Saturday, May 13, 2017

ब्रेस्ट पेन,स्तनों में दर्द ,Breast Pain in Hindi, Stano Mai Dard Ke Uapay

 

महिलाओं में कई तरह की प्रतिक्रिया होती हैं जिनकी वजह से उन्हे कई बार दर्द का सामना भी करना पड़ता है ऐसे मे जब उन्हे मासिक धर्म आने पर रहता है तो उनके स्तन में दर्द होने लगता है। और इस प्रकार के दर्द को साइक्लिकल मास्टालजिया कहते हैं। यह दर्द आमतौर पर स्तनों के ऊपर या फिर बाहरी क्षेत्र में उठता है। ऐसे समय स्तनों मे सूजन के साथ कड़कपन भी देखने को मिलता है।
महिलाओं को अक्सर ब्रेस्ट में दर्द की शिकायत रहती है. कई बार ये किसी गंभीर बीमारी की वजह से भी हो सकता है. ऐसा भी होता है कि पीरियड्स के दौरान या किसी और वजह से हार्मोन्स में बदलाव हो तो ब्रेस्ट में दर्द होने लगता है. अगर आप चाहें तो इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर इस दर्द से मुक्ति पा सकती हैं.

स्तनों में दर्द होने का कारण

  • दुगध नलिकओ मे बदलओ - दुगध नलिकओ मे बदलओ के कारण भी स्तन मे दर्द होता है !faty acid मे असन्तुलन के कारण - शरीर मे कोशिकओ मे जो faty acid होता है उसके असन्तुलन के कारण भी स्तन मे दर्द की समस्या होती है
  • मानसिक तनाव के कारण - महिलाओ मे मानसिक तनाव के कारण भी स्तन दर्द होता है
  • सर्जरी - कभी स्तनो मे गाठ या किसी और वजह से कराइ गई सर्जरी की वजह से भी स्तन मे दर्द होता है 
  • पसलियो मे किसी समस्या की वजह से - पसलियो मे फेक्चर या किसी और समस्या की वजह से भी स्तन मे दर्द की शिकायत होती है
  • हर्मोन्स परिवर्तन ,महिलाओ मे जब किशोरा अवस्था आती है तो हर्मोन्स परिवर्तित होते है ! हर्मोन्स परिवर्तन होता है तो स्तन मे दर्द होता है !
  •  माहावरी के कारण - माहवरी के कारण भी स्तन मे दर्द होता है ! जब माहवरी आती है उसके 1-2 सप्ताह पहले से स्तन मे दर्द शुरू हो जाता है और माहवरी आने पर बंद हो जाता है !
  • स्तनो का आकार बडा होने के कारण - जिन महिलाओ के स्तनो का आकार बडा होता है उनमे अक्सर स्तन मे दर्द की शिकायत होती है 
  • दवाओ के सेवन के कारण - जो माहिलये बांजपन की दवाइ या गर्भ निरोधक दवाइयो का सेवन करती है उनमे भी अक्सर स्तन दर्द की शिकायत होती है

