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Monday, July 15, 2019

हाई बीपी को काबू करने के प्रभावशाली घरेलू उपाय,Blood Pressure Treatment in Hindi

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए घरेलू उपाय,Monitoring Blood,best blood pressure re monitor, Blood Pressure Treatment

वर्तमान समय में ब्लड प्रेशर के पेशेन्ट्स पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं। दौड़ती - भागती जिंदगी, फॉस्ट फूड और अनियमित दिनचर्या के कारण यह बीमारी भारत में भी फैल रही है। ब्लड प्रेशर से दिल की बीमारी, स्ट्रोक और गुर्दे की बीमारी होने का भी खतरा रहता है। इस बीमारी के रोगी को रोज दवा खानी पड़ती है। यदि आपके साथ भी ये समस्या है तो पारंपरिक चीजों का उपयोग करें। आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी ही सामान्य चीजों के बारे में जिनके नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर हमेशा कंट्रोल में रहता है। Blood Pressure Treatment
  • लहसुन एक ऐसी औषधि है, जो ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए अमृत के समान है। लहसुन में एलिसीन होता है, जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाता है और मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है। ब्लड प्रेशर के डायलोस्टिक और सिस्टोलिक सिस्टम में भी राहत देता है। यही कारण है कि ब्लड प्रेशर के मरीजों को रोजाना खाली पेट एक लहसुन की कली निगलने की सलाह दी जाती है। 
  • आंवला -रोजाना आंवला खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। आंवला में विटामिन सी होता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है और कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल में रखता है। 
  • मूली-यह एक साधारण सब्जी है। इसे खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसे पकाकर या कच्चा खाने से बॉडी को मिनरल्स व सही मात्रा में पोटैशियम मिलता है। यह हाइ-सोडियम डाइट के कारण बढ़ने वाले ब्लड प्रेशर पर भी असर डालता है।
  • तिल का तेल और चावल की भूसी को एक साथ खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। यह हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए भी लाभदायक होता है। माना जाता है कि यह ब्लड प्रेशर कम करने वाली अन्य औषधियों से ज्यादा बेहतर होता है। Blood Pressure Treatment
  • अलसी में एल्फा लिनोनेलिक एसिड काफी मात्रा में पाया जाता है। यह एक प्रकार का महत्वपूर्ण ओमेगा - 3 फैटी एसिड है। कई अध्ययनों में भी पता चला है कि जिन लोगों को हाइपरटेंशन की शिकायत होती है, उन्हें अपने भोजन में अलसी का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए। इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और इसके सेवन से ब्लड प्रेशर भी कम हो जाता है।
  • इलायची-एक रिसर्च के अनुसार इलायची के नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर प्रभावी ढंग से कम होता है। इसे खाने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं। साथ ही, ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है।
  • प्याज के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। इसमें क्योरसेटिन होता है। यह एक ऐसा ऑक्सीडेंट फ्लेवेनॉल है, जो दिल को बीमारियों से बचाता है।
  • दालचीनी के सेवन से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। ओहाई के अप्लाइड हेल्थ सेंटर में 22 लोगों पर अध्ययन किया गया। इनमें से आधे लोगों को 250 ग्राम पानी में दालचीनी दी गई, जबकि आधे लोगों को कुछ और दिया गया। बाद में यह पता चला कि जिन लोगों ने दालचीनी का घोल पिया था, उनके शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा थी और ब्लड सर्कुलेशन भी सही था।
  • नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है। इसलिए यह बात सबसे महत्‍वपूर्ण है कि हाई बी पी वालों को नमक का प्रयोग कम कर देना चाहिए। 
  • उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण होता है रक्त का गाढा होना। रक्त गाढा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ जाता है। लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू उपाय है। यह रक्त का थक्का नहीं जमने देती है। धमनी की कठोरता में लाभदायक है। रक्त में ज्यादा कोलेस्ट्ररोल होने की स्थिति का समाधान करती है।
  • एक बडा चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है। 
  • जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गर्म पानी में काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के फ़ासले से पीते रहें। ब्लड प्रेशर सही करने का बढिया उपचार है।
  • तरबूज के बीज की गिरि तथा खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। एक चम्मच मात्रा में प्रतिदिन खाली पेट पानी के साथ लें। Blood Pressure Treatment
  • बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें। हितकारी उपचार है।
  • पांच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीसकर 20 ग्राम पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं। 15 दिन में लाभ नजर आने लगेगा। हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए पपीता भी बहुत लाभ करता है, इसे प्रतिदिन खाली पेट चबा-चबाकर खाएं।
  • नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट चलें। रोजाना चलने से ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता है।
  • सौंफ़, जीरा, शक्‍कर तीनों बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्रण घोलकर सुबह-शाम पीते रहें। पालक और गाजर का रस मिलाकर एक गिलास रस सुबह-शाम पीयें, लाभ होगा।
  • करेला और सहजन की फ़ली उच्च रक्त चाप-रोगी के लिये परम हितकारी हैं।
  • गेहूं व चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर बनाई गई रोटी खूब चबा-चबाकर खाएं, आटे से चोकर न निकालें। Blood Pressure Treatment
  • ब्राउन चावल उपयोग में लाए। इसमें नमक, कोलेस्टरोल और चर्बी नाम मात्र की होती है। यह उच्च रक्त चाप रोगी के लिये बहुत ही लाभदायक भोजन है।
  • प्याज और लहसुन की तरह अदरक भी काफी फायदेमंद होता है। बुरा कोलेस्ट्रोल धमनियों की दीवारों पर प्लेक यानी कि कैल्‍शियम युक्त मैल पैदा करता है जिससे रक्त के प्रवाह में अवरोध खड़ा हो जाता है और नतीजा उच्च रक्तचाप के रूप में सामने आता है। अदरक में बहुत हीं ताकतवर एंटीओक्सीडेट्स होते हैं जो कि बुरे कोलेस्ट्रोल को नीचे लाने में काफी असरदार होते हैं। अदरक से आपके रक्तसंचार में भी सुधार होता है, धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे कि उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है।
  • तीन ग्राम मेथीदाना पावडर सुबह-शाम पानी के साथ लें। इसे पंद्रह दिनों तक लेने से लाभ मालूम होता है। 

