सोंठ, गन्धबाला, पित्तपापड़ा खस, मोथा, लाल चंदन इनका काढ़ा ठंडा करके सेवन करने से प्यास के साथ उल्टी, पित्तज्वर तथा जलन आदि ठीक हो जाती है।
►हैजा
अदरक का 10 ग्राम, आक की जड़ 10 ग्राम, इन दोनों को खरल (कूटकर) इसकी कालीमिर्च के बराबर गोली बना लें। इन गोलियों को गुनगुने पानी के साथ देने से हैजे में लाभ पहुंचता है इसी प्रकार अदरक का रस व तुलसी का रस समान भाग लेकर उसमें थोड़ी सी शहद अथवा थोड़ी सा मोर के पंख की भस्म मिलाने से भी हैजे में लाभ पहुंचता है। इन्फ्लुएंजा :- 6 मिलीलीटर अदरक रस में, 6 ग्राम शहद मिलाकर दिन में तीन-चार बार सेवन करें।
►सन्निपात ज्वर
त्रिकुटा, सेंधानमक और अदरक का रस मिलाकर कुछ दिनों तक सुबह-शाम चटायें।
सन्निपात की दशा में जब शरीर ठंडा पड़ जाए तो इसके रस में थोड़ा लहसुन का रस मिलाकर मालिश करने से गरमाई आ जाती है।"
►गठिया
10 ग्राम सोंठ 100 मिलीलीटर पानी में उबालकर ठंडा होने पर शहद या शक्कर मिलाकर सेवन करने से गठिया रोग दूर हो जाता है।
► वात दर्द, कमर दर्द तथा जांघ और गृध्रसी दर्द :- एक चम्मच अदरक के रस में आधा चम्मच घी मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है
► मासिक-धर्म का दर्द से होना (कष्टर्त्तव) :- इस कष्ट में सोंठ और पुराने गुड़ का काढ़ा बनाकर पीना लाभकारी है। ठंडे पानी और खट्टी चीजों से परहेज रखें।
► प्रदर
10 ग्राम सोंठ 250 मिलीलीटर पानी में डालकर उबालें और शीशी में छानकर रख लें। इसे 3 सप्ताह तक पीएं।
► हाथ-पैर सुन्न हो जाना
सोंठ और लहसुन की एक-एक गांठ में पानी डालकर पीस लें तथा प्रभावित अंग पर इसका लेप करें। सुबह खाली पेट जरा-सी सोंठ और लहसुन की दो कली प्रतिदिन 10 दिनों तक चबाएं।
► मसूढ़े फूलना (मसूढ़ों की सूजन)
मसूढ़े फूल जाएं तो तीन ग्राम सोंठ को दिन में एक बार पानी के साथ फांकें। इससे दांत का दर्द ठीक हो जाता है। यदि दांत में दर्द सर्दी से हो तो अदरक पर नमक डालकर पीड़ित दांतों के नीचे रखें।
►मसूढ़ों के फूल जाने पर 3 ग्राम सूखा अदरक दिन में 1 बार गर्म पानी के साथ खायें। इससे रोग में लाभ होता है।
►अदरक के रस में नमक मिलाकर रोजाना सुबह-शाम मलने से सूजन ठीक होती है।"
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