स्तनों में दर्द का उपचार

  • आइस पैक-ब्रेस्ट पेन से छुटकारा पाने के लिए आप आइस पैक का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस आइस पैक से ब्रेस्ट का दर्द कम होने के साथ ही सूजन भी कम हो जाएगी. ऐसा दिन में दो से तीन बार करने से जल्दी फायदा होगा.
  • एप्‍पल साइडर वेनिगर 1 या 2 चम्‍मच एप्‍पल साइडर वेनिगर एक गिलास गरम पानी में मिक्‍स करें। फिर उसमें थोड़ी सी शुद्ध शहद मिक्‍स करें। इसे दिन में रोजाना दो बार पियें। यह आपके हार्मोन को बैलेंस करेगा और सूजन को कम करेगा।
  • मसाज-ब्रेस्ट मसाज करना भी एक अच्छा उपाय है. इससे जहां ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है वहीं ऊतकों को
  • भी फायदा हेाता है. नहाने के दौरान आप किसी अच्छे साबुन या लिक्विड सोप से ब्रेस्ट मसाज कर सकती हैं. इसके अलावा हल्के गर्म ऑलिव ऑयल में कुछ मात्रा कपूर की मिलाकर मसाज करने से भी फायदा होगा
  •  रेंड़ी का तेल-चम्‍मच रेंड़ी के तेल को 2 चम्‍मच जैतून तेल के साथ मिक्‍स कर के ब्रेस्‍ट की मसाज करें। इसे पीरियड्स आने के एक हफ्ते पहले से प्रयोग करें। इस तेल से ब्रेस्‍ट की सूजन कम होगी और उस तक ढेर सारे पोषण पहुंचेगें
  • कैस्टर ऑयल से करें मसाज-कैस्टर ऑयल में रिसिनोलेइक एसिड पाया जाता है, जो ब्रेस्ट पेन दूर
  • करने में बहुत असरदायक है. केवल कैस्टर ऑयल से मसाज नहीं करनी चाहिए. एक चम्मच कैस्टर
  • ऑयल के साथ दो चम्मच कोई भी साधारण तेल मिलाकर मसाज करने से जल्दी फायदा होता है.
  • विटामिन ई का सेवन करें-विटामिन ई और विटामिन बी-6 के सेवन से भी ब्रेस्ट पेन में आराम मिलता है. घर में ऐसी कई चीजें होती है जिनमें विटामिन ई प्रचुर मात्रा में मिलता है. आप चाहें तो विटामिन ई
  • की कैप्सूल भी ले सकती हैं.
  • मैग्निशियम-पीरियड्स के दौरान ब्रेस्ट की मांस-पेशियों में खिंचाव आ जाता है. इस वजह से ब्रेस्ट पेन होता है. ऐसे समय में मैग्निशियम का सेवन आपको इस दर्द से दूर रख सकता है. हरी पत्तियों, बीजों, केले और डार्क चॉकलेट में ये भरपूर मात्रा में मौजूद होता है.
  • सही ब्रा का चुनाव करना बेहद जरूरी है. हो सके तो वायर वाली ब्रा पहनने से परहेज करें व्यायाम करने के दौरान स्पोर्ट्स ब्रा ही पहनें. कैफीन का सीमित इस्तेमाल करें. जितना अधिक हो सके अपने भोजन में फाइबर की मात्रा लें.
  • अधिक से अधिक पानी पिएं. अपने ब्रेस्ट को नजरअंदाज न करें. महीने में दो से तीन बार इसका परीक्षण करें.
  •  साइकलिकल मैस्टेल्जिया (हार्मोनल बदलाव की वजह से स्तन में दर्द) की शिकार हैं। करीब 60 से 70 फीसदी महिलाएं अपने जीवन में अलग-अलग समय पर स्तन में किसी न किसी तरह के दर्द से जूझती हैं। जहां तक स्तन कैंसर की आपकी चिंता है, 
  • आपको मासिक धर्म खत्म होने के बाद अपने स्तनों की जांच करनी चाहिए कि कहीं उनमें कोई गांठ तो नहीं है या किसी प्रकार का बदलाव तो नहीं दिख रहा, जैसे त्वचा में लाली, निप्पल मुडऩा वगैरह। साथ ही, आपको ब्रैस्ट एक्सपर्ट से भी सलाह लेनी चाहिए जो आपके स्तनों की जांच कर यह तय करेंगे कि कहीं कोई गंभीर समस्या तो नहीं है। 
  • यदि आप मोटापे की शिकार हैं तो वज़न कम करने और ब्रैस्ट को सपोर्ट करने वाली ब्रा पहनने से दर्द कम हो सकता है। इसी तरह, एक्सपर्ट की सलाह से दवाएं जैसे लोकल जैल आदि प्रयोग करने से भी आराम मिल सकता है।

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