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Sunday, January 22, 2023

चक्कर आने पर घरेलू उपचार,Home Remedies for Vertigo,(Chakkar Aana).



अगर आपको कभी भी चक्कर आने लगते हैं, सिर घूमने लगता है, या किसी किसी काम में मन नहीं लगता, कमजोरी महसूस होती है और नींद भी नहीं आती तो जरा सावधान हो जाईए.चक्कर आना या सिर घूमना या आंखों के सामने गोल गोल घूमती हुई दिखाई देने वाली स्थिती को चक्कर आना या(vertigo )कहते है ।
कुछ देर बैठे रहने के बाद जब उठते हैं तो चक्कर आने लगते हैं और आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है। रोगी को लगता है कि उसके चारों तरफ़ की चीजें बडी तेजी से घूम रही हैं।चक्कर का एक कारण दिमाग में खून की पूर्ति कम हो जाना है। चक्कर आने के विस्तृत कारण हो सकते हैं 
जैसे--कान में संक्रमण होना,कान में मैल अधिक होने से डाट लग जाना,माईग्रेन, आंखों की समस्या,सिर की ताजा चोट,हृदय के रोग,अर्बुद,रक्ताल्पता, खून में कैल्शियम का स्तर बिगड जाना आदि।

चक्कर आना-तीन प्रकार का होता है

  • ऑब्जेक्टिव'-इसमें व्यक्ति को यह महसूस होता है कि सभी वस्तुएं घूम रही हैं।
  • सब्जेक्टिव'-इसमें व्यक्ति को यह आभास होता है कि वह स्वयं घूम रहा है।
  • स्यूडो वर्टाइगो'-इसमें व्यक्ति को सिर के अंदर घूमने का आभास होता है।

चक्कर आने का -लक्षण 

  • चक्कर आने की परेशानी यदि वास्तविक है तो भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है।
  • इसके अलावा निम्नलिखित लक्षणों में से कुछ अथवा सभी लक्षण महसूस हो सकते हैं-
  • मिचलाहट अथवा उल्टी
  • पसीना आना
  • आंखों में असामान्य गतिविधि
  • इन लक्षणों की अवधि मिनटों से घंटों तक हो सकती है। यह लक्षण स्थायी अथवा अस्थायी भी हो सकते हैं।
  • कान के अंदरूनी भाग में कोई इंफैक्शन या कान की कोई और बीमारी
  • थकावट, तनाव या बुखार के चलते भी अकसर चक्कर आ जाता है
  • ब्लड-शुगर कम होना भी चक्कर आने के कारणों में शामिल है
  • खून की कमी अथवा एनीमिया में भी चक्कर आ सकते हैं.
  • डीहाइड्रेशन--- जब कभी हमें दस्त एवं उलटियां परेशान करती हैं,तो शरीर में पानी की कमी को ही डीहाइड्रेशन कहते हैं.
  • सिर के ऊपर कोई चोट लगने से भी सिर घूमने लगता है
  • दिल की अथवा सरकुलेटरी सिस्टम की कोई बीमारी 
  • दिमाग में स्ट्रोक हो जाना

