Sunday, May 14, 2017

चना खाने के फायदे,Health Benefits of Horse Gram in Hindi,Chana Benefits in Hindi,

 

चना बहुत पौष्टिक होता है। चना चाहे भूना हुआ हो या अंकुरित किया हुआ, इसे खाना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। चने के सेवन से कई रोग ठीक हो जाते हैं। क्योंकि इसमें प्रोटीन, नमी, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स पाये जाते हैं। चना दूसरी दालों के मुकाबले सस्ता होता है और सेहत के लिए भी यह दूसरी दालों से पौष्टिक आहार है। चना शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है
  • खाज-खुजली,त्वचा संबंधित बीमारियां में फायदा - चने के आटे की की नमक रहित रोटी 40 से 60 दिनों तक खाने से त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे-दाद, खाज, खुजली आदि नहीं होती हैं।
  • कुष्ट रोग में लाभ - अंकुरित चना 3 साल तक खाते रहने से कुष्ट रोग में लाभ होता है।
  • त्वचा का कालापन- लगभग 12 चम्मच बेसन, 3 चम्मच दही या दूध, थोड़ा सा पानी सभी को मिलाकर पेस्ट सा बनाकर पहले चेहरे पर मले और फिर सारे शरीर पर मलने के लगभग 10 मिनट बाद स्नान करें तथा स्नान में साबुन का उपयोग न करें। इस प्रकार का उबटन करते रहने से त्वचा का कालापन दूर हो जाएगा।
  • आयरन की मात्रा से हैं भरपूर-गुड़ और चना आयरन से भरपूर होता है और यही कारण है कि एनीमिया से बचने के लिए यह बेहद मददगार साबित होता है. गुड़ में उच्च मात्रा में आयरन होता है और भुने हुए चने में आयरन के साथ-साथ प्रोटीन भी सही मात्रा में पाया जाता है. इस तरह से गुड़ और चने को मिलाकर खाने से आवश्यक तत्वों की कमी पूरी होती है, जो एनीमिया रोग के लिए जिम्मेदार होते हैं.
  • चेहरे का सौंदर्यवर्धक- चना के बेसन में नमक मिलाकर अच्छी तरह गौन्दकर लेप बना लें। इस लेप को चेहरे पर मलने से त्वचा में झुर्रियां नहीं आती हैं और चेहरा सुन्दर रहता है।
  • चेहरे की झांई के लिए- रात्रि में 2 बड़े चम्मच चने की दाल को आधा कप दूध में भिगोकर रख दें। सुबह दाल को पीसकर उसी दूध में मिला लें। फिर इसमें एक चुटकी हल्दी और 6 बूंदे नींबू की मिलाकर चेहरे पर लगाकर रखें। सूखने पर चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें। इस पैक को सप्ताह में तीन बार लगाने से चेहरे की झाईयां दूर हो जाती हैं।
  • मधुमेह में बहुत लाभ - 25 ग्राम काले चने रात में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करने से डायबिटीज दूर हो जाती है। यदि समान मात्रा में जौ चने की रोटी भी दोनों समय खाई जाए तो डायबिटीज में जल्दी फायदा होगा।
  • नपुंसकता समाप्त - चने को पानी में भिगो दें उसके बाद चना निकालकर पानी को पी जाएं। शहद मिलाकर पीने से किन्हीं भी कारणों से उत्पन्न नपुंसकता समाप्त हो जाती है।
  • वीर्य का पतलापन दूर व बढ़ोतरी - चीनी के बर्तन में रात को चने भिगोकर रख दे। सुबह उठकर खूब चबा-चबाकर खाएं इसके लगातार सेवन करने से वीर्य में बढ़ोतरी होती है व पुरुषों की कमजोरी से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। भीगे हुए चने खाकर दूध पीते रहने से वीर्य का पतलापन दूर हो जाता है।
  • धातु पुष्टि हो - 1 मुट्ठी सेंके हुए चने या भीगे हुए चने और 5 बादाम खाकर दूध पीने से वीर्य का पतलापन दूर होकर वीर्य गाढ़ा हो जाता है।
  • नपुंसकता- भीगे हुए चने सुबह-शाम चबाकर खाने से ऊपर से बादाम की गिरी खाने से मैथुन-शक्ति बढ़ती है और नंपुसकता खत्म होती है।
