Wednesday, May 24, 2017

लो ब्लड प्रेशर का उपचार,Low Blood Pressure Treatment in Hindi

 

निम्न रक्तचाप Low Blood Pressure : 40-50 वर्ष की आयु को पार करते-करते अधिकांश स्त्री-पुरुष रक्तचाप से पीड़ित दिखाई देते है। कुछ स्त्री-पुरुष को उच्च रक्तचाप होता है तो कुछ को निम्न रक्तचाप से पीड़ित होते है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार निम्न रक्तचाप के कारण भी रोगी को बहुत अधिक हानि होने की संभावना बनी रहती है।

रक्ताल्पता की विकृति के कारण अधिक निम्न रक्तचाप की विकृति होती है। शारीरिक निर्बलता किसी भी कारण से हो निम्न रक्तचाप की उत्पत्ति होती है। भोजन में पौष्टिक तत्त्वों के अभाव से निर्बलता के साथ निम्न रक्तचाप भी होता है। शारीरिक निर्बलता किसी दुर्घटना में अधिक रक्त निकल जाने के कारण भी हो सकती है। अधिक मानसिक तनाव में रहने वाले स्त्री-पुरुष भी निम्न रक्तचाप के शिकार हो सकते है। अधिक समय तक क्षय रोग, मधुमेह, आंत्रिक ज्वर, अतिसार, आंत्रों में कृमि होने के कारण भी निम्न रक्तचाप की उत्पत्ति होती है। स्त्रियां गर्भावस्था में पौष्टिक आहार नहीं लेने के कारण निम्न रक्तचाप से पीड़ित होती है।

दरअसल निम्न रक्तचाप में रक्त का प्रवाह बहुत धीमा पड़ जाता है अर्थात् ऊ पर का रक्तचाप सामान्य से घटकर 90 अथवा 100 रह जाए तथा नीचे का रक्चाप 80 से घटकर 60 रह जाए, ऐसी स्थिति को निम्न रक्तचाप कहते है। दौर्बल्य, उपवास, भोजन तथा जल की कमी, अधिक शारीरिक तथा मानसिक परिश्रम, मानसिक आघात तथा अधिक रक्त बहने की दशा में यह रोग हो जाता है।

Low Blood Pressure के प्रमुख कारण

  • अधिक मानसिक चिंतन।
  • अधिक शोक।
  • अधिक क्रोध।
  • आहार का असंतुलन होना।
  • बहुत अधिक मोटापा।
  • पानी या खून की कमी।
  • उलटियां, डेंगू-मलेरिया, हार्ट प्रॉब्लम, सदमे, इन्फेक्शन, ज्यादा मोशन आने।
  • अचानक सदमा लगना, कोई भयावह दृश्य देखने या खबर सुनने से भी लो बीपी हो सकता है।

Low Blood Pressure के प्रमुख लक्षण

  • चेहरे पर फीकापन।
  • आंखों का लाल हो जाना।
  • नाड़ी की गति धीमी होना।
  • प्यास लगना और तेज रफ्तार से आधी-अधूरी सांसें आना।
  • निराशा या डिप्रेशन
  • धुंधला दिखाई देना
  • थकान, कमजोरी, चक्कर आना
  • निम्न रक्तचाप में शारीरिक निर्बलता का अधिक अनुभव होता है।
  • रक्त की अत्यधिक कमी के कारण निम्न रक्तचाप की उत्पत्ति होती है, इसलिए रोगी चलने-फिरने में बहुत कठिनाई अनुभव करता है।
  • सीढ़ियां चढ़ने में बहुत परेशानी होती है।
  • हृदय जोरों से धड़कता है और सारा शरीर पसीने से भीग जाता है।
  • पुरुषों में नपुंसकता के लक्षण उत्पन्न होते है। जबकि स्त्रियों में काम-इच्छा की उत्पत्ति नहीं होती है। ऐसे में स्त्री-पुरुष का यौन आनंद नष्ट हो जाता है।
  • निम्न रक्तचाप के कारण रोगी को भूख नहीं लगती, क्योंकि भोजन के प्रति अरुचि हो जाती है।
  • स्वादिष्ट पकवानों की सुगंध भी रोगी को आकर्षित नहीं कर पाती। भूख नष्ट हो जाती है। 
  • सोफे या बिस्तर से उठाकर खड़े होने पर नेत्रों के आगे अंधेरा छा जाता है और सिर चकराने लगता है।
  • सिरदर्द भी होता है।
  • रोगी को अधिक प्यास लगती हैं
  •  निम्न रक्तचाप की विकृति पर पड़े रहना चाहता है। किसी काम को करने की इच्छा नहीं होती है।