चक्कर आने पर घरेलू उपचार

  • तुलसी के २० पत्ते पीसकर शहद मिलाकर चाटने से चक्कर आने की समस्या काफ़ी हद तक नियंत्रण में आ जाती है। 
  • १० ग्राम गेहूं,५ ग्राम पोस्तदाना,७ नग बादाम,७नग कद्दू के बीज लेकर थोडे से पानी के साथ पीसकर इनका पेस्ट बनालें। अब कढाई में थोडा सा गाय का घी गरम करें और इसमें २-३ नग लोंग पीसकर डाल दें। अब बनाया हुआ पेस्ट इसमें डालकर एक मिनट आंच दें। इस मिश्रण को एक गिलास दूध में घोलकर पियें। चक्कर आने में असरदार स्वादिष्ट नुस्खा है।
  • चाय,काफ़ी और तली गली मसालेदार चीजों से परहेज करना आवश्यक है। इनके उपयोग से चक्कर आने की तकलीफ़ में इजाफ़ा होता है।
  • कभी-कभी नमक की मात्रा शरीर में कम होने पर भी चक्कर आने लगते हैं। आलू की नमकीन चिप्स खाने से लाभ होता देखा गया है।
  • जब चक्कर आने का हमला हुआ हो , बर्फ़ के समान ठंडा पानी ३ गिलास पीने से भी तुरंत राहत मिलती है।
  • चक्कर आने की तकलीफ़ में रोगी को आहिस्ता घूमना चाहिये। तेज चलने से गिरकर चोंट लगने की संभावना रहती है।आहिस्ता चलने से वर्टिगो का प्रभाव कम हो जाता है।
  • अचानक चक्कर आने पर सबसे बढिया बात यह है कि लेट जाएं। चित्त लेटना उचित नहीं है। साइड से लेटें और सिर के नीचे तकिया अवश्य लगाएं।
  • अनुलोम विलोम प्राणायाम से चक्कर आने की व्याधि से हमेशा के लिये छुटकारा मिल जाता है।
  • खरबूजे के बीज की गिरी गाय के घी में भुन लें। इसे पीसकर रख लें। ५ ग्राम की मात्रा में सुबह शाम लेने से चक्कर आने की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।
  • १५ ग्राम मुनक्का देशी घी में भुनकर उस पर सैंधा नमक बुरककर सोते समय खाने से चक्कर आने का रोग मिट जाता है।
  • प्याज का रस और शुद्ध शहद बराबर मात्रा में मिलाकर रोज करीब दस ग्राम की मात्रा में लेने से उच्च रक्तचाप में लाभ मिलता है.
  • तरबूज के बीज की गिरि और खसखस इन दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें. रोज सुबह-शाम एक चम्मच खाली पेट पानी के साथ सेवन करें. यह प्रयोग करीब एक महीने तक नियमित रूप से जारी रखें.
  • एक चम्मच मैथीदाना-चूर्ण रोजाना सुबह खाली पेट लेने से हाई ब्लडप्रेशर से बचा जा सकता है.
  •  खाना खाने के बाद दो कच्चे लहसुन की छिली हुई कलियां तीन-चार बीज निकले हुए मुनक्कों के साथ चबाएं, ऐसा करने से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत दूर होने के साथ पेट में रुकी हुई गैस भी पास होने लग जाती है.
  • सूखा आंवला पीस लें। दस ग्राम आंवला चूर्ण और १० ग्राम धनिया का पावडर एक गिलास पानी में डालकर रात को रख दें। सुबह अच्छी तरह मिलाकर छानकर पी जाएं। चक्कर आने में आशातीत लाभ होगा।
  • अदरक लगभग 20 ग्राम की मात्रा में बारीक काटकर पानी में उबालें आधा रह जाने पर छानकर पीयें। अदरक का रस भी इतना ही उपकारी है।सब्जी बनाने में भी अदरक का भरपूर उपयोग करें। चाय बनाने में अदरक का प्रयोग करें।अदरक किसी भी तरह खाएं चक्कर आने के रोग में आशातीत लाभकारी है।

Monday, September 10, 2018

मुंह में छाले-Home Remedies for Mouth Ulcer in Hindi,

Home Remedies for lip Blisters,

भोजन में तीखे मसाले, घी, तेल, मांस, खटाई आदि अधिक मात्रा में खाने से पेट की पाचनक्रिया खराब हो जाती है जिससे मुंह व जीभ पर छाले पड़ जाते हैं। पेट में कब्ज होने से या गर्म पदार्थ खाने से गर्मी के कारण मुंह में छाले, घाव व दाने निकल आते हैं। ये छाले लाल व सफेद रंग के होते हैं। मुंह में छाले हो जाने पर मुंह में बार-बार लार आता रहता है। कभी-कभी मुंह के छालों से पीब भी निकलने लगती हैं। मुंह को ढकने वाली झिल्ली लाल, फूली और दर्द या जख्म से भरी होती है। इसमें जीभ लाल, फूली हुई और दांत के मसूढ़े फूले हुए होते हैं। तालुमूल में जलन होती रहती है। इस रोग में भोजन चबाने पर छाले व दानों पर लगने से दर्द होता है।

