अंगूठा चूसने की आदत,home remedies for thumb sucking baby
बच्चों के लिए अंगूठा चूसने की आदत अचानक से छोडऩा थोड़ा मुश्किल होता है। यह आदत सालों से विकसित हो रही होती है। हम यह नहीं सोच सकते कि यह पल भर में ही ख़त्म हो जायेगी।जब उसे ऐसा करने से रोका जाता है, तो वह रो-रोकर पूरे घर में कोहराम मचा देता है।
माता-पिता को बहुत ही समझदारी का परिचय देना होता है बच्चों को इस आदत से बचाकर निकालने के लिए। उन्हें सबसे पहले अपने बच्चे के अकेलेपन को दूर करने के लिए प्रयत्न करना होगा। बच्चों को यह आश्वासन देना होगा कि उनके माता-पिता उनके साथ हैं वे अकेले नहीं हैं। कैसी भी परिस्थिति हो उन्हें हमेशा इस बात का ध्यान रखना है कि अपने वे बच्चे को बेसहारेपन या अकेलेपन का दश नहीं देंगे। जब बच्चे का अकेलापन दूर होगा तो वह इस आदत से मुक्त हो सकेगा।
कई मां तो मजबूर होकर अपने बच्चे का अंगूठा खुद ही उसके मुंह में डाल देती हैं। बहरहाल, जो भी हो बच्चे की और ऐसी मांओं की यह आदत कतई अच्छी नहीं है। कोई-कोई बच्चा तो अपनी सारी उंगलियों को ही अपने मुंह में डाल लेता है, तो कोई अपनी हथेली को चूसता रहता है।
शिशु में कैसे छुड़ाएं अंगूठा चूसने की आदत क्या आप अपने शिशु को मुंह में अंगुठा दबाए चूसते हुए देख तनाव में आ जाती हैं, खैर, अब इसमें तनाव में आने की कोई जरुरत नहीं है।
ये बच्चे बहुत बड़ी आयु हो जाने पर भी इस आदत से मुक्ति पाने में सफल नहीं हो पाते। हाँ, तब किसी दूसरे के सामने होने पर उन्हें इस बात से शर्म वे महसूस करते हैं कि कोई देखेगा तो क्या कहेगा? उस समय वे लुक-छिपकर अंगूठा चूसते हैं पर आदत को छोड़ नहीं पाते।
क्योकि इसका सरल उपाय अब मिल चुका है, जिससे शिशु यह आदत पल भर में छोड़ देगा। अंगूठा चूसने वाली तो बच्चों की पुरानी और आम आदत है। ऐसा करने से एंडोफिन्स नामक द्रव का उत्पादन होता है जिससे शिशु का दिमाग शांत हो जाता है और उसे जल्द नींद आ जाती है।
कभी-कभी ऐसा करने से कोई समस्या पैदा नहीं होती पर लगातार अंगूठा चूसते रहने से नाखून की गंदगी पेट में जाने से शिशु बीमार हो सकता है। अगर आपको शिशु की अंगूठा चूसने की आदत छुड़ानी है
- गुस्सा दिखाने से बात नहीं बनेगी- बच्चे के सामने कभी भी गुस्सा या झुंझलाहट न दिखाएं। इससे बच्चे को क्रोध आएगा और वह इससे वह इस आदत को और भी अपना लेगा।
- सबसे बड़ा व महत्त्वपूर्ण कारण मुझे लगता है बच्चे का अकेलापन। घर के लोग जब बच्चे की ओर ले लापरवाह होते है तब वह अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए इस बुरी आदत का सहारा लेता है।
- उसे विचलित करें- मार्केट में कई प्रकार की चीज़े उपलब्ध हैं जिससे बच्चे की त्वचा और नाखून को बचाया जा सकता है। उसके मुंह में निप्पल या शुगर कैंडी डाल दें जिससे वह अपने अंगूठे को मुंह में न डाल सके। उसका ध्यान अंगूठे की ओर से हटा कर खिलौने, पज्जल या गाने की ओर आकर्षित करें।
- हमेशा वही करें जो शिशु को पसंद हो- जो भी आपका बच्चा करने को कहे उसे कभी भी नजरअंदाज न करें। बताया जाता है कि बच्चा तभी अंगूठा चूसता है, जब वह तनाव में आ जाता है। इसलिए उसकी कही हई बात को नकारे नहीं।