लो ब्लड प्रेशर का उपचार Low Blood Pressure Treatment at Home

  • रात को पांच बादाम भिगोकर सुबह खाली पेट एक बादाम व एक काली मिर्च लेकर दो से तीन मिनट तक चबाकर खाएं। बाकी बादामों को भी इसी तरह खाएं। 15-20 मिनट बाद नाश्ता कर सकते हैं।
  • चाय-कॉफी ले सकते हैं। इनसे बीपी बढ़ता है। नमक-चीनी का घोल या इलेक्ट्रॉल पाउडर का घोल भी ले सकते हैं।
  • अनार का जूस भी निम्न रक्त चाप की समस्या को दूर करके का बेहतरीन इलाज है। सिर्फ एक हफ्ते के इस्तेमाल के बाद ही फर्क नजर आने लगता है। इसके अलावा सेब, केला, चीकू भी अच्छा विकल्प होता है।
  • कॉफी-एक कप कॉफी, हॉट चाकलेट या कैफीन मिली हुई चीजों खाने या पीने से भी लो बीपी को तुरंत कंट्रोल किया जा सकता है। लो बीपी की प्रॉब्लम काफी वक्त से चल रही है तो सुबह उठते ही एक कप कॉफी पिएं या नाश्ते के साथ जरूर लें। लेकिन कॉफी पीने की आदत न डालें क्योंकि ज्यादा कैफीन भी बॉडी के लिए सही नहीं।
  • अदरक के टुकड़ों को नींबू और नमक मिलाकर किसी एयर टाइट डिब्बे में रखें। रोजाना खाने से पहले इसके टुकड़ों को अच्छे से चबाएं। बीपी की प्रॉब्लम दूर करने में ये फॉर्मूला भी बहुत ही कारगर है।
  • गाजर-गाजर में मौजूद प्रोटीन ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखने में कारगर होता है। कच्चा खाने के साथ ही अगर शहद मिले इसके जूस को एक महीने तक दिन में एक बार पिया जाएं तो समस्या दूर हो जाएगी।
  • तुलसी के पत्ते-तुलसी की पत्तियों में विटामिन सी, मैग्नीशियम, पोटैशियम और पैंटोथेनिक एसिड पाया जाता है। ये सारे मिनरल्स स्ट्रेस कम करने के साथ ही दिमाग को शांत रखते हैं। तुलसी की 10-15 पत्तियों का रस निकाल लें उसमें लगभग 1 चम्मच शहद की मात्रा मिलाएं। रोजाना खाली पेट इसे पिएं। बहुत जल्द फायदा मिलेगा।
  • हल्दी का आधा चम्मच पाउडर दूध के साथ दिन में किसी भी वक्त लें। इससे आराम मिलता है। ठीक होने पर छोड़ दें। इसे किसी भी मौसम में ले सकते हैं।
  • छिले हुए चार बादाम, एक चम्मच शहद और एक चम्मच मिश्री को एक साथ पीस लें। सुबह-शाम इस पेस्ट को खाएं।
  • गाय या बकरी का एक पाव दूध, दो चम्मच गाय का घी, काली मिर्च के 10 दाने और 10 ग्राम मिश्री को उबालकर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम पीएं। शुगर के मरीज मिश्री व शहद न लें।
  • मक्खन एक चम्मच, मिश्री स्वादानुसार और एक चांदी का वर्क मिलाकर सुबह-शाम कुछ दिन सेवन करें।
  • हर रोज गाय के दूध के साथ एक-दो सिंघाड़े खाएं।
  • दूध व चावल की खीर में छोटी इलायची, चिरौंजी, बादाम व केसर डालकर खाएं।
  • पका हुआ शरीफा और सीताफल का सेवन करने से भी फायदा होता है।
  • काले चने 20-25 ग्राम और 10 नग किशमिश रात को पानी में भिगो दें। सुबह शौच के बाद खाली पेट इस पानी को पीकर चने व किशमिश खा लें। आधे घंटे बाद चाय पी सकते हैं। शुगर के मरीज बिना किशमिश के चने खाएं व पानी पीएं।
  • सात-आठ गिरी मुनक्का व बादाम मिलाकर रोज खाएं।
  • रात को दो-तीन अंजीर भिगोकर सुबह खाएं। शुगर के मरीज सिर्फ एक अंजीर भिगोकर लें।
  • एक बड़ी इलायची व पुदीने के थोड़े-से पत्तों को उबाल कर उसका पानी पीएं। चाय में डालकर भी पी सकते हैं।