मुंह में छाले -लक्षण,

  • लक्षण इस रोग मे जीभ, तालु व होठों के भीतर छोटी-छोटी फुंसियां या छाले निकल आते हैं। ये दाने लाल व सफेद रंगों के होते हैं। इस रोग में मुंह में लार बार-बार आती है।
  • पानी पीने व जीभ तालू में लगने से तेज दर्द होता है। परिचय जब पेट के अंदर गर्मी का प्रकोप बढ़ जाता है तो जीभ की ऊपरी परत पर छाले उभर आते हैं। ऐसा उस दशा में होता है जब हम खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं। गर्म पदार्थों में आलू, चाट, पकौड़े, अदरक, खट्टी मीठी चीजें, अरहर या मसूर की दाल, बाजरे का आटा आते हैं। कभी-कभी शरीर भोजन को ठीक से नहीं पचा पाता है। तब आंतों में अपच का प्रदाह
  • उत्पन्न हो जाता है। यदि हम किसी कारणवश मल-मूत्र को रोके रहते हैं तो तब मल दुबारा पचने लगता है और आंतों में सड़न क्रिया आरम्भ हो जाती है। इन सभी कारणों से जीभ पर छाले पड़ जाते हैं। इन छालों में असहनीय दर्द होता है लगता है जैसे कांटे चुभ रहे हों।
  • मिर्च-मसालेदार चीजें खाने पर इनमें असहनीय दर्द होने लगता है तथा भोजन करना मुश्किल हो जाता है। साधारण भाषा में इसे मुंह का आना कहते हैं। इसके लिए धनिये का मिश्रण बहुत ही लाभकारी इलाज होता है। कारण मुंह में छाले अपचन व कब्ज के कारण होता है।
  • पेट की पाचनक्रिया खराब होने का कारण घी, तेल, मिर्च, खटाई, मांस तथा अधिक मसालेदार व अम्ल रस से बने खाद्य-पदार्थ आदि अधिक सेवन करना है, जिससे पेट में कब्ज बनने के कारण पाचनक्रिया खराब होकर मुंह में छाले, घाव, दाने आदि उत्पन्न हो जाते हैं।
  • मुंह में छाले होने पर मुंह से बदबू आने लगती है, छालों में जलन होती है तथा सुई चुभने की तरह दर्द होता है। मुंह में छाले होने पर भोजन करने में कठिनाई होती है।
  • बच्चों के मुंह में छाले होने पर लाल छाले, जीभ लाल व होठ के भीतरी भाग में लाल-लाल दाने निकल आते हैं।

मुंह में छाले-घरेलू उपचार,Ulcer Treatment,mouth ulcer treatment,treatment for ulcers in mouth,

  • सौंफ को मुंह में रखकर चबाने से मुंह के छाले, पीब और दाने आदि खत्म हो जाते हैं। भोजन करने के बाद थोड़ी सौंफ खाने से मुंह में नए छाले नहीं होते हैं। सौंफ का चूर्ण बनाकर छालों पर लगाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
  • जिन लोगों के मुंह में छाले अक्सर होते रहते हैं वे खाने के पश्चात थोड़ी सौंफ खाया करें तो उनके मुंह में छाले नही होते हैं।
  • छोटी हरड़ को बारीक पीसकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाने से मुंह तथा जबान दोनों के छाले ठीक हो जाते हैं।
  • तुलसी की चार पांच पत्तियां रोजना सुबह और शाम को चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पी लें( ऐसा चार पांच दिनों तक करें) ।
  • करीब दो ग्राम सुहागे का पावडर बनाकर थोड़ी सी ग्लिसरीन में मिलाकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाएं छालों में जल्दी फायदा होगा। ऐसा करें दांतों में गंदगी से भी मुंह में छाले पैदा हो जाते हैं अत: दिन में 2 से 3 बार दांत साफ करना जरूरी है। भोजन में लालमरसा का साग खायें।
  • मुंह के छाले होने पर 2 केले रोजाना सुबह दही के साथ खायें। छाले होने पर टमाटर अधिक खाने चाहिए। ठण्डी फल व सब्जियां खायें। पेट की कब्ज खत्म करने के लियें सुबह 1 गिलास पानी शौच जाने से पहले पीने से लाभ होता है।
  • शहद में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुंह के छालों पर करें और लार को मुंह से बाहर टपकने दें। 
  • मुंह में छाले होने पर अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए। 
  • छाले होने पर कत्था और मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुंह के छालों परलगाने चाहिए
  • अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुंह में रखिए। या केवल अमलतास के गूदे को मुंहमें रखने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
  • अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले से राहत मिलती है और छाले ठीक हो जाते हैं
 ऐसा न करें भोजन में अधिक तेल, मिर्च, मांस, तेज मसाले व गर्म पदार्थ न खायें। पेट में कब्ज होने पर छाले बनते हैं। पेट में कब्ज को बनाने वाले कोई भी पदार्थ न खाएं। अधिक गरिष्ठ भोजन न करें।चाय, शराब, बीड़ी-सिगरेट या किसी भी नशीली चीज का सेवन न करें।