- थोड़ा स्मार्ट बने- प्राकृतिक तेल यानी की नीम या सरसों का तेल उसके अंगूठे पर लगा दें, जब उसे अपना अंगूठा कड़वा लगेगा, तो वह खुद ही अंगुठा चूसना बंद कर देगा। इस तरीके को कुछ दिनों तक चलाएं और फर्क देखें। उसको खुश रखें- जब भी वह अकेला महसूस करें, तो उसे कोई कार्य करेन को दे दें और जब वह उस कार्य में सफल हो जाए, तब उसे शाबाशी दें। इससे वह पुरस्कृत महसूस करेगा और अंगूठा चूसना बंद कर देगा।
- बच्चे के अंगूठे को उसके मुंह में देखें तो उसे दोनों हाथों से होने वाले कामों में व्यस्त रखें। वह काम हो सकते हैं सॉफ्ट टॉय को पकडऩा, किताब पढऩा या फिर पीएसपी पर मनपसंद गेम खेलना आप बच्चे के अंगूठे को बैंड ऐड, टेप या फिर ऊँगली वाले पपेट से बांधकर रखें तो बच्चे को अंगूठा चूसने में इतना मज़ा नहीं आएगा। सोते समय अगर आपका बच्चा अंगूठा चूस रहा है तो आप सॉक्स का इस्तमाल भी कर सकते हैं।
- अंगूठे पर नीम्बू का रस लगा देंरू बच्चे अक्सर नीम्बू का रास पसंद नहीं करते। अगर आप उसके अंगूठे पर ढेर सारा नीम्बू का रस लगा देती हैं तो हो सकता है कि आप लकी हों।
- बच्चे के अंगूठे में नीम की पत्तियों को या चिरायता को पीसकर लगा दें। वह जब भी अंगूठे को चूसने की कोशिश करेगा, उसे कड़वा लगेगा और फिर धीरे-धीरे चूसना छोड़ देगा। कड़वा लगने पर वह रो भी सकता है, लेकिन आप अपने हृदय को कठोर बनाये रखें।
- बच्चे के अंगूठे पर फेमाइट [एक बदबूदार पाउडर] का लेप लगा दें। काले नमक को पीसकर इसका लेप भी लगा सकते हैं।बच्चों को बार-बार खाने की वस्तुएं जैसे फल, तरबूज का रस, गाय का दूध आदि पोषक, आहार के रूप में दें।बाजार में शहद से भरे निप्पल मिलते हैं।
- बच्चे की आदत को छुड़ाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा इनका इस्तेमाल न करें।थंब गार्ड का इस्तमाल करेंरू यह प्लास्टिक का ढांचा होता है जो अंगूठे में फिट हो जाता है और यह अंगूठा चूसने की आदत को काफी हद तक सीमित रखता है। पर इसे ज़बरदस्ती अपने बच्चे पर इस्तमाल करने से उसके मन पर बुरा असर भी पड़ सकता है। इसलिए सावधान रहे।
- ऐसा तो हो नहीं सकता कि उनकी इस लुका-छुपी की आदत का किसी को पता न चले। जब घर के या बाहर के लोग उनका मजाक उड़ाते हैं तो उन्हें शर्मिन्दगी का सामना करना पड़ता है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का तो दूसरे बच्चे हर समय मजाक बनाते हैं चाहे वे स्कूल में हों या खेल के मैदान में हों।यह तो चर्चा हुई बच्चों की समस्या की। अब हमें विचार यह करना है कि इस समस्या से इन मासूमों को छुटकारा कैसे दिलाया जाए
- बच्चा का जब माता-पिता के साथ अपनापा जुड़ता है तो वह उनके करीब हो जाता है। उनके साथ जब वह अपनी परेशानियों को बाँटने लगता है तब उसका डर और अकेलापन सब गायब हो जाते हैं। उस समय वह भी स्वयं को दूसरे बच्चों की तरह सौभाग्यशाली समझने लगता है।
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