साइबेरिया का ओयमयकों गांव, रूस व धरती की सबसे ठंडी जगह मानी जाती है. आप यकीन नहीं मानेंगे की ओयमयकों गांव का वर्ष 1933 में निम्नतम तापमान -67.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. ओयमयकों गांव कम आबादी वाला गांव है. इस गांव में लगभग 500 लोग ही रहते है. ये लोग खेती तथा पशुपालन पर ही निर्भर रहते है.
साइबेरिया का ओयमयकों गांव, रूस व धरती की सबसे ठंडी जगह मानी जाती है. आप यकीन नहीं मानेंगे की ओयमयकों गांव का वर्ष 1933 में निम्नतम तापमान -67.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. ओयमयकों गांव कम आबादी वाला गांव है. इस गांव में लगभग 500 लोग ही रहते है. ये लोग खेती तथा पशुपालन पर ही निर्भर रहते है
ओयमयकों गांव के लोगों को जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. -58 डिग्री सेल्सियस में आप नलों से पानी लेने के बारे में सोच भी नहीं सकते. यहाँ आप अगर पानी को हवा में उछालेंगे तो पानी हवा में बर्फ बन कर ही नीचे आएगा. ओयमयकों गांव में गाड़ी चलाने से पहले उसे हीट वाले गैराज में रखना पड़ता होता है.
याकूत्स्क में मौसम
आमतौर पर यहां 12 मई से 10 सितंबर तक गर्मी का मौसम रहता है। इस दौरान दिन में तापमान औसतन 12 डिग्री सेल्सियस होता है। 17 जुलाई यहां पर सबसे गर्म दिन रहता है। इस दिन अधिकतम तापमान 25 डिग्री होता है। वहीं, सर्दी का मौसम 18 नवंबर से शुरू होकर 1 मार्च तक रहता है। इस दौरान यहां का औसत तापमान -23 डिग्री सेल्सियस रहता है। 13 जनवरी सबसे ठंडा दिन होता है। इस दिन अधिकतम तापमान -36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम -41 डिग्री सेल्सियस रहता है।
साइबेरिया का ओयमयकों गांव, रूस व धरती की सबसे ठंडी जगह मानी जाती है. आप यकीन नहीं मानेंगे की ओयमयकों गांव का वर्ष 1933 में निम्नतम तापमान -67.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. ओयमयकों गांव कम आबादी वाला गांव है. इस गांव में लगभग 500 लोग ही रहते है. ये लोग खेती तथा पशुपालन पर ही निर्भर रहते है
ओयमयकों गांव के लोगों को जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. -58 डिग्री सेल्सियस में आप नलों से पानी लेने के बारे में सोच भी नहीं सकते. यहाँ आप अगर पानी को हवा में उछालेंगे तो पानी हवा में बर्फ बन कर ही नीचे आएगा. ओयमयकों गांव में गाड़ी चलाने से पहले उसे हीट वाले गैराज में रखना पड़ता होता है.
याकूत्स्क में मौसम
आमतौर पर यहां 12 मई से 10 सितंबर तक गर्मी का मौसम रहता है। इस दौरान दिन में तापमान औसतन 12 डिग्री सेल्सियस होता है। 17 जुलाई यहां पर सबसे गर्म दिन रहता है। इस दिन अधिकतम तापमान 25 डिग्री होता है। वहीं, सर्दी का मौसम 18 नवंबर से शुरू होकर 1 मार्च तक रहता है। इस दौरान यहां का औसत तापमान -23 डिग्री सेल्सियस रहता है। 13 जनवरी सबसे ठंडा दिन होता है। इस दिन अधिकतम तापमान -36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम -41 डिग्री सेल्सियस रहता है।
यहां लोग सर्दियों में आइसक्रीम खाते हैं, क्योंकि यहां कोई फ्रीज नहीं है। किसी भी मौसम में यहां दूध जमा हुआ मिलता है जिसे लीटर नहीं मीटर से नापकर तोड़कर दिया जाता है। चाय बनाना है तो एक छोटा-सा टुकड़ा दूध का डालो। साफ पानी भी यहां टुकड़ों में सहेजकर रखा जाता है। नहाने का अलग और पीने का टुकड़ा अलग। पानी को यदि हवा में उछाला गया तो वह बर्फ के टुकड़े बनकर नीचे गिरेगा।
गायों को तलघर में रखा जाता है वह भी उनके थनों को एक विशेष कपड़े से ढांककर। सिर्फ 1 घंटे के लिए धूप हो तो बाहर निकाला जाता है। हां, यहां के घोड़ों ने जरूर अपने आपको तापमान के अनुसार ढाल लिया है। यहां ऐसी धारणा है कि मछली और मीट खाने वाले लोग ज्यादा जीते हैं।
यहां बच्चों, पानी और खून को जमने से बचाना बहुत ही मुश्किल काम है। यहां की मूल जाति विलुप्ति की ओर है, हां बाहर से कुछ लोग जरूर आकर बस गए हैं, जो गर्म बने रहने का तरीका सीख गए हैं जिनके कारण मूल जाति भी बची हुई है।
ग्लोबल वॉर्मिंग का अध्ययन करने वाले कहते हैं कि पिछले 5 से 7 वर्षों में अब यहां का तापमान भी बढ़ने लगा है। ग्लेशियरों के पिघलने की गति तेज होने के कारण अब यहां की नदी से आसानी से पानी लिया जा सकता है। हां, कुछ दुर्लभ मछलियों की प्रजातियों पर अब संकट गहराने लगा है, क्योंकि वे −32°C के तापमान में ही जिंदा रह सकती है।
गायों को तलघर में रखा जाता है वह भी उनके थनों को एक विशेष कपड़े से ढांककर। सिर्फ 1 घंटे के लिए धूप हो तो बाहर निकाला जाता है। हां, यहां के घोड़ों ने जरूर अपने आपको तापमान के अनुसार ढाल लिया है। यहां ऐसी धारणा है कि मछली और मीट खाने वाले लोग ज्यादा जीते हैं।
यहां बच्चों, पानी और खून को जमने से बचाना बहुत ही मुश्किल काम है। यहां की मूल जाति विलुप्ति की ओर है, हां बाहर से कुछ लोग जरूर आकर बस गए हैं, जो गर्म बने रहने का तरीका सीख गए हैं जिनके कारण मूल जाति भी बची हुई है।
ग्लोबल वॉर्मिंग का अध्ययन करने वाले कहते हैं कि पिछले 5 से 7 वर्षों में अब यहां का तापमान भी बढ़ने लगा है। ग्लेशियरों के पिघलने की गति तेज होने के कारण अब यहां की नदी से आसानी से पानी लिया जा सकता है। हां, कुछ दुर्लभ मछलियों की प्रजातियों पर अब संकट गहराने लगा है, क्योंकि वे −32°C के तापमान में ही जिंदा रह सकती है।
दुनिया के सबसे ठंडा स्थान
- Verkhoyansk, रूस-Verkhoyansk, Russia.
- ओयमीकोन, रूस-Oymyakon, Russia.
- अंतर्राष्ट्रीय फॉल्स, मिन-International Falls, Minn
- याकुत्स्क, रूस-Yakutsk, Russia
- नरक, नॉर्वे-Hell, Norway
- बैरो, अलास्का-Barrow, Alaska
- वोस्तोक स्टेशन, अंटार्कटिका-Vostok Station, Antarctica
- उत्तर बर्फ, ग्रीनलैंड-North Ice, Greenland
- Snag, Yukon, Canada-स्नैग, युकोन, कनाडा
- डेनाली, यूएसए-Denali, USA
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