Thursday, January 11, 2018

दालचीनी के स्वास्थ्य लाभ, Health Benefits of Dalchini Cinnamon in Hindi,

दालचीनी का पौधा जितना छोटा है इसके गुण उतने ही बड़े हैं। दालचीनी की सूखी पत्तियां तथा छाल को मसालों के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसकी छाल थोड़ी मोटी, चिकनी तथा हल्के भूरे रंग की होती है। दालचीनी मोटापा कम करने के साथ-साथ कई बीमारियों को भी दूर करता है। यह रक्तशोधक भी है। शहद तथा दालचीनी को मिलाकर दिल की बीमारियों, कोलेस्ट्रॉल, त्वचा रोग, सर्दी जुकाम, पेट की बीमारियों के लिए फायदेमंद है।

Health Benefits of Dalchini

  • सर्दी जुकाम के लिए-सर्दी-जुकाम होने पर दालचीनी का प्रयोग करना चाहिए। एक चम्मच शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर सुबह-शाम लेने से खांसी-जुकाम में आराम मिलता है। हल्के गर्म पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर तथा एक चुटकी पिसी काली मिर्च शहद में मिलाकर पीने से जुकाम तथा गले की खराश दूर होती है। इसके पाउडर को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाकर माथे पर लगाने से ठंडी हवा से होने वाले सिर दर्द में आराम मिलता है।
  • जोड़ों के दर्द के लिए-जोड़ो के दर्द को कम करने के लिए दालचीनी का प्रयोग कीजिए। हल्के गर्म पानी में दालचीनी पाउडर और थोड़े से शहद को मिलाकर शरीर में दर्द वाले अंग पर लगाकर हल्‍के हाथों से मालिश करने से फायदा होता है। एक कप हल्के गर्म पानी में एक चम्मच शहद और आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने से भी जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
  • त्वचा के रोगों में फायदेमंद-त्‍वचा की समस्‍या होने पर भी दालचीनी बहुत फायदेमंद है। त्वचा में खाज और खुजली होने पर दालचीनी पाउडर तथा शहद बराबर मात्रा में लेकर पेस्‍ट बना लें। इस पेस्‍ट को लगाने से त्‍वचा की यह समस्‍या दूर होती है। दालचीनी के पाउडर में थोड़ा सा नीबूं का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील मुंहासे दूर होते हैं।
  • पेट की समस्‍या-अपच जैसी पेट की समस्‍या होने पर दालचीनी का प्रयोग करने से आराम मिलता है। इसके अलावा दालचीनी के प्रयोग से उलटी तथा दस्त में आराम मिलता है। एक चम्मच शहद के साथ थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर लेने से पेट दर्द और एसिडिटी में आराम मिलता है तथा भोजन भी आसानी से पच जाता है और पेट की समस्‍या नहीं होती।
  • मोटापे के लिए-मोटे लोगों को भी दालचीनी का प्रयोग करना चाहिए। चाय में एक चम्मच दाल चीनी पाउडर मिलाकर एक गिलास जल में उबालें, फिर इसे उतारकर इसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ते से लगभग आधा घंटा पहले पियें। ऐसा रात को सोने के पहले करें। नियमित ऐसा करने से शरीर की अनावश्यक चर्बी समाप्त होती है और अधिक केलोरी वाला भोजन लेने पर भी शरीर में चर्बी नहीं बढ़ती और वजन कम होता है।
  • दिल के मरीजों के लिए-शहद और दालचीनी के पाउडर का पेस्ट बनाकर रोटी के साथ खाने से धमनियों में कोलेस्‍टॉल जमा नहीं होगा और दिल के दौरे की संभावना को कम किया जा सकता है। जिन लोगों को पहले भी हार्ट अटैक दौरा पड़ चुका है वे अगर इस उपचार को करेंगे तो भविष्‍य में हार्ट अटैक की संभावना को कम कर सकेंगे।
  • बढ़ा हुआ कोलेस्‍ट्रॉल-बढ़े हुए कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने के लिए दालचीनी का प्रयोग कीजिए। दालचीनी के दो बड़े चम्मच शहद और तीन चम्मच दालचीनी पावडर को हल्‍के गरम आधा लीटर पानी में मिलाकर लें। इससे सिर्फ 2 घंटे में खून का कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर 10 प्रतिशत तक नीचे आ जाता है, और दिन में इसे तीन बार लेते रहने से बढ़ा हुआ कोलेस्‍ट्रॉल कम हो जाता है।
  • कैंसर में भी फायदेमंद-कैंसर जैसे घातक रोग के लिए भी दालचीनी फायदेमंद है। जापान और आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने आमाषय और बोन कैंसर की बढ़़ी हुई स्थिति को दालचीनी और शहद का उपयोग करके इसे पूरी तरह काबू किया जा सकता है। कैंसर के रोगियों को एक बड़ा चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी के पावडर को गरम पानी के साथ एक महीने तक लेने से आराम मिलता है।
  • बहरापन दूर करें-शहद और दालचीनी पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्‍मच सुबह और रात को लेने से सुनने की शक्ति बढ़ती है। कान से कम सुनाई देने की समस्‍या होने पर कान में दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें डालने से आराम मिलता है।