Saturday, July 13, 2019

लीवर की परेशानी का आयुर्वेदिक इलाज Liver Problems In Hindi,



आज कल चारो और लीवर के मरीज हैं, किसी को पीलिया हैं, किसी का लीवर सूजा हुआ हैं, किसी का फैटी हैं, और डॉक्टर बस नियमित दवाओ पर चला देते हैं मरीज को, मगर आराम किसी को मुश्किल से ही आते देखा हैं लीवर हमारे शरीर का सबसे मुख्‍य अंग है, यदि आपका लीवर ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पा रहा है तो समझिये कि खतरे की घंटी बज चुकी है। लीवर की खराबी के लक्षणों को अनदेखा करना बड़ा ही मुश्‍किल है और फिर भी हम उसे जाने अंजाने अनदेखा कर ही देते हैं।

लीवर खराब होने के मुख्य कारण,The main reason for liver failure

लीवर की खराबी होने का कारण ज्‍यादा तेल खाना, ज्‍यादा शराब पीना और कई अन्‍य कारणों के बारे में तो हम जानते ही हैं। हालाकि लीवर की खराबी का कारण कई लोग जानते हैं पर लीवर जब खराब होना शुरु होता है

तब हमारे शरीर में क्‍या क्‍या बदलाव पैदा होते हैं यानी की लक्षण क्‍या हैं, इसके बारे में कोई नहीं जानता। वे लोग जो सोचते हैं कि वे शराब नहीं पीते तो उनका लीवर कभी खराब नहीं हो सकता तो वे बिल्‍कुल गलत हैं।

आप जानते हैं कि मुंह से गंदी बदबू आना भी लीवर की खराबी हो सकती है। हम आपको कुछ परीक्षण बताएंगे जिससे आप पता लगा सकते हैं कि क्‍या आपका लीवर वाकई में खराब है। कोई भी बीमारी कभी भी चेतावनी का संकेत दिये बगैर नहीं आती, इसलिये आप सावधान रहें।

मुंह से बदबू यदि लीवर सही से कार्य नही कर रहा है तो आपके मुंह से गंदी बदबू आएगी। ऐसा इसलिये होता है क्‍योकि मुंह में अमोनिया ज्‍याद रिसता है। लीवर खराब होने का एक और संकेत है कि स्‍किन क्षतिग्रस्‍त होने लगेगी और उस पर थकान दिखाई पडने लगेगी। आंखों के नीचे की स्‍किन बहुत ही नाजुक होती है जिस पर आपकी हेल्‍थ का असर साफ दिखाई पड़ता है।

पाचन तंत्र में खराबी यदि आपके लीवर पर वसा जमा हुआ है और या फिर वह बड़ा हो गया है, तो फिर आपको पानी भी नहीं हजम होगा। त्‍वचा पर सफेद धब्‍बे यदि आपकी त्‍वचा का रंग उड गया है और उस पर सफेद रंग के धब्‍बे पड़ने लगे हैं तो इसे हम लीवर स्‍पॉट के नाम से बुलाएंगे।

यदि आपकी पेशाब या मल हर रोज़ गहरे रंग का आने लगे तो लीवर गड़बड़ है। यदि ऐसा केवल एक बार होता है तो यह केवल पानी की कमी की वजह से हो सकता है। यदि आपके आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगे और नाखून पीले दिखने लगे तो आपको जौन्‍डिस हो सकता है। इसका यह मतलब होता है कि आपका लीवर संक्रमित है।