लो ब्लड प्रेशर में खानपान

  • पालक, मेथी, घीया, टिंडा व हरी सब्जियां लें।
  • अनार, अमरूद, सेब, केला, चीकू व अंगूर खाएं।
  • कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ न हो तो थोड़ा-बहुत घी, मक्खन व मलाई खाएं।
  • केसर, दही, दूध और दूध से बने पदार्थ खाएं।
  • सेंधा नमक का इस्तेमाल करें।
  • सेब, गाजर या बेल का मुरब्बा चांदी का वर्क लगाकर खाएं।
  • दिन व रात में अधिक पानी पीना चाहिए। कम से कम डेढ़ से दो लीटर पानी जरूर पीएं
  • तुलसी, काली मिर्च, लौग और इलायची की चाय बनाकर पीएं। मात्रा सबकी एक-एक ग्राम। इसे छानकर गर्म ही पीना चाहिये। इसे रोज़ाना दिन में 1 बार पीने से निम्न रक्तचाप यानि Low Blood Pressure बहुत ही जल्दी ठीक हो जाता है।
  • राई तथा सौठ के चूर्ण को बराबर मात्रा में लेकर पानी में मिलाएं और पैर के तलवों पर लगाएं। प्रतिदिन सब्जी में लहसून का छौक (तड़का) लेने से निम्न रक्तचाप में तत्काल लाभ होता है।
  • देशी गुड़ हर रोज 50 ग्राम की मात्रा में खाएं या २५ ग्राम गुड एक गिलास पानी में घोल कर उसमे थोड़ा नीबू का रस और नमक मिला कर दिन में दो बार सेवन करे।
  • सेब, पपीता, अंजीर, आम आदि का अधिक सेवन करें।
  • प्रतिदिन गाजर के एक गिलास रस में 10 ग्राम शहद मिलाकर पीएं। यह प्रयोग 30 दिनों तक करें।
  • पुदीने की चटनी या रस में सेंधा नमक, काली मिर्च, किशमिश डालकर सेवन करें।
  • प्रातः बासी मुंह सेब का मुरब्बा चांदी के वर्क के साथ खाएं।
  • हींग के सेवन से रक्त जम नहीं पाता अर्थात् रक्त संचार ठीक रहता है। इसलिए निम्न रतचाप ठीक रहता है। इसलिए निम्न रतचाप में हींग का सेवन करें।
  • भोजन के बाद आधा कप नारंगी पानी अवश्य पीएं।

 आयुर्वेद दवा इनमें से कोई एक उपाय करें :

  • सिद्धमकरध्वज की खुराक मरीज की हालत के मुताबिक वैद्य से बनवाकर लें।
  • वृह्दवातचिंतामणि रस की आधी-आधी गोली सुबह-शाम दूध से लें।
  • योगेंद्र रस की आधी गोली पानी से दिन में एक बार लें।
  • सिद्धमकरध्वज, वृह्दवातचिंतामणि रस व योगेंद रस, ये तीनों दवाएं बहुत ज्यादा बीपी लो होने पर सिर्फ वैद्य की देखरेख में ही लेनी चाहिए।)
  • मकरध्वज की एक गोली रोज लें।
  • कपूरादि चूर्ण एक छोटी चम्मच सुबह-शाम पानी से कुछ दिन तक लगातार लें। इसे शुगर के मरीज भी ले सकते हैं। हरगौरी रस एक रत्ती सुबह-शाम शहद से लें।

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