प्रिय दोस्तों शराब कभी मत पीना यह काफी हानिकारक है आइए जानते है इसके नुकसान के बारे में
- यह अरबी का शब्द है जिसका अर्थ शर-माने, बुराई तथा आब माने पानी अर्थात् वह पानी जो बुराईयों की जड़ है। महात्मा गांधी ने शराब को सभी पापों की जननी कहा है शराब सीधे व्यक्ति के मस्तिष्क पर प्रहार कर सोचने समझने की शक्ति को नष्ट कर देती है सोचने की शक्ति, मस्तिष्क पर नियंत्रण हटते ही शराबी व्यक्ति अच्छे-बुरे, पाप-पुण्य का भेद भूल जाता है तथा विवेकहीन होकर प्रथम अपनी बुद्धि फिर चरित्र नष्ट करता है। महात्मा गांधी आगे कहते हैं
- शराब शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आर्थिक दृष्टि से मनुष्य को बर्बाद कर देती है। शराब के नशे में मनुष्य दुराचारी बन जाता है वही चेहरा जो शराब पीने से पहले प्यारा, आकर्षक, प्रसन्न, विचारशील लगता था वही चेहरा शराब पीने के बाद घृणास्पद, निकृष्ट, राक्षसों के समान खूंखार, असन्तुलित, अनियंत्रित और वासनात्मक भूखे भेडि़ये के समान लगता है।
- शराबी का न शरीर पर नियन्त्रण है, न वाणी पर, न दृष्टि पर नियंत्रण है न विचारों पर कोई नियंत्रण है। शराब के साथ व्यक्ति मांस, जुआ तथा वैश्यावृति में फंस जाता है। यदि हम सड़क दुर्घटना मैं होने वाली 1 लाख 28 हजार 914 व्यक्ति जो पिछले वर्ष (2009) में सड़क दुर्घटनाओं मरें, उन पर रिसर्च किया गया तो पाया गया कि उनमें से 70 प्रतिशत दुर्घटनायें चालक की भूल या लापरवाही के कारण होती हैं चालक की लापरवाही से होने वाली भूलों में एक बड़ी संख्या उनकी है जो किसी न किसी नशे के कारण गाड़ी चला कर दुर्घटना करते हैं।
- हत्याओं तथा अपराधों जिसमें चोरी, डकैती, छीना-झपटी, मारपीट, छेड़-छाड़ व बलात्कार आदि के सभी मामलों में 50 प्रतिशत से अधिक मामलों का मूल कारण शराब पाई गई है अधिकांश अपराध् शराब के नशे मैं किये जाते हैं। शराब माफिया मिलावटी, जहरीली शराब के कारण हजारों व्यक्ति प्रतिवर्ष काल के ग्रास बनते हैं।
- शराब से जितने राजस्व की प्राप्ति होती हे उससे अधिक धन खर्च तो शराब के कारण होने वाले अपराध की जांच, अपराधियों के रखरखाव शराब के कारण होने वाले दंगे-फसाद, लड़ाई-झगड़े, बलात्कार की रोकथाम, दुर्घनाओं की रोकथाम, कानून व्यवस्था, बनाये रखना, कार्य क्षमता की हानि, कार्य दिवसों की कमी के कारण सकल घरेलू उत्पाद में होने वाली कमी, जेल व्यवस्था व शराब के कारण होने वाली बिमारियों की रोकथाम पर खर्च हो जाता है।
- शराब के रोगियों में 27 प्रतिशत मस्तिष्क रोगों से, 23 प्रतिशत पाचन-तन्त्र के रोगों से, 26 प्रतिशत फेफड़ों के रोगों से ग्रसित रहते हैं। भारत के पागलखानों में 60 प्रतिशत् वो लोग हैं जो मादक पदार्थों के कारण पागल हुये।