लीवर एक एंजाइम पैदा करता है जिसका नाम होता है बाइल जो कि स्‍वाद में बहुत खराब लगता है। यदि आपके मुंह में कडुआहर लगे तो इसका मतलब है कि आपके मुंह तब बाइल पहुंच रहा है। जब लीवर बड़ा हो जाता है तो पेट में सूजन आ जाती है, जिसको हम अक्‍सर मोटापा समझने की भूल कर बैठते हैं।

मानव पाचन तंत्र में लीवर एक म‍हत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। विभिन्‍न अंगों के कार्यों जिसमें भोजन चयापचय, ऊर्जा भंडारण, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलना, डिटॉक्सीफिकेशन, प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन और रसायनों का उत्‍पादन शामिल हैं। लेकिन कई चीजें जैसे वायरस, दवाएं, आनुवांशिक रोग और शराब लिवर को नुकसान पहुंचाने लगती है। लेकिन यहां दिये उपायों को अपनाकर आप अपने लीवर को मजबूत और बीमारियों से दूर रख सकते हैं।

लीवर की परेशानी ये घरेलू कुछ उपाय ,Home Remedies for liver problems

► हल्‍दी लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करने के लिए अत्‍यंत उपयोगी होती है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है। हल्दी की रोगनिरोधन क्षमता हैपेटाइटिस बी व सी का कारण बनने वाले वायरस को बढ़ने से रोकती है। इसलिए हल्‍दी को अपने खाने में शामिल करें या रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पिएं► सेब का सिरका लीवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है। सेब के सिरके को आप कई तरीके से इस्‍तेमाल कर सकते हैं- एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं, या इस मिश्रण में एक चम्मच शहद मिलाएं। इस म‍िश्रण को दिन में दो से तीन बार लें।

►आंवला विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है। अध्ययनों ने साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं। लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए.

► पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए। हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं। इस बीमारी से पूरी तरह निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताहों के लिए करें.


►सिंहपर्णी जड़ की चाय लीवर
Choudhary: सिंहपर्णी जड़ की चाय लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने वाले उपचारों में से एक है। अधिक लाभ पाने के लिए इस चाय को दिन में दो बार पिएं। आप चाहें तो जड़ को पानी में उबाल कर, पानी को छान कर पी सकते हैं। सिंहपर्णी की जड़ का पाउडर बड़ी आसानी से मिल जाएगा।


►लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी का इस्‍तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। इसके इस्‍तेमाल के लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें। फिर ठंड़ा होने पर छान लें। इस चाय रुपी पानी को दिन में एक या दो बार पिएं।

►फीटकोंस्टीटूएंट्स की उपस्थिति के कारण, अलसी के बीज हार्मोंन को ब्‍लड में घूमने से रोकता है और लीवर के तनाव को कम करता है। टोस्‍ट पर, सलाद में या अनाज के साथ अलसी के बीज को पीसकर इस्‍तेमाल करने से लिवर के रोगों को दूर रखने में मदद करता है

►एवोकैडो और अखरोट को अपने आहार में शामिल कर आप लीवर की बीमारियों के आक्रमण से बच सकते हैं। एवोकैडो और अखरोट में मौजूद ग्लुटथायन, लिवर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर इसकी सफाई करता है।

► पालक और गाजर का रस का मिश्रण लीवर सिरोसिस के लिए काफी लाभदायक घरेलू उपाय है। पालक का रस और गाजर के रस को बराबर भाग में मिलाकर पिएं। लीवर की मरम्मत के लिए इस प्राकृतिक रस को रोजाना कम से कम एक बार जरूर पिएं

►सेब और पत्तेदार सब्जियों में मौजूद पेक्टिन पाचन तंत्र में उपस्थित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर लीवर की रक्षा करता है। इसके अलावा, हरी सब्जियां पित्त के प्रवाह को बढ़ाती हैं।

►एक पौधा और है जो अपने आप उग आता है , जिसकी पत्तियां आंवले जैसी होती है. इन्ही पत्तियों के नीचे की ओर छोटे छोटे फुल आते है जो बाद में छोटे छोटे आंवलों में बदल जाते है . इसे भुई आंवला कहते है. इस पौधे को भूमि आंवला या भू- धात्री भी कहा जाता है .