Friday, April 07, 2017

अदरक के औषधीय गुण, Health Benefits of Ginger in Hindi,

Health Benefits of Ginger in Hindi,

अदरक से लाभ Health Benefits of Ginger in Hindi

भोजन को स्वादिष्ट व पाचन युक्त बनाने के लिए अदरक का उपयोग आमतौर पर हर घर में किया जाता है। वैसे तो यह सभी प्रदेशों में पैदा होती है, लेकिन अधिकांश उत्पादन केरल राज्य में किया जाता है। भूमि के अंदर उगने वाला कन्द आर्द्र अवस्था में अदरक, व सूखी अवस्था में सोंठ कहलाता है। गीली मिट्टी में दबाकर रखने से यह काफी समय तक ताजा बना रहता है। इसका कन्द हल्का पीलापन लिए, बहुखंडी और सुगंधित होता है।

Health Benefits of Ginger in Hindi

  • हिचकी -सभी प्रकार की हिचकियों में अदरक की साफ की हुई छोटी डली चूसनी चाहिए।
  • अदरक के बारीक टुकड़े को चूसने से हिचकी जल्द बंद हो जाती है। घी या पानी में सेंधानमक पीसकर मिलाकर सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है।
  • एक चम्मच अदरक का रस लेकर गाय के 250 मिलीलीटर ताजे दूध में मिलाकर पीने से हिचकी में फायदा होता है।
  • एक कप दूध को उबालकर उसमें आधा चम्मच सोंठ का चूर्ण डाल दें और ठंडा करके पिलाएं।
  • ताजे अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके चूसने से पुरानी एवं नई तथा लगातार उठने वाली हिचकियां बंद हो जाती हैं। समस्त प्रकार की असाध्य हिचकियां दूर करने का यह एक प्राकृतिक उपाय है।"
  • पेट दर्द -अदरक और लहसुन को बराबर की मात्रा में पीसकर एक चम्मच की मात्रा में पानी से सेवन कराएं।
  • पिसी हुई सोंठ एक ग्राम और जरा-सी हींग और सेंधानमक की फंकी गर्म पानी से लेने से पेट दर्द ठीक हो जाता है। एक चम्मच पिसी हुई सोंठ और सेंधानमक एक गिलास पानी में गर्म करके पीने से पेट दर्द, कब्ज, अपच ठीक हो जाते हैं।
  • अदरक और पुदीना का रस आधा-आधा तोला लेकर उसमें एक ग्राम सेंधानमक डालकर पीने से पेट दर्द में तुरन्त लाभ होता है।
  • अदरक का रस और तुलसी के पत्ते का रस 2-2 चम्मच थोड़े से गर्म पानी के साथ पिलाने से पेट का दर्द शांत हो जाता है।
  • एक कप गर्म पानी में थोड़ा अजवायन डालकर 2 चम्मच अदरक का रस डालकर पीने से लाभ होता है।
  • अदरक के रस में नींबू का रस मिलाकर उस पर कालीमिर्च का पिसा हुआ चूर्ण डालकर चाटने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
  • अदरक का रस 5 मिलीलीटर, नींबू का रस 5 मिलीलीटर, कालीमिर्च का चूर्ण 1 ग्राम को मिलाकर पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।"
  • मुंह की दुर्गध -एक चम्मच अदरक का रस एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुख की दुर्गन्ध दूर हो जाती है।
  • दांत का दर्द-महीन पिसा हुआ सेंधानमक अदरक के रस में मिलाकर दर्द वाले दांत पर लगाएं।
  • *दांतों में अचानक दर्द होने पर अदरक के छोट-छोटे टुकड़े को छीलकर दर्द वाले दांत के नीचे दबाकर रखें।
  • सर्दी की वजह से दांत के दर्द में अदरक के टुकड़ों को दांतों के बीच दबाने से लाभ होता है।
  • भूख की कमी:- अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को नींबू के रस में भिगोकर इसमें सेंधानमक मिला लें, इसे भोजन करने से पहले नियमित रूप से खिलाएं।
  • सर्दी-जुकाम-पानी में गुड़, अदरक, नींबू का रस, अजवाइन, हल्दी को बराबर की मात्रा में डालकर उबालें और फिर इसे छानकर पिलाएं।
  • गला खराब होना-अदरक, लौंग, हींग और नमक को मिलाकर पीस लें और इसकी छोटी-छोटी गोलियां तैयार करें। दिन में 3-4 बार एक-एक गोली चूसें।
  • पक्षाघात (लकवा)-घी में उड़द की दाल भूनकर, इसकी आधी मात्रा में गुड़ और सोंठ मिलाकर पीस लें। इसे दो चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार खिलाएं।
  • उड़द की दाल पीसकर घी में सेकें फिर उसमें गुड़ और सौंठ पीसकर मिलाकर लड्डू बनाकर रख लें। एक लड्डू प्रतिदिन खाएं या सोंठ और उड़द उबालकर इनका पानी पीयें। इससे भी लकवा ठीक हो जाता है।"
  • पेट और सीने की जलन :- एक गिलास गन्ने के रस में दो चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच पुदीने का रस मिलाकर पिलाएं।
  • वात और कमर के दर्द-अदरक का रस नारियल के तेल में मिलाकर मालिश करें और सोंठ को देशी घी में मिलाकर खिलाएं।

