Thursday, November 03, 2016

Alzheimer Disease In Hindi,अल्ज़ाइमर रोग क्या है (What is Alzheimer’s Disease)

 

अल्जाइमर रोग(अंग्रेज़ी:Alzheimer's Disease) रोग 'भूलने का रोग' है। इसका नाम अलोइस अल्जाइमर पर रखा गया है, जिन्होंने सबसे पहले इसका विवरण दिया। इस बीमारी के लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना, बोलने में दिक्कत आना तथा फिर इसकी वजह से सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं की गंभीर स्थिति आदि शामिल हैं। रक्तचाप, मधुमेह, आधुनिक जीवनशैली और सर में कई बार चोट लग जाने से इस बीमारी के होने की आशंका बढ़ जाती है। अमूमन 60 वर्ष की उम्र के आसपास होने वाली इस बीमारी का फिलहाल कोई स्थायी इलाज नहीं है।
    • हालांकि बीमारी के शुरूआती दौर में नियमित जांच और इलाज से इस पर काबू पाया जा सकता है। मस्तिष्क के स्त्रायुओं के क्षरण से रोगियों की बौद्धिक क्षमता और व्यावहारिक लक्षणों पर भी असर पड़ता है।
    • हम जैसे-जैसे बूढ़े होते हैं, हमारी सोचने और याद करने की क्षमता भी कमजोर होती है। लेकिन इसका गंभीर होना और हमारे दिमाग के काम करने की क्षमता में गंभीर बदलाव उम्र बढ़ने का सामान्य लक्षण नहीं है।
    • यह इस बात का संकेत है कि हमारे दिमाग की कोशिकाएं मर रही हैं। दिमाग में एक सौ अरब कोशिकाएं (न्यूरान) होती हैं। हरेक कोशिका बहुत सारी अन्य कोशिकाओं से संवाद कर एक नेटवर्क बनाती हैं। इस नेटवर्क का काम विशेष होता है। कुछ सोचती हैं, सीखती हैं और याद रखती हैं। अन्य कोशिकाएं हमें देखने, सुनने, सूंघने आदि में मदद करती हैं। इसके अलावा अन्य कोशिकाएं हमारी मांसपेशियों को चलने का निर्देश देती हैं।
    • अपना काम करने के लिए दिमाग की कोशिकाएं लघु उद्योग की तरह काम करती हैं। वे सप्लाई लेती हैं, ऊर्जा पैदा करती हैं, अंगों का निर्माण करती हैं और बेकार चीजों को बाहर निकालती हैं। कोशिकाएं सूचनाओं को जमा करती हैं और फिर उनका प्रसंस्करण भी करती हैं। शरीर को चलते रहने के लिए समन्वय के साथ बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन और ईंधन की जरूरत होती है।
    • अल्जाइमर रोग में कोशिकाओं की उद्योग का हिस्सा काम करना बंद कर देता है, जिससे दूसरे कामों पर भी असर पड़ता है। जैसे-जैसे नुकसान बढ़ता है, कोशिकाओं में काम करने की ताकत कम होती जाती है और अंततः वे मर जाती हैं।

      अल्ज़ाइमर रोग के कारक

      अल्ज़ाइमर रोग किसी को भी हो सकता है। इस का कोई स्पष्ट कारक नहीं मालूम है। उम्र के साथ-साथ अल्ज़ाइमर रोग की संभावना बहुत बढ़ती है उम्र बढ़ने को इस रोग का सबसे प्रमुख कारक माना जाता है

      यदि परिवार में किसी को अल्ज़ाइमर है, तो बच्चों में अल्ज़ाइमर की संभावना ज्यादा होती है। इस आनुवंशिकता को ठीक से समझने के लिए अभी रिसर्च चल रहा है।

       अल्ज़ाइमर रोग के लक्षण

      • यह बढ़नेवाला और खतरनाक दिमागी रोग है।
      • अल्जाइमर से दिमाग की कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं, जिसके कारण याददाश्त, सोचने की शक्ति और अन्य व्यवहार बदलने लगते हैं। इसका असर सामाजिक जीवन पर पड़ता है।
      • समय बीतने के साथ यह बीमारी बढ़ती है और खतरनाक हो जाती है।
      • यह याददाश्त खोने (डीमेंसिया) का सबसे सामान्य रूप है। अन्य बौद्धिक गतिविधियां भी कम होने लगती हैं, जिससे प्रतिदिन के जीवन पर असर पड़ता है।
      •  जगह और समय क्या है, यह ठीक से मालूम नहीं होना (disorientation) भटकने की समस्या आम है (wandering)
      • साधारण रोज-रोज के काम करने में दिक्कत होना, काम बहुत धीरे-धीर करना या उन में मदद की जरूरत होना (problems in daily activities)
      • ध्यान लगाने में दिक्कत (inability to concentrate)नई चीजें न सीख पाना (problems learning new things)अपनी बात बताने में दिक्कत, और दूसरों की बातें समझने में दिक्कत, भाषा की दिक्कत, लिखने में दिक्कत (communication/ language/ writing  problems)
      • चीजें पहचानने में दिक्कत, चित्रों को पहचान ना पाना, दूरी का अंदाजा ठीक से नहीं लगा पाना (problems related to seeing and recognizing)
      • सोचने में और तर्क करने में दिक्कत, हिसाब करने में दिक्कत, समस्याएँ ना सुलझा पाना,  निर्णय लेने में दिक्कत (problems in thinking and reasoning, difficulties in calculations, decision-making and problem solving)
      • व्यक्तित्व और मूड में बदलाव, जैसे कि दूसरों से दूर रहने लगना, चिड़चिड़ा होना  (personality and mood changes, withdrawal)
        भ्रम होना (delusions)