►यह पौधा लीवर के लिए बहुत उपयोगी है.इसका सम्पूर्ण भाग , जड़ समेत इस्तेमाल किया जा सकता है.तथा कई बाज़ीगर भुई आंवला के पत्ते चबाकर लोहे के ब्लेड तक को चबा जाते हैं . ये यकृत ( लीवर ) की यह सबसे अधिक प्रमाणिक औषधि है

Friday, May 25, 2018

हार्ट अटैक से बचने के उपाय इन हिंदी,Heart Care in Hindi


 हार्ट अटैक से बचने के उपाय इन हिंदी

ऐसे में अचानक से आपके सीने में तेज दर्द होता है जो आपके हाथों से होता हुआ आपके जबड़ो तक पहुँच जाता है। आप अपने घर से सबसे नजदीक अस्पताल से 5 मील दूर है और दुर्भाग्यवश आपको ये नहीं समझ आ रहा की आप वहांतक पहुँच पाएंगे की नहीं। आप सीपीआर में प्रशिक्षित है मगर वहां भी आपको ये नहीं सिखाया गया की इसको खुद पर प्रयोग कैसे करे।

ऐसे में दिल के दौरे से बचने के लिए ये उपाय

चूँकि ज्यादातर लोग दिल के दौरे के वक्त अकेले होते है बिना किसी की मदद के उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है । वे बेहोश होने लगते है और उनके पास सिर्फ 10 सेकण्ड्स होते है ऐसे हालत में पीड़ित जोर जोर से खांस कर खुद को सामान्य रख सकता है। एक जोर की सांस लेनी चाहिए हर खांसी से पहले और खांसी इतनी तेज हो की छाती से थूक निकले।
जब तक मदद न आये ये प्रक्रिया दो सेकंड से दोहराई जाए ताकि धड्कण सामान्य हो जाए जोर की साँसे फेफड़ो में ऑक्सीजन पैदा करती है और जोर की खांसी की वजह से दिल सिकुड़ता है जिस से रक्त सञ्चालन नियमित रूप से चलता है ।

नियमित व्यायाम करें हार्ट अटैक से बचने का सबसे बेहतर तरीका हैकि आप रोजाना व्यायाम करें। आप कम से कम12मिनट तक शारीरिक कसरत करें। दिल को तंदुरुस्त रखने के लिए वॉक करना भी एक अच्छा व्यायाम है।

पूरी नींद लें हार्ट अटैक से बचने का मंत्र है -रोजाना 8 घंटे की नींद। दिल के लिए कई तरीके से यह फायदेमंद है। डाइबिटीज़ है तो ज्यादा सावधान रहें शुगर से पीड़ित लोग जानते हैं कि उनके लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं। यदि आपको डाइबिटीज़ है तो दिल पर प्रभाव डालता है। यदि आपको अटैक आते रहते हैं तो आप ज्यादा सावधानी की आवश्यकता है।

मछली का सेवन करें-मछली ना केवल आँखों के लिए अच्छी है बल्कि कई तरह की दिल की बीमारियों को भी दूर करती है। सप्ताह में एक बार मछ्ली अवश्य सेवन करें।

एक कप चाय-पिये दिल में ज्यादा ब्लड पहुँचाने के लिए कॉफी के मुक़ाबले चाय ज्यादा बेहतर है। यह दिल को स्वस्थ रखती है। इसलिए रोज एक कप चाय जरूर पिये।

प्यार करना सीखें-हमेशा लोगों से प्यार करें ना कि नफरत। आपके दिल के लिए यह एक अच्छी नसीहत है।

ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें-यदि आप दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो समय-समय पर रक्त-चाप की जांच कराते रहें। हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

क्या आप तनाव में हैं? हार्ट अटैक से बचने के लिए
तनाव से दूर रहें। यदि आपने अपने किसी प्रियजन को खो भी दिया है तो अपने दिल को इसके लिए तैयार करें और प्यार और शांति की तलाश करें।

पेशाब और शौच को ना दबाएँ-जब पेशाब और शौच का दबाव पड़ता है तो आपको जाना तो है ही पहले या बाद में। इसको दबाने से दिल पर प्रभाव पड़ता है और यह संक्रमण का कारण भी बनता है।

सही आहार लें-सही डाइट लेना बेहद जरूरी है। हार्ट अटैक से बचने के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है।

क्या आप मोटे तो नहीं
यदि आप मोटे हैं तो आपको हार्ट अटैक का खतरा है। ज्यादा वजन होने से हार्ट को ज्यादा रक्त और ज्यादा ऊर्जा पंप करनी पड़ती है जिससे आपने नाजुक दिल पर ज्यादा दबाव पड़ता है।

ऑयली या ज्यादा चिकनाई वाले खाने से बचें-जंक फूड में ज्यादा ऑयल होता है इसलिए ये हार्ट के लिए सही नहीं हैं। दिल के दौरे से बचने के लिए इस तरह के खाने से तौबा करें
धूम्रपान हानिकारक हैधूम्रपान आपके लिए नुकसानकारी है। स्मोकिंग से दिल और फेफड़ों पर विपरीत असर पड़ता है।

Monday, January 08, 2018

दमा की आयुर्वेदिक दवा,दमा के घरेलु उपचार,Asthma Treatment In Hindi,

यह रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है।श्वास पथ की मांसपेशियों में आक्छेप होने से सांस लेने निकालने में कठिनाई होती है।खांसी का वेग होने और श्वासनली में कफ़ जमा हो जाने पर तकलीफ़ ज्यादा बढ जाती है।रोगी बुरी तरह हांफ़ने लगता है।दमा बहुत कष्ट देने वाली बीमारी है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।