अगर किसी शख्स में नीचे दिए गए लक्षण नजर आते हैं तो उसे शराब की लत हो सकती है। ये लक्षण व्यक्ति विशेष में अलग-अलग पाए जाते हैं।
- घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, अति उत्सुकता।
- गुस्सा आना, मूड में अचानक बदलाव।
- तनाव, मानसिक थकावट।
- फैसला लेने में कठिनाई।
- याददाश्त कमजोर पड़ना।
- नींद न आना।
- सिर में तेज दर्द होना।
- ज्यादा पसीना निकलना, खासकर हथेलियों और पैर के तलवे से।
- जी मिचलाना और भूख कम लगना।
- शरीर थरथराना और पलक झपकते रहना।
- शरीर में ऐंठन और मरोड़ होना।
शराब की हानियां,Alcohol Rehab help,Drug Rehabilitation,
- पाचन तंत्र पर प्रभाव – शराब से पाचन-क्रिया मन्द हो जाती है इससे अमाशय में सूजन आती है तथा कब्ज होती है अमाशय में लगातार सूजन होने से वह अल्सर में बदल जाती है।
- लीवर पर प्रभाव – इससे लीवर पर सूजन/फैट्टी लीवर हो जाता है या लीवर सिकुड़कर ऐंठ जाता है अधिक शराबियों का लीवर बढ़ जाता है तथा लीवर सिरोसिस या हैपेटाईटिस-सी नामक रोग होकर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
- गुर्दे पर प्रभाव – शराब से गुर्दों की कोशिकायें मृत (डैड ) होने लगती है। वे रक्त को शुद्ध करना बन्द कर देती है, गुर्दे सिकुड़कर छोटे हो जाते हैं।
- हार्ट पर प्रभाव – शराब से हार्ट की नस-नाडि़यां सख्त हो जाती हैं, नाडि़यां फैल जाती है उनके अन्दर ब्लोकेज आती है जिससे पहले स्थाई ब्लड़-प्रेशर तथा बाद में कभी हार्ट अटैक हो सकता है। यह मिथ्या धरणा है कि थोड़ी मात्रा में शराब हार्ट के रोगियों के लिए लाभदायक है।
- मस्तिष्क पर दुष्प्रभाव – मस्तिष्क में भ्रम की स्थिति पैदा होती है निर्णय क्षमता खत्म होकर वाणी पर, व्यवहार पर, आचरण पर मस्तिष्क का नियन्त्राण समाप्त हो जाता है।
- शरीर पर अन्य प्रभाव – शराब पीने से कैंसर पैदा होने की सम्भावना कई गुणा बढ़ जाती है। असमय बुढ़ापा आता है, चेहरे पर झुर्रियां आती है। शराबी व्यक्ति का मस्तिष्क पर नियंत्रण न होने से वह आत्म-हत्या भी कर लेता है।
- पहला अधिक सेवन से शराब का आदि बना देता हैं. ज़ुबान बेलगाम हो जाती ,बोलने वाले की ज़ुबान खुल जाती जिसे से अनाप-सनाप बकवास , असभ्यता, उद्देश्य हिन् उत्तेजना, अप शब्द , गाली , गंदी भाषाओं का बोलना ,चोरी ,अपराध करने की प्रवृत्ति ,आदतन अपराधी ,निकम्मापन,आलसी ,गन्दा रहना ,नियमित शराब पीने से चेहरा फूला हुआ ,त्वचा सुखी सुखी ,होने के बाद सूजन और चेहरे पर पानी का प्रति धारण दीखता हैं.
- किसी किसी में मोटापा बढ़ाना शुरू हो जाता हैं.किसी को स्त्रियों में पेट नासपाती या पुरुषों में पेट आलू की शक्ल का मोटा हो जाता हैं.लीवर के उपर सूजन बढ़ जाती हैं.जिस से पेट फूला हुआ दीखता हैं. वसा की मात्रा बढ़ जाती हैं.डायबिटीज़ होने की सम्भावना बढ़ जाती हैं.