      अल्ज़ाइमर रोग से बचाव:

      • अल्ज़ाइमर से बचने का कोई पक्का तरीका अब तक मालूम नहीं है। इस पर जोर-शोर से शोध चल रहा है।
      • अब तक की समझ के हिसाब से कुछ चीजें जिन्हें अपनाने से इसकी संभावना कम होगी 
      • स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, जैसे कि नियमित व्यायाम और पौष्टिक भोजन (हृदय स्वास्थ्य में इस्तेमाल तरीके अल्ज़ाइमर रोग से बचाव के लिए भी अपना सकते हैं) (adopt a healthy lifestyle, such as regular exercise, nutritious food, and choose heart-healthy options)
      • सक्रिय और सकारात्मक जीवन बिताना, अर्थपूर्ण कम करना (lead an active and positive life, do meaningful activities)
      • अवसाद/ डिप्रेसन से बचना (avoid depression)ऐसे काम करना जिन से मस्तिष्क सक्रिय रहे (keep the brain active)
      • लोगों से मिलना-जुलना, सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना (maintain social relationships and activities)
      • कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से खास तौर बचना, जैसे कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रोल, और हृदय रोग। यह हों तो इन को नियंत्रण में रखना (prevent problems like diabetes, high BP, high cholestrol, and heart disease, or keep them under control)
        तंबाकू सेवन बंद करना, मद्यपान सीमित रखना (stop tobacco consumption, limit alcohol intake)

      याददाश्त कमजोर होने पर ये खाएं-

      • बादाम और ड्राई फ्रूट तो दिमाग तेज करने और याददाश्त बढ़ाने के लिए रामबाण हैं ही इसके अलावा भी कई और सुपरफूड हैं जो आपकी याददाश्त तेज कर सकते हैं.
      • दिमाग को सक्रिय बनाए रखने के लिए एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी खाएं. विटामिन ई से भरपूर स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी खाने से ना सिर्फ तनाव कम होगा बल्कि मानसिक समस्‍याओं से भी निजात मिलेगी.
      • हरी फूलगोभी यानी ब्रोकली का सेवन करने से दिमाग तेज होता है. दरअसल, ब्रोकली में मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और फास्फोरस अच्‍छी मात्रा में पाया जाता है जिससे दिमाग तो तेज होता ही है हड्डियां भी मजबूत होती हैं.
      • एक रिसर्च के मुताबिक, यदि बढ़ती उम्र में लोग अपना काम खुद करते हैं तो उन्हें अल्जाइमर रोग होने का खतरा कम होता है. अपने खुद के काम करने से दिमाग सक्रिय होता है और स्मरणशक्ति तेज रहती है.
      • अल्जाइमर के दौरान दिमाग में बढ़ने वाले जहरीले बीटा-एमिलॉयड नामक प्रोटीन के प्रभाव को ग्रीन टी के सेवन से कम किया जा सकता है.
      • अन्य चीजें- हरी पत्तेदार सब्जियां, बींस, साबुत अनाज, मछली, जैतून का तेल और एक गिलास वाइन अल्जाइमर रोग से लड़ने में मदद करती हैं.

      अल्जाइमर रोग के दौरान क्या ना खाएं-

      • अल्जाइमर रोग से बचने के लिए अतिरिक्त कॉपर को डायट में कम कर देना चाहिए. अगर कॉपर डायट में अधिक होगा तो अल्जाइमर रोग का खतरा बढ़ जाता है. 
      • ऐसे में कॉपरयुक्त खाद्य पदार्थों का बहुत सेवन ना करें जैसे- तिल, काजू, सूखे टमाटर, कद्दू, तुलसी, मक्खन, चीज़, फ्राइड फूड, जंकफूड, रेड मीट, पेस्ट्रीज और मीठे का सेवन करने से बचें.
      • याददाश्त बढ़ाने के लिए योग- रोजाना व्यायाम और योग करके अल्जाइमर रोग के प्रभाव को कम किया जा सकता है.
      • मेडिटेशन करने से भूलने की समस्या को कम किया जा सकता है.
      • याददाश्त तेज करने के लिए सर्वांगासन करें.
      • दिमाग तेज करना हो और याददाश्त बनाए रखनी हो तो भुजंगासन करें.
      • एकाग्रता बढ़ाने और दिमाग में रक्त का अच्छी तरह से प्रवाह करने के लिए कपालभाति प्राणायाम करें.

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