लक्षण,Asthma Symptoms,

  • दमा में सांस लेने वा निकालने में परेशानी होती है। 
  • खांसी की त्रीवता और साँस की नली में कफ़ जमा हो जाने से तकलीफ़ और भी ज्यादा बढ जाती है 
  • दमा का अटैक पड़ने पर रोगी बुरी तरह हांफ़ने लगता है। 
  • दमा होने पर खांसी, नाक का बजना, छाती का कड़ा हो जाना, सुबह और रात में सांस लेने में तकलीफ होने जैसे लक्षण होते हैं। 
  • समान्यता दमा, एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों ,धूम्रपान करने से, ज्यादा सर्द गर्म मौसम, सुगन्धित पदार्थों, ज्यादा कसरत करने और मानसिक तनाव की वजह से काफी तकलीफ देता है 
  • दमा को पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल है, लेकिन इस पर नियंत्रण हो सकता है, ताकि व्यक्ति सामान्य जीवन जी सके।

घरेलु उपचार,Asthma Treatment In Hindi,Home remedies for asthma,

  • 100 ग्राम दूध में लहसुन की पांच कलियां धीमी आँच पर उबाकर इस का हर रोज दिन में दो बार सेवन करने से दमे में काफी फायदा मिलता है। 
  • तुलसी के 10-15 पत्ते पानी से साफ़ कर लें फ़िर उन पर काली मिर्च का पावडर बुरककर खाने से दमा मे आराम मिलता है। 
  • एक पके केले में चाकू से लम्बाई में चीरा लगाकर उसमें एक चौथाई छोटा चम्मच महीन पीसी काली मिर्च भर दें। फिर उसे 2-3 घंटे बाद हल्की आँच में छिलके सहित भून लें। ठंडा होने पर केले का छिलका निकालकर केला खा लें। एक माह में ही दमें में खूब लाभ होगा। 
  • लहसुन की दो पिसी कलियां और अदरक की गरम चाय पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। इस चाय का सेवन सबेरे और शाम करना चाहिए। 
  • 4-5 लौंग को 150 पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर गरम-गरम पी लें। रोज दो से तीन बार यह काढ़ा पीने से निश्चित रूप से लाभ मिलता है। 
  • 250 ग्राम पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर उसे 5 मिनट तक उबालें। फिर ठंडा होने पर उसमें चुटकी भर नमक, कालीमिर्च और नीबू रस मिलाएं, इस सूप का रोज़ सेवन करें लाभ मिलेगा। 
  • एक चम्मच मैथीदाना को एक कप पानी में उबालें। ठंडा होने पर उसमें अदरक का एक चम्मच ताजा रस और स्वादानुसार शहद मिलाएं। सबेरे-शाम नियमित रूप से इसका सेवन करने से निश्चित ही बहुत लाभ मिलता है। 
  • एक चम्मच हल्दी को दो चम्मच शहद में मिलाकर चाट लें दमा का दौरा तुरंत काबू में आ जायेगा। 
  • तुलसी के पत्तों को पानी में पीसकर इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से दमा रोग में शीघ्र ही लाभ मिलता है। 
  • दमें में खाँसी होने पर पहाडी नमक सरसों के तेल मे मिलाकर छाती पर मालिश करने से तुरंत आराम मिलता है। 
  • एक चम्मच हल्दी एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पीने से दमा काबू मे रहता है। हल्दी के एन्टीऑक्सीडेंट गुण के कारण एलर्जी भी नियंत्रण में रहती है। 
  • सूखे अंजीर 4 - 5 पीस रात भर पानी मे भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं। इससे श्वास नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है, स्थाई रूप से आराम प्राप्त होता है । 
  • आंवला दमा रोग में बहुत लाभदायक है। एक चम्मच आंवला रस मे दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से फ़ेफ़डे ताकतवर बनते हैं
  • लहसुन की ५ कली चाकू से बारीक काटकर ५० मिलि दूध में उबालें।यह मिक्श्चर सुबह-शाम लेना बेहद लाभकारी है।
  • अनुसंधान में यह देखने में आया है कि आंवला दमा रोग में अमृत समान गुणकारी है।एक चम्मच आंवला रस मे दो चम्मच शहद मिलाकर लेने से फ़ेफ़डे ताकतवर बनते हैं। 
  • दमे का मरीज उबलते हुए पानी मे अजवाईन डालकर उठती हुई भाप सांस में खींचे ,इससे श्वास-कष्ट में तुरंत राहत मिलती है।
  • चाय बनाते वक्त २ कली लहसुन की पीसकर डाल दें। यह दमे में राहत पहुंचाता है। सुबह-शाम पीयें।

लाल टमाटर खाने के ये फायदे आपको चौंका देंगे-टमाटर खाने के फायदे-Health Benefits of Tomato in Hindi