शराब छुड़ाने के तरीके ,Alcohol Rehab help,
शराब छुड़ाना मुश्किल काम है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दुनिया में कोई चिकित्सा पद्धति ऐसी नहीं है, जो शराब की लत से मुक्ति दिला सके। शराब की वजह से होने वाली बीमारियों का इलाज हो सकता है। विभिन्न पद्धतियों में उपचार के साथ-साथ परामर्श और अल्कॉहॉलिक्स एनॉनिमस की मीटिंग शराब से मुक्ति दिलाने में कारगर साबित हो रही हैं।
- आयुर्वेद ऐल्कॉहॉल से लिवर में सूजन, पेट और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं। आयुर्वेद में इन बीमारियों को दूर करने की दवा दी जाती है और साथ-साथ शराब का विकल्प दिया जाता है जिसमें ऐल्कॉहॉल की मात्रा काफी कम हो।
- ऐलोवेरा लिवर के लिए फायदेमंद है, जबकि अश्वगंधा तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को पुष्ट बनाता है। इसके अलावा जटामांसी भी दिया जाता है। सार्थक चूर्ण, ब्राह्मी घृतम आदि शरीर से शराब के जहर को कम करते हैं।
- इसके अलावा शंखपुष्पी, कुटकी, आरोग्य वर्धनी आदि दिए जाते हैं। शराब के विकल्प के रूप में सुरा का सेवन कराया जाता है। शराब के बदले मृतसंजीवनी सुरा 30-40 एमएल दी जाती है।
- इसके बाद धीरे-धीरे इसे कम किया जाता है। इसके साथ ही, ऐसे रोगियों को परामर्श केंद्र भेजा जाता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों की सलाह है कि डॉक्टर या वैद्य की सलाह से ही इन औषधियों का इस्तेमाल करें।
- संतरा और नीबू के रस तथा सेव, केला आदि के सेवन से ऐल्कॉहॉल की वजह से शरीर में जमा जहर कम हो जाता है।
- खजूर काफी फायदेमंद रहता है। 3-4 खजूर को आधे गिलास पानी में रगड़कर देने से शराब की आदत छोड़ने में मदद मिलती है।
- धूम्रपान करना बिल्कुल बंद कर दें। धूम्रपान से ऐल्कॉहॉल लेने की इच्छा प्रबल होने लगती है।
- आधा गिलास पानी और समान मात्रा में अजवाइन से बने रस को मिलाकर रोजाना एक महीने तक पीने से काफी फायदा मिलता है।
- शराब के नशे की आदत को छुड़ाने के निम्न चिकित्सा प्रयोग करने से नशा करने की आदत छूट जाती है।
- सर्वकल्प क्वाथ – 300 ग्राम 1 से 2 चम्मच काढ़ा क्वाथ- सुबह सायं खाली पेट।
- उदयमृन वटी – 60 ग्राम शिलाजीत रसायन वटी-40 ग्राम 1-1 गोली खाना खाने के बाद।
- अजवायन (5-10 ग्राम) 1 गिलास पानी में काढ़ा बनाकर प्रथम सप्ताह- 4-4 घण्टे में रोगी को पिलाएं। बाद में 6 घण्टे में पिलाये तो नशा करने की आदत छूट जाती है।
- धनिया (40 ग्राम) का काढ़ा -सुबह / दोपहर/शाम बनाकर पीने से शराब पीने की इच्छा कम हो जाती है।
शराब का नशा उतारने के लिए,alcohol treatment
- शराब का नशा उतारने के लिए एक नींबू एक कप पानी में निचोड़ कर कई बार पिलाएं।
- सेब का रस निकालकर, कई बार पिलायें।
- अनार की 40 पत्ती पीसकर-200 मिली. ग्रा. पानी में घोलकर पिलाएं।
- फिटकरी भस्म-3 से 6 ग्राम पानी मे घोलकर पिलाएं।
- मिश्री 25 ग्राम को 25 ग्राम घी में मिलाकर चटाएं।
- मिश्री व धनिया पावडर समान मात्रा में मिलाकर खिलाएं यह प्रयोग शराब के नशे को दूर करता है।
No comments:
Write comments