Monday, March 21, 2016

वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर से जुड़े नियम - Vastu Tips for Kitchen in Hindi

 

वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर से जुड़े नियम - Vastu Tips for Kitchen in Hindi

रसोई घर को यदि घर का स्वास्थ्य मंत्रालय कहा जाये तो अनुचित नहीं होगा। क्योंकि यदि हम अपने घर में रसोईघर के वास्तु की अनदेखी करेंगेे तो न केवल गृहणी बल्कि घर केे अन्य सदस्य भी स्वस्थ नहीं रह पायेंगे। देखने में आता है कि वास्तु के विपरित बनायी गयी रसोई किचिन-एक्सीडेन्ट को तो बढ़ावा देती ही है साथ ही अनचाहे मेहमानों की संख्या में भी बढ़ोतरी करती है। प्रस्तुत हैं किचिन के लिये कुछ महत्वपूर्ण 

वास्तु जानकारियां

  • रसोई के लिये सबसे महत्वपूर्ण दिशा आग्नेय कोण (SE) मानी जाती है।
  • यदि किसी कारणवश घर के आग्नेय कोण में रसोई नहीं बन सके तो इसका निर्माण घर के नैरूत (SW) या वायव्ह (NW) हिस्से के आग्नेय भाग में किया जा सकता है। वैसे ये रसोईघर अतिथियों की संख्या में वृद्धि करती है।
  • गैस का चूल्हा या कुकिंग रेंज को रसोई घर के दक्षिण पूर्वी (SE) कोने में रखा जाना चाहिये।
  • किसी भी स्थिती में घर के ईशान (NE) हिस्से में चूल्हे का प्रबन्ध नहीें करना चाहिये। ऐसा करने से धन की हानि होती है व पुत्र संतान के बीमार होने की संभावना रहती है, यदि पुत्र संतान नहीं है तो उसके होने की संभावना समाप्त हो जाती है।
  • रसोई में खाना बनाते समय गृहणी का मुंह पूर्व (E) दिशा की ओर होना चाहिये।
  • बाहर के दरवाजे से चूल्हा नहीं दिखायी देना चाहिये।
  • पानी संग्रहित करने के उपकरण जैसे आर ओ, पानी फिल्टर, मटका, जग आदि का सही स्थान उत्तर-पूर्व (NE) होता है।
  • सिंक (बर्तन साफ करने का स्थान) का उचित स्थान दक्षिण (S) दिशा है।
  • बिजली से चलने वाले उपकरण रखने की दिशा दक्षिण-पूर्व (SE) या दक्षिण (S) दिशा उचित है।
  • फ्रिज पश्चिम (W), दक्षिण (S), या दक्षिण-पूर्व (SE) दिशा में रखना चाहिये। यदि इसे दक्षिण-पश्चिम (SW) दिशा में फ्रिज दीवार से 1-2 फुट हटाकर रखा जा सकता है।
  • खाने के लिये प्रयोग की जाने वाली सामग्री जैसे अनाज, दालें, चीनी आदि को रखने का स्थान दक्षिण (S) या पश्चिमी (W) दीवार पर बनाना चाहिये।
  • वास्तु के अनुसार रसोईघर के बराबर में शौचालय नहीं होना चाहिये।
  • रसोई का दरवाजा उत्तर-पूर्व (NE) या पश्चिम (W) दिशा में खुलना चाहिये।
  • एग्जास्ट फैन (Exhaust Fan) पूर्वी (E) या उत्तरी (N) दिशा की दीवार पर होना चाहिये।
  • जहां तक संभव हो रसोई घर में पूजा का स्थान नहीं होना चाहिये

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