 
टमाटर को ज्यादतर मिक्स करके या फिर सलाद के साथ खाया जाता है। लगभग हर सब्जी को बनाते वक्त टमाटर का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, टमाटर का सूप, जूस और चटनी भी बनाकर खाया जाता है। टमाटर में विटामिन सी, लाइकोपीन, विटामिन, पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। टमाटर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने की क्षमता होती है। टमाटर खाकर वजन को आसानी से कम किया जा सकता है।टमाटर की खूबी है कि गर्म करने के बाद भी इसके विटामिन समाप्त नहीं होते हैं।

Benefits of Tomato in Hindi

कब्ज के लिए उपयोगी-कब्ज की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन लगभग 50 ग्राम टमाटर खाने से लाभ मिलता है। कच्चा टमाटर सुबह और शाम खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है। टमाटर खाने से कब्ज खत्म होती है और आमाशय व आंतों की सफाई करता है। टमाटर के रस में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर रोजाना खाने से गैस नहीं बनती है और कब्ज दूर हो जाती है।पक्के टमाटर का रस एक कप पानी में मिलाकर पीने से पुरानी से पुरानी कब्ज़ दूर होती है और आंतों को ताकत भी मिलती है।
पाचन शक्ति में सुधार :टमाटर को लगातार खाने से कब्ज नहीं होती है और दस्त साफ होता है। यह आंखों के जख्म को दूर करता है। टमाटर बड़ी आंतों को ताकत देता है। पाचनशक्ति को ठीक करता है। टमाटर आमाशय के जहर को बाहर निकालकर उसके रोग को दूर करता है।
शक्तिवर्धक (ताकत को बढ़ाने वाला) के लिए उपयोगी-सुबह के समय नाश्ते में एक गिलास टमाटर के रस में थोड़ा शहद मिलाकर पीने से चेहरा टमाटर की तरह लाल हो जाता है। इसके सेवन से याददाश्त बढ़ती है। टमाटर लीवर तथा फेफड़ों को मजबूती प्रदान करती है।शिशु शक्तिवर्धक ( शिशु की ताकत को बढ़ाने के लिए) बच्चों की माताओं को टमाटर का सेवन करना चाहिए और अपने बच्चों को भी रोज टमाटर का रस पिलायें। इससे बच्चों के शरीर का विकास अच्छा होता है। पाचन शक्ति अच्छी रहती है और दांत भी आसानी से निकल जाते हैं। इसके अलावा शरीर की सुस्ती, पेट के अतिसार (दस्त), पीलिया तथा पेट के रोग आदि में टमाटर लाभदायक है। अण्डुक पुच्छशोथ :100 ग्राम लाल टमाटर पर सेंधानमक और अदरक मिलाकर भोजन से पहले सेवन करने से लाभ मिलता है।
कृमिनाशक (पेट के कीड़े) :लाल टमाटर को काटकर उसमें नमक तथा कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से पेट के कीड़े मरकर गुदामार्ग से बाहर निकल जाते हैं।टमाटर के रस में हींग मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
मुंह के छाले के लिए उपयोगी-जिन लोगों के मुंह में बार-बार छाले होते हों उन्हें टमाटर अधिक सेवन करना चाहिए।टमाटर के रस को पानी में मिलाकर कुल्ला करें। इससे मुंह के छाले खत्म हो जाते हैं।आधे गिलास टमाटर के रस को आधे गिलास पानी में मिलाकर कुल्ला करें। इससे मुंह के सभी रोग ठीक होते हैं।
खुजली के लिए उपयोगी-2 चम्मच नारियल के तेल में 1 चम्मच टमाटर का रस मिलाकर इससे शरीर की मालिश करें। इसके बाद गर्म पानी से स्नान करें इससे खुजली खत्म हो जाती है।
बुखार के लिए उपयोगी-बुखार के समय खून में हानिकारक पदार्थ बढ़ जाते हैं। टमाटर का सूप इन पदार्थों को बाहार निकाल देता है। इसलिए रोगी को इसका सेवन करने से बुखार कम हो जाता है। टमाटर शरीर की गर्मी को दूर करता है।
खांसी और बुखार के लिए उपयोगी-टमाटर के टुकड़े को कलई वाले बर्तन में थोड़ी गर्म करें इसके बाद उस पर गोदन्ती की भस्म (राख) छिड़कर खाने से खांसी और ज्वर (बुखार) में लाभ मिलता है।
चर्मरोग (त्वचा) के लिए उपयोगी
टमाटर की खटाई खून को साफ करती है-। नींबू में इसी तरह के गुण पाए जाते हैं। टमाटर खट्टा होता है। यह खून को साफ करने वाला होता है। अत: टमाटर का सेवन करने से रक्तदोष दूर होकर त्वचा के रोग ठीक हो जाते हैं।
त्वचा पर जब लाल चकत्ते उठे हो, मुंह की हडि्डयां सूज गई हों, दांतों से खून निकलता हो, कई प्रकार के चर्मरोग होने की संभावना हों जैसे- दाद या बेरी-बेरी आदि हो तो टमाटर का रस दिन में 3 से 4 बार पीने से लाभ मिलता है। कुछ हप्ते तक रोज टमाटर का रस पीने से चर्मरोग ठीक हो जाते हैं।
पीलिया के लिए उपयोगी-टमाटर का रस प्रतिदिन 1 गिलास पीने से पीलिया रोग ठीक होता है।
कमजोरी के लिए उपयोगी-टमाटर का सूप प्रतिदिन पीने से भूख बढ़ने लगती है। इसके सेवन के फलस्वरूप खून की कमी दूर होती है तथा थकावट व कमजोरी भी खत्म हो जाती है और चेहरे पर रौनक आ जाती है।
टमाटर का रोजाना सेवन करने से खून की गंदगी दूर हो जाती है और खून साफ हो जाता है जिसके फलस्वरूप शरीर में खून तथा ताकत की वृद्धि भी होती है।
दिमागी कमजोरी के लिए उपयोगी-टमाटर के सेवन से चिड़चिड़ापन और दिमागी कमजोरी खत्म होती है। यह मानसिक थकान को दूर करके मस्तिष्क को संतुलित बनाये रखता है
मोटापा के लिए उपयोगी--प्रतिदिन कच्चा टमाटर तथा प्याज को काटकर उसमें नींबू का रस व नमक मिलाकर खाने से मोटापन कम होने लगता है। टमाटर मोटे लोगों के लिए लाभकारी होता है क्योंकि यह विजातीय द्रव्यों, पदार्थ और आंतों में रुके भोजन को शरीर से बाहर निकालने में पूरी तरह सहायता करता है।
रतौंधी के लिए उपयोगी- (रात को दिखाई न देना) : टमाटर का सेवन प्रतिदिन करने से आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है। इसके सेवन से रतौंधी दूर हो जाती है।
गठिया के लिए उपयोगी- (जोड़ों के दर्द)गठिया के रोगियों के लिए टमाटर खाना लाभदायक होता है

