मूसली पाक में पुरुषों में हार्मोन की क्रिया को ठीक करता है और टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार करता है। पुरुषों में यह नपुंसकता दूर करने में भी सहायक सिद्ध होता है।मूसली पाक की समग्र क्रिया प्रजनन प्रणाली को शक्ति प्रदान करना है और उसके प्राकृतिक कार्यों को बनाए रखना है। यह शुक्रजनन का कार्य करता है और यह शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार लाता है।
यह आयुर्वेद में बृहन चिकित्सा के लिए भी एक अच्छी दवा है। यह शरीर का वजन बढ़ा सकता है। इसलिए इसका प्रयोग शरीरिक वजन बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।
मूसली पाक आयुर्वेद का एक बहुत ही प्रभावी और लोकप्रिय कामोत्तेजक औषधि योग है. इसका उल्लेख “आयुर्वेद सार संग्रह” ग्रन्थ में मिलता है. घटक द्रव्यों के गुण कर्म के अनुसार यह परम वीर्य वर्धक और कामोत्तेजक है. पुरुषों में कामेच्छा और काम शक्ति बढाता है और नपुंसकता दूर करता है. इसके अलावा यह सातों धातुओं को बढ़ा कर शरीर का वज़न बढाता है, ताक़तवर बनाता है और रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढाता है.
Musli Paak, मूसली पाक के घटक (Ingredients)
जैसा कि नाम से पता चलता है मूसली पाक का मुख्य घटक सफ़ेद मूसली है जो आयुर्वेद के अनुसार सर्वश्रेष्ठ शुक्रल (शुक्रजनन अर्थात वीर्य की मात्रा बढाने वाले) द्रव्यों में से एक मानी गयी है. मूसली के अतिरिक्त मुसली पाक में निम्न घटक द्रव्य होते हैं –
घी, सोंठ, पिप्पली, मरिच, बड़ी इलायची, दाल चीनी, तेजपत्र, शतावर, चित्रक मूल, गोखरू, अश्वगंधा, हरीतकी, लवंग, जायफल, जावित्री, तालमखाना, बला बीज, कौंच बीज, शाल्मली, कमल बीज, वंशलोचन, अकरकरा, वंग भस्म, मकरध्वज, शर्करा
घी, सोंठ, पिप्पली, मरिच, बड़ी इलायची, दाल चीनी, तेजपत्र, शतावर, चित्रक मूल, गोखरू, अश्वगंधा, हरीतकी, लवंग, जायफल, जावित्री, तालमखाना, बला बीज, कौंच बीज, शाल्मली, कमल बीज, वंशलोचन, अकरकरा, वंग भस्म, मकरध्वज, शर्करा
Musli Pak Benefitsin Hindi,मुसली पाक के फायदे
मूसली पाक अत्यन्त पौष्टिक, बल-वीर्य-काम शक्ति वर्धक और नपुंसकता नाशक है. इसके सेवन से धातु दौर्बल्य नष्ट होकर शरीर का वज़न बढ़ता है और व्यक्ति स्वस्थ, कांति-युक्त एवं ताक़तवर हो जाता है. पुरुषों में विधिपूर्वक सेवन करने से यह सभी प्रकार के वीर्य दोष दूर कर वीर्य की मात्रा अत्यधिक बढ़ा देता है. यह परम कामोत्तेजक (aphrodisiac) भी है अर्थात कामेच्छा (सेक्सुअल डिजायर) बढाता है और लिंगोत्थान (erection) प्रेरित करता है. काम-शक्ति और क्षमता (stamina) भी बढाता है. इसके अलावा वंग भस्म, अकरकरा और सेमल होने के कारण ये वीर्य स्तंभक भी है यानि वीर्य के शीघ्र पतन को रोककर सम्भोग समय बढ़ाता है. स्त्रियों के लिए भी ये समान रूप से बलवर्धक है और प्रदर रोग और शारीरिक कमजोरी दूर करता है.
