Monday, March 28, 2016

तेजपात के फायदे-Health Benefits of bay leaf in Hindi,

 

तेजपात को प्राचीन आयुर्वेद में एक औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। तेजपात खाने का स्वाद और महक दोनों को बढ़ाता है। क्या आप जानते हैं तेजपात के सेवन से कई तरह की बीमारियां ठीक हो सकती हैं। आयुर्वेद में तेजपात के उन रहस्यों को आपको बताया जाएगा जिससे आप आरोग्य और लंबी उम्र बनायेगा

तेजपात के फायदे Health Benefits of bay leaf in Hindi,

  • तेजपात के 4-5 पत्तों को एक गिलास पानी में इतने उबालें की पानी आधा रह जाए . इस पानी से प्रतिदिन सिर की मालिश करने के बाद नहाएं . इससे सिर में जुएं नहीं होती हैं महिलाओं के लिए एक उत्तम जूं नाशक है . 
  • चाय-पत्ती की जगह तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी-जुकाम,छींकें आना ,नाक बहना,जलन सिरदर्द आदि में शीघ्र लाभ मिलता है 
  • तेजपात के पत्तों का बारीक चूर्ण सुबह-शाम दांतों पर मलने से दांतों पर चमक आ जाती है . 
  • तेजपात के पत्रों को नियमित रूप से चूंसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है 
  • जिन लोगों को हकलाने की आदत हो वे तेजपात के पत्तों को रोज चूसें। इससे हकलाने की समस्या ठीक होती है। 
  • खांसी की समस्या से निजात पाने के लिए शहद के साथ 1 चम्मच तेजपात के चूर्ण को मिलाकर पीने से खांसी से राहत मिलती है। 
  • सिर दर्द, छीकों का अधिक आना, सर्दी जुकाम और पेट में जलन होने पर तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से ठीक हो जाते हैं। चाय की पत्ती की जगह तेजपात का चूर्ण डालें। 
  • दमा के रोगीयों के लिए तेजपात एक बेहतर दवाई है। मिश्री, अदरक, पीपल और तेजपात को बराबर की मात्रा में मिलाकर चटनी बना लें फिर डेली 1 चम्मच चटनी का सेवन करें। 
  • कमजोर आखों की कमजोरी को दूर करने के लिए और आंखों की सफाई के लिए तेजपात के चूर्ण का सुरमा लगा सकते हो। यह आंखों की दृष्टि को तेज भी बनाता है। 
  • पेट सबंधी बीमारियों को दूर करने के लिए आप तेजपात का काढ़ा बनाकर पीएं। इससे आंत और दस्त की परेशानी ठीक होती है 
  • उनी, रेशमी और सूती कपड़ों को कीड़ों से बचाने के लिए तेजपातों को कपड़ों के बीच में रख दें। 
  • जिन लोगों के पैर में बदबू की समस्या होती है वे तेजपात के चूर्ण को पैर के तलुवों पर मलें और फिर जुराबें पहनें 
  • तेजपात सेहत के लिए एक बेहतर औषधी है। तेजपात बीमारियों को दूर करने के साथ साथ खाने का स्वाद और महक को भी बढ़ाता 
  • दांतों की मजबूती और दांतो में कीड़े की समस्या से बचने के लिए सप्ताह में 3 से 4 दिन तेजपात के चूर्ण से दांतों का मंजन करें। 
  • यदि पेट में गैस की समस्या है तो 3 चुटकी तेजपात का चूर्ण को पानी के साथ सेवन करें। आपको राहत मिलेगी। साथ ही साथ यह पेट में जलन यानि एसीडिटी की दिक्कत को भी दूर करता है। 
  • मुंह की दुर्गन्ध को दूर करने के लिए तेजपात का टुकड़ा खाना खाने के बाद खाएं। यदि आपको हाथों के बगल में पसीना अधिक आता हो तो तेजपात के चूर्ण को पाउडर की तरह हाथों के बगलों में लगायें। 
