के साथ 10 से 15 मिनट तक उबालना चाहिए। ठंडा होने पर इसमें थोड़ी काली मिर्च, मिश्री, सेंधा नमक अथवा काला नमक मिलाएं। यह औषधि आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को चमत्कारिक ढंग से बढ़ा देती है। साथ ही गिलोय हर तरह के बुखार में कारगर होता है। यदि यह पौधा आपको अपने आसपास नहीं मिलता है तो किसी आयुर्वेद की दुकान से भी आप इसे ले सकते हैं।
- लहसुन भी मौजूद एंटी-वॉयरल गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने में मदद करते है। इसके लिए आप लहसुन की दो कलियां रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा होता है।
- एलोवेारा एक और ऐसी लोकप्रिय जड़ी-बूटी है जो आपके भीतर फ्लू से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है। इसका इस्तेमाल दवाइयों तथा सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। इसके अलावा एलोवेरा व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है। एलोवेरा जैल की एक चम्मच पानी के साथ इस्तेमाल करने से न सिर्फ त्वचा को खूबसूरत बनाया जा सकता है, बल्कि यह स्वाइन फ्लू के असर को कम करने में भी कारगर साबित होता है।
- 6-विटामिन सी-आमतौर पर माना जाता है कि सर्दी से बचने का सबसे बेहतर तरीका विटामिन सी का इस्तेमाल है, जो कि स्वाइन फ्लू के लिए भी कारगर साबित होता है। इसलिए अपने आहार में विटामिन सी को शामिल करें। विटामिन सी सभी प्रकार के खट्टे फलों जैसे नींबू, आंवला, अंगूर, संतरा आदि में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- हल्दी-सालों से हल्दी का उपयोग सौन्दर्य प्रसाधन के अलावा सर्दी खांसी को दूर करने के लिए भी किया जाता रहा है। हल्दी में अनिवार्य तेल और हल्दी को रंग देने वाला पदार्थ करक्युमिन होता है। करक्युमिन में कई औषधीय गुण होते हैं। इसके अलावा हल्दी की सबसे बड़ा गुण यह है कि ऊंचे तापमान पर गर्म करने के बावजूद भी इसे औषधीय गुण नष्ट नहीं होते है। जानकारों के अनुसार गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। और रोजाना एक गिलास दूध में थोड़ी सी पिसी हल्दी मिलाकर पीने से स्वाइन फ्लू का असर कम होने लगता है।
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