हल्दी के चौका देने वाले फायदे ,हल्दी के गुण-Health Benefits of Turmeric in Hindi

हल्दी के गुण-Health Benefits of Turmeric in Hindi

यह व्यंजनों के स्वाद में तो इजाफा करती ही है साथ ही इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। त्वचा, पेट और शरीर की कई बीमारियों में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। हल्दी का प्रयोग लगभग सभी प्रकार के खाने में किया जाता है। हल्दी के पौधे से मिलने वाली इसकी गांठे ही नहीं बल्कि इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। हजारों साल से भारतीय खाने में आवश्यक रूप से इस्तेमाल होने वाली हल्दी सेहत के लिए भी फायदेमंद है। भारतीय लोक कथाओं, संस्कृ्ति एवं एरंपराओं में हल्दीद का इस्तेीमाल, सदियों से उसके विशिष्टि गुणों के चलते विभिन्नह रूपों में कया जाता रहा है।  दादी मां के नुस्खों में शारीरिक क्षति जैसे, चोट, मोच, अंदरूनी घाव को ठीक करने, सर्दी जुकाम व खांसी आदि बीमारियों को ठीक करने आदि के अतिरिक्तर सौंदर्य प्रसाधन, धार्मिक व सामाजिक मांगलिक कार्यक्रमों में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। 