  • अण्डकोष वृद्धि- चने के बेसन को पानी और शहद में मिलाकर अण्डकोष की सूजन पर लगाने से लाभ होता है।
  • श्वेतप्रदर - प्रातः सेंके हुए चने पीसकर उसमें खाण्ड मिलाकर खाएं। ऊपर से एक गिलास दूध में एक चम्मच देशी घी मिलाकर पियें। इससे श्वेतप्रदर लाभ होता है। श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिआ या लिकोरिआ (Leukorrhea) या "सफेद पानी आना" स्त्रिओं का एक रोग है जिसमें स्त्री-योनि से असामान्य मात्रा में सफेद रंग का गाढा और बदबूदार पानी निकलता है और जिसके कारण वे बहुत क्षीण तथा दुर्बल हो जाती है।
  • बार-बार पेशाब व मूत्र से संबंधित समस्या - बार-बार पेशाब जाने की बीमारी में भुने हूए चनों का सेवन करना चाहिए। गुड़ व चना खाने से भी मूत्र से संबंधित समस्या में राहत मिलती है।
  • हिचकी में फायदा- हिचकी की समस्या ज्यादा परेशान कर रही हो तो चने के पौधे के सूखे पत्तों का धुम्रपान करने से शीत के कारण आने वाली हिचकी तथा आमाशय की बीमारियों में लाभ होता है।
  • पीलिया में फायदा- पीलिया में चने की दाल लगभग 100 ग्राम को दो गिलास जल में भिगोकर उसके बाद दाल पानी में से निकलाकर 100 ग्राम गुड़ मिलाकर 4-5 दिन तक खाएं राहत मिलेगी।
  • पीलिया - चना का सत्तू पीलिया रोग में लाभदायक है। 1 मुट्ठी चने की दाल को 2 गिलास पानी में भिगो दें। फिर दाल को निकालकर बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर 3 दिन तक खाना चाहिए। प्यास लगने पर दाल का वहीं पानी पीना चाहिए। इससे पीलिया रोग नष्ट हो जाता है।
  • जुकाम में फायदा- गर्म चने रूमाल या किसी साफ कपड़े में बांधकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है।
  • बवासीर में फायदा- रोजाना भुने चनों के सेवन से बवासीर ठीक हो जाता है।
  • कब्ज - 1 या 2 मुट्ठी चनों को धोकर रात को भिगो दें। सुबह जीरा और सोंठ को पीसकर चनों पर डालकर खाएं। घंटे भर बाद चने भिगोये हुए पानी को भी पीने से कब्ज दूर होती है।
  • निम्न रक्तचाप- 20 ग्राम काला चना और 25 दाने किशमिश या मुनक्का रात को ठण्डे पानी में भिगो दें। सुबह रोजाना खाली पेट खाने से निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) में लाभ होगा और साथ ही चेहरे की चमक भी बढ़ जाती है।
  • सफेद दाग- मुट्ठी भर काले चने और 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण (हरड़, बहेड़ा, आंवला) को 125 मिलीलीटर पानी में भिगो दें। कम से कम 12 घंटों के बाद इन चनों को मोटे कपड़े में बांधकर रख दें और बचा हुआ पानी कपडे़ की पोटली के ऊपर डाल दें। फिर 24 घंटे के बाद पोटली को खोल दें अब तक इन चनों में से अंकुर निकल आयेंगे। यदि किसी मौसम में अंकुर न भी निकले तो चनों को ऐसे ही खा लें। इस तरह से अंकुरित चनों को चबा-चबाकर लगातार 6 हफ्तों खाने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं।
  • शरीर का वजन बढ़ाने के लिए- लगभग 50 ग्राम की मात्रा में चने की दाल को लेकर शाम को 100 मिलीलीटर कच्चे दूध में भिगोकर रख दें। अब इस दाल को सुबह उठकर किशमिश और मिश्री में मिलाकर अच्छी तरह से चबाकर खायें। इसका सेवन लगातार 40 दिनों तक करना चाहिए।
  • रातभर भिगे हुए चनों से पानी को अलग कर उसमें अदरक, जीरा और नमक को मिक्स कर खाने से कब्ज और पेट दर्द से राहत मिलती है।
  • शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए अंकुरित चनों में नींबू, अदरक के टुकड़े, हल्का नमक और काली मिर्च डालकर सुबह नाश्ते में खाएं। आपको पूरे दिन की एनर्जी मिलेगी।।

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