  • नियमित अपने खाने में तेजपात का इस्तेमाल करने से आप कभी भी दिल की परेशानी से परेशान नहीं होगे। 
  • एक चम्मच तेजपात चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है . 
  • तेजपात के पत्तों का क्वाथ (काढ़ा) बनाकर पीने से पेट का फूलना व अतिसार आदि में लाभ होता है 
  • इसके २-४ ग्राम चूर्ण का सेवन करने से उबकाई मिटती है . 
  • दमा में ....तेजपात ,पीपल,अदरक, मिश्री सभी को बराबर मात्र में लेकर चटनी पीस लीजिए।१-१ चम्मच चटनी रोज खाएं ४० दिनों तक। फायदा सुनिश्चित है। 
  • दांतों के लिए ...सप्ताह में तीन दिन तेजपात के बारीक चूर्ण से मंजन कीजिए। दांत मजबूत होंगे, दांतों में कीड़ा नहीं लगेगा ,ठंडा गरम पानी नहीं लगेगा , दांत मोतियों की तरह चमकेंगे। 
  • दांतों की प्राकृतिक चमक पाने के लिए तेजपात का चूर्ण दांतों पर सुबह शाम मलना चाहिए। 
  • कपड़ों के बीच में तेजपात के पत्ते रख दीजिए ,ऊनी,सूती,रेशमी कपडे कीड़ों से बचे रहेंगे। अनाजों के बीच में 4-5 पत्ते डाल दीजिए तो अनाज में भी कीड़े नहीं लगेंगे। उनमें एक दिव्य सुगंध जरूर बस जायेगी। 
  • अनेक लोगों के मोजों से दुर्गन्ध आती है ,वे लोग तेजपात का चूर्ण पैर के तलुवों में मल कर मोज़े पहना करें। पर इसका मतलब ये नहीं कि आप महीनों तक मोज़े धुलें ही न। वैसे भी अंदरूनी कपडे और मोज़े तो रोज धुलने चाहिए। मुंह से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात का टुकड़ा चबाया करें। बगल के पसीने से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात का चूर्ण पावडर की तरह बगलों में लगाया करें। 
  • अगर अचानक आँखों कि रोशनी कुछ कम होने लगी है तो तेजपात के बारीक चूर्ण को सुरमे की तरह आँखों में लगाएं। इससे आँखों की सफाई हो जायेगी और नसों में ताजगी आ जायेगी जिससे आपकी दृष्टि तेज हो जायेगी। इस प्रयोग को लगातार करने से चश्मा भी उतर सकता है। 
  • पेट में गैस की वजह से तकलीफ महसूस हो रही हो तो ३-४ चुटकी या ४ मिली ग्राम तेजपात का चूर्ण पानी से निगल लीजिए। एसीडिटी की तकलीफ में इसका लगातार सेवन बहुत फायदा करता है और पेट को आराम मिलता है। 
  • तेजपात का अपने भोजन में लगातार प्रयोग कीजिए ,आपका ह्रदय मजबूत बना रहेगा ,कभी हृदय रोग नहीं होंगे। 
  • पागलपन के लिए ...एक एक ग्राम तेजपात का चूर्ण सुबह शाम रोगी को पानी या शहद से खिलाएं।या तेजपात के चूर्ण का हलुआ बनाकर खिलाएं। सूजी के हलवे में एक चम्मच तेजपात का चूर्ण डाल दीजिए। बन गया हलवा। 
  • तेजपात के टुकड़ों को जीभ के नीचे रखा रहने दें ,चूसते रहे। एक माह में हकलाना खत्म हो जाएगा। 
  • दिन में चार बार चाय में तेजपत्ता उबाल कर पीजिए ,जुकाम-जनित सभी कष्टों में आराम मिलेगा। या चाय में चायपत्ती की जगह तेजपत्ता डालिए। खूब उबालिए ,फिर दूध और चीनी डालिए। 
  • पेट की किसी भी बीमारी में तेजपत्ते का काढा बनाकर पीजिए। दस्त, आँतों के घाव, भूख न लगना सभी में आराम मिलेगा। 
  • . तेजपात के 5 पत्तों को पानी में उबालें और उस पानी से सिर की मालिश और बादमे नहा लें एैसा करने से बाल मजबूत तो बनते हैं साथ ही सिर में जुएं भी नहीं होते

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