हल्दी के गुण,Health Benefits of Turmeric in Hindi

  • यह एक प्राकृतिक एंटिसेप्टिक एवं एंटिबैक्टेरियल एजेन्ट है। हल्दी का पावडर जले और कटे अंग पर लगाने से संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है।
  • हल्दी को फूलगोभी के साथ मिलाकर खाने से प्रोस्टेट कैंसर की आशंका जाती रहती है। इसके अलावा अगर प्रोस्टेट कैंसर हो तो उसका बढ़ना रुक जाता है। चूहों पर हुए प्रयोग से पता चला है कि हल्दी स्तन कैंसर को फेफड़ों में जाने से रोक देती है।
  • हल्दी से मेलानोमा यानी काले तिल उभरना रुक सकता है। इसके अलावा मौजूद मेलानोमा सेल्स 
  • आत्महत्या कर लेते हैं। हल्दी त्वचा का रूप निखारने के लिए सदियों से भारत में इस्तेमाल की जाती रही है।
  • बचपन में होने वाले ल्यूकेमिया यानी रक्तकैंसर का जोखिम कम हो जाता है।
  • लिवर शुद्धि के लिए यह एक प्राकृतिक छन्नी है।
  • हल्दी मस्तिष्क में बनने वाले एम्लोयड प्लॉक की वृद्धि एवं निर्माण रोककर एल्जाइमर्स की बढ़त पर रोकथाम कर लेती है।
  • दमा के मरीजों को दूध में हल्दी चूर्ण मिलाकर सुबह शाम लेना चाहिए।
  • मोच या हड्डी टूट जाने पर हल्दी का लेप लगाएं।
  • हल्दी और गुड़ को मिलाकर खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
  • मुंह में छाले हो जाने पर गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर डालकर कुल्ला करें।
  • दरदरी पिसी हल्दी को ताजी मिलाई के साथ मिलाकर चेहरे व हाथ पर लगाने कर सूखने दें।
  • गुनगुने पानी से चेहरा धो ले। त्वचा चमक उठेगी।
  • लिवर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होती है।
  • मासिक के दिनों में पेट दर्द होने पर गरम पानी के साथ हल्दी को लेने से दर्द से राहत मिलती है।
  • प्रतिदिन एक चुटकी हल्दी को खाने से भूख बढ़ती है।
  • हल्दी की गांठ को पानी के साथ मिलाकर पिस लें। नहाने से पहले इसे उबटन की तरह लगाएं। हफ्ते भर में त्वचा में निखार आएगा।
  • चर्म रोग में हल्दी औषधि का काम करती है।
  • बिच्छू, मक्खी जैसे किसी विषैले कीड़े के काटने पर हल्दी का लेप लगाना चाहिए।
  • दांतों से पीलापन दूर करने के हल्दी में सेंधा नमक व सरसों का तेल मिलाकर दांतों को साफ करें।
  • सर्दी-खांसी - हल्दी के टुकड़े को घी में सेंककर रात्रि को सोते समय मुंह में रखने से कफ, सर्दी और खांसी में लाभ होता है हल्दी के धुंए का नस्य लेने (नाक से सूंघने से) सर्दी व जुकान में तुरंत आराम मिलता है अदरक एवं ताज़ी हल्दी के एक-एक चम्मच रस में शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से कफ दोष से उत्पन्न सर्दी-खांसी में लाभ होता है (पथ्य- भोजन में मीठे, पचने में भारी एवं तले हुए पदार्थ लेना बंद कर दें) टांसिल - हल्दी चूर्ण को शहद में मिलाकर टांसिल पर लगायें
  • गौमूत्र में तीन से पांच ग्राम हल्दी मिलाकर पीने से लाभ होता है
  • मूत्ररोग - ताज़ी हल्दी एवं आंवले के दो-दो चम्मच रस में शहद डालकर पीने से प्रमेह मं आराम मिलता है
  • कृमि (पेट में कीड़े,चुरने)- 70 प्रतिशत बच्चों को कृमि रोग होता है ताज़ी हल्दी का आधा से एक चम्मच रस रोज़ पिलाने से बालकों के कृमि रोग दूर होते हैं अंजीर रात को भिगोकर सुबह खाली पेट खिलाने से भी कृमिरोग दूर होते हैं

Thursday, April 06, 2017

शहद खाएं तो इन बातों का रखें ध्यान वरना ये जहर बन जाएगा,शहद का सेवन करने के नियम,Side Effects of Honey in Hindi,

शहद खाएं तो इन बातों का रखें ध्यान वरना ये जहर बन जाएगा,शहद का सेवन करने के नियम

शहद खाएं तो इन बातों का रखें ध्यान वरना ये जहर बन जाएगा,शहद का सेवन करने के नियम

माना जाता है कि शहद अमृत के समान होता है और स्वास्थ्य के लिये काफी लाभदायक होता है। अगर इसे सही तरीके से लिया जाए तो स्‍वास्‍थ्‍य के लिये अच्छा होगा पर यदि इसे गलत तरीके से सेवन किया जाए तो यह जहर के समान बन जाता है। आयुर्वेद में यह अमृत के समान माना जाता है लेकिन आयुर्वेद में ही इसे खाने के कुछ तरीकों पर रोक- टोंक लगाई गई है। शहद हमेशा शुद्ध ही खाना चाहिये। यह स्वास्थ्य के साथ सुंदरता भी निखारता है। शहद कभी खराब नहीं होता . यह पका पकाया भोजन है और तुरंत ऊर्जा देने वाला है . पर इसे लेते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए  इसका सेवन गलत तरीके से करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।