टमाटर को ज्यादतर मिक्स करके या फिर सलाद के साथ खाया जाता है। लगभग हर सब्जी को बनाते वक्त टमाटर का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, टमाटर का सूप, जूस और चटनी भी बनाकर खाया जाता है। टमाटर में विटामिन सी, लाइकोपीन, विटामिन, पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। टमाटर में

अन्य उपयोग
  • कोलेस्ट्रॉल को कम करने की क्षमता होती है। टमाटर खाकर वजन को आसानी से कम किया जा सकता है।टमाटर की खूबी है कि गर्म करने के बाद भी इसके विटामिन समाप्त नहीं होते हैं। आइए हम आपको टमाटर के गणों के बारे में बताते हैं।
  • सुबह-सुबह बिना कुल्ला किए पका टमाटर खाना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है।
  • बच्चों को सूखा रोग होने पर आधा गिलास टमाटर के रस का सेवन कराने से बच्चे का सूखा रोग ठीक हो जाता है।
  • बच्चों के विकास के लिए टमाटर बहुत फायदेमंद होता है। दो या तीन पके हुए टमाटरों का नियमित सेवन करने से बच्चों का विकास शीघ्र होता है।
  • वजन घटाने के लिए टमाटर बहुत काम का होता है। मोटापा कम करने के लिए सुबह-शाम एक गिलास टमाटर का रस पीना फायदेमंद होता है।
  • यदि गठिया रोग है तो एक गिलास टमाटर के रस की सोंठ तैयार करें व इसमें एक चम्मच अजवायन का चूर्ण सुबह-शाम पीजिए, गठिया रोग में फायदा होगा
  • गर्भवती महिलाओं के लिए टमाटर बहुत फायदेमंद होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सुबह एक गिलास टमाटर के रस का सेवन करना चाहिए।
  • टमाटर पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। टमाटर के नियमित सेवन से पेट साफ रहता है।
  • कफ होने पर टमाटर का सेवन अत्यंत लाभदायक है।
  • पेट में कीड़े होने पर सुबह खाली पेट टमाटर में पिसी हुई कालीमिर्च लगाकर खाने से फायदा होता है।
  • भोजन करने से पहले दो या तीन पके टमाटरों को काटकर उसमें पिसी हुई कालीमिर्च, सेंधा नमक एवं हरा धनिया मिलाकर खाएं। इससे चेहरे पर लाली आती है।
  • टमाटर के गूदे में कच्चा दूध व नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर चमक आती है।
  • टमाटर के नियमित सेवन से अन्य रोग जैसे डायबिटीज, आंखों व पेशाब संबंधी रोगों, पुरानी कब्ज व चमड़ी के रोगों में फायदा होता है।