Musli Pak Benefits in Hindi,मुसली पाक के फायदे मूसली पाक मुख्यत इन रोगों और समस्याओं में लाभदायक है
- स्त्री पुरुष दोनों के लिए सप्त-धातु पोषक व स्वास्थ्य-बल वर्धक (Health Tonic)
- वीर्य दोषों के कारण होने वाली पुरुष नपुंसकता – शुक्र दौर्बल्य (शुक्राणुओं की कमी, गति की कमी व अन्य शुक्राणु विकार)
- वीर्य की कम मात्रा (Low semen volume)
- शारीरिक दुर्बलता
- कामेच्छा की कमी
- ध्वजभंग (Erectile Dysfunction)
- शीघ्रपतन (Premature ejaculation)
- आयु या रोग-जन्य धातु-क्षीणता (शारीरिक दुर्बलता)
- स्त्रियों में प्रदर, थकान, कमजोरी
- मूसली पाक की मात्रा (Dose)
- आयुर्वेद सार संग्रह के अनुसार मूसली पाक की सेवन मात्रा है – 6 माशे से 1 तोला तक दूध या पानी से
- हमारे क्लिनिकल अनुभव के अनुसार 2 चम्मच (लगभग 10 ग्राम) मूसली पाक सुबह (नाश्ते के बाद) और शाम (खाने से 2 घंटे बाद) हलके गर्म दूध से लें. कम से कम 3 महीने तक प्रयोग करें.
चूँकि मूसली पाक कई रोगों के उपचार में काम आता है अतः जिस रोग के लिए प्रयोग कर रहे हों उसकी अन्य दवाइयां साथ लेने से ज्यादा और जल्दी आराम होता है. अन्य समान गुण-धर्म वाली दवाइयां हैं – शतावरी चूर्ण, कौंच पाक, धातु-पौष्टिक चूर्ण, मदनानंद मोदक, धात्री रसायन, सुपारी पाक, अशोकारिष्ट (स्त्रियों के लिए) आदि.
परहेज़
मूसली पाक अन्य पौष्टिक द्रव्यों की तरह गरिष्ट (देर में पचने वाला) होता है. इसलिए अगर इसके खाने से कोष्ठबद्धता (अपच या कब्ज़) हो जाए तो दीपन-पाचन और मृदु-रेचन (purgatives) औषधियां – इसबगोल, त्रिफला चूर्ण, लवणभास्कर चूर्ण आदि का साथ में सेवन करना चाहिए. इसके अतिरिक्त खटाई, बासी ठंडा खाना, भारी तला-भुना खाना, धुम्रपान, तम्बाकू सेवन, शराब या अन्य किसी भी प्रकार का नशा पूर्णतया वर्जित है. अन्यथा इसका असर या तो नहीं होता या बहुत कम होता है.
मूसली पाक अन्य पौष्टिक द्रव्यों की तरह गरिष्ट (देर में पचने वाला) होता है. इसलिए अगर इसके खाने से कोष्ठबद्धता (अपच या कब्ज़) हो जाए तो दीपन-पाचन और मृदु-रेचन (purgatives) औषधियां – इसबगोल, त्रिफला चूर्ण, लवणभास्कर चूर्ण आदि का साथ में सेवन करना चाहिए. इसके अतिरिक्त खटाई, बासी ठंडा खाना, भारी तला-भुना खाना, धुम्रपान, तम्बाकू सेवन, शराब या अन्य किसी भी प्रकार का नशा पूर्णतया वर्जित है. अन्यथा इसका असर या तो नहीं होता या बहुत कम होता है.
मूसली पाक से होने वाले नुकसान :
सफ़ेद मूसली के सेवन के आमतौर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं है। परन्तु हर आयुर्वेदिक औषधि का अत्यधिक सेवन शरीर की कोई न कोई क्षति अवश्य पहुचाता है। इसका अत्यधिक सेवन शरीर के पाचन तंत्र के लिए हानिकारक है। यह पेट सबंधी समस्याओ को बढ़ाता है। यह पेट सबंधी समस्याओ को बढ़ाता है और उदर विकार होने के कारण शरीर बीमारियों का घर बन जाता है। मूसली पाक का अत्यधिक सेवन आपके शरीर में कफ दोष तो उत्पन्न कर सकता है और आहार नली मैं स्निग्धता को बढ़ा सकता है।
मूसली पाक में शर्करा होती है इसलिए मधुमेह (Diabetes mellitus) के रोगी इसका सेवन चिकित्सक की देखरेख में ही करें.
मूसली पाक की पैकिंग व मूल्य (Availability & price)
मूसली पाक लगभग सभी प्रमुख आयुर्वेदिक कंपनियों का आता है. वैद्यनाथ कंपनी का सामान्यत: 100 ग्राम की पैकिंग में मिलता है. यह Granules (दरदरे चूर्ण) के रूप में होता है. भारत में इसकी वर्तमान कीमत Rs.186 है
No comments:
Write comments