शहद का सेवन करने के नियम,Side Effects of Honey in Hindi,

  • ज्यादा मात्रा में शहद का सेवन करने से ज्यादा हानि होती है। इससे पेट में आमातिसार रोग पैदा हो जाता है और ज्यादा कष्ट देता है। इसका इलाज ज्यादा कठिन है। फिर भी यदि शहद के सेवन से कोई कठिनाई हो तो 1 ग्राम धनिया का चूर्ण सेवन करके ऊपर से बीस ग्राम अनार का सिरका पी लेना चाहिए।बच्चे बीस से पच्चीस ग्राम और बड़े चालीस से पचास ग्राम से अधिक शहद एक बार में न सेवन करें। लम्बे समय तक अधिक मात्रा में शहद का सेवन न करें।
  • शहद पराग (पोलेन) से बना होता है। ये शर्कारा युक्त तरल पदार्थ होता है। अगर आपको इससे एलर्जी है तो शहद का सेवन आपके लिए हानिकारक हो सकता है। इसमें सांस लेने में दिक्कत, दानों जैसी समस्या होती है। इसके लिए बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से परामर्श लेकर ही शहद लें।
  • अमरुद , गाना , अंगूर और खट्टे फलों के साथ शहद अमृत के सामान है .
  • चाय कॉफ़ी के साथ शहद ज़हर के सामान है .
  • शहद को आग पर कभी ना तपाये .
  • मांस -मछली के साथ शहद का सेवन ज़हर के सामान है .
  • शहद में पानी या दूध बराबर मात्रा में हानि कारक है .
  • चीनी के साथ शहद मिलाना अमृत में ज़हर मिलाने के सामान है .
  • एक साथ अधिक मात्रा में शहद लेना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है .दिन में २ या ३ बार एक चम्मच शहद लें .
  • घी , तेल , मक्खन में शहद ज़हर के सामान है .
  • शहद खाने से कोई परेशानी महसूस हो तो निम्बू का सेवन करें .
  • समान मात्रा में घी और शहद ज़हर होता है .
  • अलग अलग वृक्षों पर लगे छत्तों में प्राप्त शहद के अलग अलग औषधीय गुण होंगे . जैसे नीम पर लगा शहद आँखों के लिए , जामुन का डायबिटीज़ और सहजन का ह्रदय , वात और रक्तचाप के लिए अच्छा होता है .
  • शीतकाल या बसंतऋतु में विकसित वनस्पति के रस में से बना हुआ शहद उत्तम होता है और गरमी या बरसात में एकत्रित किया हुआ शहद इतना अच्छा नही होता है। गांव या नगर में मुहल्लों में बने हुए शहद के छत्तों की तुलना में वनों में बनें हुए छत्तों का शहद अधिक उत्तम माना जाता है।
  • शहद पैदा करनें वाली मधुमक्खियों के भेद के अनुसार वनस्पतियों की विविधता के कारण शहद के गुण, स्वाद और रंग में अंतर पड़ता है।
  • शहद सेवन करने के बाद गरम पानी भी नहीं पीना चाहिए।
  • मोटापा दूर करने के लिए गुनगुने पानी में और दुबलापन दूर करने के लिए गुनगुने दूध के साथ ले .
  • अधिक धुप में शहद ना दे . गरमी से पीड़ित व्यक्ति को गरम ऋतु में दिया हुआ शहद जहर की तरह कार्य करता है।
  • शहद को जिस चीज के साथ लिया जाये उसी तरह के असर शहद में दिखाई देते है। जैसे गर्म चीज के साथ लें तो- गर्म प्रभाव और ठंडी चीज के साथ लेने से ठंडा असर दिखाई देता है। इसलिए मौसम के अनुसार वस्तुएं शहद के साथ ले .
  • चढ़ते हुए बुखार में दूध, घी, शहद का सेवन जहर के तरह है। यदि किसी व्यक्ति ने जहर या विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया हो उसे शहद खिलाने से जहर का प्रकोप एक-दम बढ़कर मौत तक हो सकती है।
  • शहद में एसिड पाया जाता है। जरूरत से ज्यादा इसका सेवन करते हैं तो ये आपके दांतों और हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है