Friday, August 11, 2017

काला नमक खाने के फायदे, Black Salt or Kala Namak Benefits in Hindi,

Black Salt or Kala Namak Benefits in Hindi,
आयुर्वेद के अनुसार काला नमक अपने आहार में शामिल करने से शरीर के कई रोग दूर होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, हाई बीपी, डिप्रेशन और पेट की तमाम बीमारियों से मुक्ती दिलाता है क्योंकि इसमें 80 प्रकार के खनिज शामिल हैं। अगर आप सुबह काला नमक और पानी मिला कर पीना शुरु कर दें तो आपको काफी स्वास्थ्य लाभ पहुंच सकता है। लोंगो को अभी पता नहीं है कि सादे नमक का बहुत ज्यादा प्रयोग हमारे स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हो सकता है इसलिये अच्छा होगा कि आप उसे हटा कर काले नकम का सेवन कीजिये।
  • पाचन दुरस्त करे : नमक वाला पानी मुंह में लार वाली ग्रंथी को सक्रिय करने में मदद करता है। पेट के अंदर प्राकृतिक नमक, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और प्रोटीन को पचाने वाले इंजाइम को उत्तेजित करने में मदद करता है। इससे खाया गया भोजन टूट कर आराम से पच जाता है।
  • मोटापा घटाए : यह पाचन को दुरस्त कर के शरीर की कोशिकाओं तक पोषण पहुंचाता है, जिससे मोटापा कंट्रोल करने में मदद मिलती है। समुंद्री नमक छोड़ कर आपको इस नमक को अपने आहार में शामिल करना चाहिये। 
  • जोड़ों के दर्द में आराम दिलाए : मासपेशियों के दर्द और जोड़ों के दर्द से यह नमक आराम दिलाता है। आपको एक कपड़े में 1 कप काला नमक डाल कर उसे बांध कर पोटली बनानी है। इसके बाद उसे किसी पैन में गरम करें और उससे जोड़ों की सिकाई करें। इसे दुबारा गरम कर के फिर से दिन में दो बार सिकाई करें। 
  • आंत की गैस से छुटकारा दिलाए : अगर गैस से छुटकारा पाना है तो एक कॉपर का बरतन गैस पर चढाएं, फिर उसमें काला नमक डाल कर हल्का चलाएं और जब उसका रंग बदल जाए तब गैस बंद कर दें। फिर इसका आधा चम्मच ले कर एक गिलास पानी में मिक्स कर के पियें।
  • सीने की जलन से मुक्ती : क्षारीय प्रकृति होने के नाते यह पेट में जा कर वहां बनने वाले एसिड को काटता है और सीने की जलन तथा एसिडिटी को ठीक करता है।
  • कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करे : काला नमक खाने से रक्त पतला होता है जिससे वह पूरे शरीर में आराम से पहुंचता है। ऐसे में आपका हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर ठीक होता है। हाइ बीपी है तो साधारण नमक की जगह पर खाएं काला नमक।
  • मसल स्पैजम और क्रैंप में आराम दिलाए : काला नमक में पोटैशिमय होता है जो कि हमारी मासपेशियों को ठीक से काम करने में मदद करता है। इसलिये काले नमक को रोजाना खाने में शामिल करें जिससे मसल स्पैजम और क्रैंप ना हो। 
  • मधुमेह को कंट्रोल करे : रिसर्च मे पाया गया है कि काला नमक ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है।
  • शिशुओं के लिये भी अच्छा : काला नमक छोटे बच्चों के लिए सबसे अच्छा है। यह अपच और कफ की जमावट को सीने से हटाता है। अपने शिशु के भोजन में थोड़ा सा काला नमक रोजाना मिलाएं क्योंकि इससे उनका पेट भी ठीक रहेगा और कफ आदि से भी छुटकारा मिलेगा। 
  • नींद लाने में लाभदायक : अपरिष्कृत नमक में मौजूदा खनिज हमारी तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। नमक, कोर्टिसोल और एड्रनलाईन, जैसे दो खतरनाक सट्रेस हार्मोन को कम करता है। इसलिये इससे रात को अच्छी नींद लाने में मदद मिलती है।
  • रूसी से मुक्ती दिलाए : अगर आपको रूसी और बाल झड़ने की समस्या है तो काला नमक और टमाटर का जूस हफ्ते में एक दिन सिर में लगाएं। यह रूसी को दूर करेगा और बालों की ग्रोथ को भी बढ़ाएगा।
  • शरीर करे डिटॉक्स : नमक में काफी खनिज होने की वजह से यह एंटीबैक्टीरियल का काम भी करता है। इसकी वजह से शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया का नाश होता है।
  • त्वचा की समस्या : नमक में मौजूद क्रोमियम एक्ने से लड़ता है और सल्फर से त्वचा साफ और कोमल बनती है। इसके अलावा नमक वाला पानी पीने से एग्जिमा और रैश की समस्या दूर होती है। सौंदर्य के लिये बड़ा ही फायदेमंद है सेंधा नमक।