आंखें भगवान की दी नेमत हैं। लेकिन इनकी समुचित देखभाल की ज़िम्मेदारी हमारी अपनी है। बिना आंखों के हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। आंखों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए आँखों की देखभाल उन लोगो के लिए भी जरूरी होती है जिनकी ऑंखें या तो कमजोर है या फिर उन्हें सही तरीके से देखने व पढने के लिए चश्मा लगाने पड़ता है
आंखों की देखभाल करना बहुत जरूरी है। यदि आंखों की ठीक प्रकार से देखभाल न की जाए तो आंखों में विकार पैदा हो सकते हैं।
- आखों के लिए स्वस्थ भोजन और अच्छी नींद दोनों ही बेहद आवश्यक हैं। खाने में हरी सब्जियां ज्यादा खाएं।
- दिन में कम से कम दो लीटर पानी पीएं, ताकि आपके शरीर की गंदगी बाहर निकले और नमी बनी रहे, जो आखों के लिए भी जरूरी है।
- आखों में चिकित्सक द्वारा सुझाई गई ऐसी दवाएं डालें जो आखों को शुष्क होने से रोके और संक्रमण न पैदा होने दें। इस मौसम में कंजेक्टिवाइटिस के साथ ही अन्य संक्रमण की आशंकाएं भी अधिक होती हैं
- शुद्धकमल को जलाकर उसका काजल बनाकर प्रतिदिन रात को सोते समय आंखों में लगाने से आंखों की रोशनी तेज होती है तथा आंखों के विभिन्न प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं।
- चांदनी रात में चन्द्रमा की तरफ कुछ समय के लिए प्रतिदिन देखने से आंखों की दृष्टि ठीक हो जाती है।
- यदि किसी रोगी व्यक्ति की देखने की शक्ति कमजोर हो गई है तो उसे प्रतिदिन दिन में 2 बार कम से कम 6 मिनट तक आंखों को मूंदकर बैठना चाहिए। इससे रोगी व्यक्ति को बहुत लाभ मिल
- आंखों के रोगों से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन सुबह के समय में उठकर अपनी आंखों को बंद करके सूर्य के सामने मुंह करके कम से कम दस मिनट तक बैठ जाना चाहिए। इससे रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
- सोया मिल्क भी आंखों के लिए बहुत लाभकारी है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। साथ ही, इससे विटामिन, फैटी एसिड्स और विटामिन ई भी मिलते हैं,जो कि आंखों की कमजोर को तुरंत दूर कर देते हैं।
- आंखों के रोग से पीड़ित रोगी को कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे आंखों से देखने के लिए जोर लगाना पड़े जैसे- अधिक छोटे अक्षर को पढ़ना, अधिक देर तक टी.वी. देखना आदि।
- आंखों के रोग से पीड़ित रोगी को पानी पीकर सप्ताह में एक दिन उपवास रखना चाहिए। यदि कब्ज की शिकायत हो तो उसे दूर करने के लिए एनिमा क्रिया कीजिए। इससे रोगी व्यक्ति की आंखों के रोग ठीक हो जाते हैं।
- सुबह के समय में उठकर व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 12 मिनट से लेकर 30 मिनट तक सूर्य की ओर मुंह करके आंखों को बंद करके बैठना चाहिए। इस प्रकार बैठने से पहले रोगी को अपने सिर को ठंडे पानी से धोना चाहिए। इस क्रिया को करने के बाद आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारकर आंखों को धोना चाहिए। इसके बाद कम से कम पांच मिनट तक पामिंग करना चाहिए। इसके फलस्वरूप आंखों के रोग ठीक हो जाते हैं तथा चश्मे का नम्बर कम होने लगता है।
- सुबह के समय में मुंह धोने के बाद एक गिलास पानी में कागजी नींबू का रस मिलाकर पीना चाहिए। इसके बाद दोपहर के समय में भोजन करने तक और कुछ भी नहीं खाना चाहिए। दोपहर में चोकर युक्त आटे की रोटी खानी चाहिए। उबली हुई शाक-सब्जियां खानी चहिए। शाम के समय में फलों का रस पीना चाहिए। इस प्रकार से प्रतिदिन उपचार करने से चश्मा हट सकता है तथा आंखों के कई प्रकार के रोग भी ठीक हो जाते हैं।
- आम, पपीते जैसे फलों में करोटिन पाया जाता है। इनके सेवन से आंखों के नीचे के काले घेरे दूर हो जाते हैं। आंखें हमेशा स्वस्थ रहती हैं।
- सुबह के समय में प्रतिदिन हरे केले के पत्तों को अपनी आंखों के सामने रखकर कुछ मिनटों तक सूर्य के प्रकाश को देखने तथा इसके बाद पामिंग करने और फिर इसके बाद उदरस्नान या मेहनस्नान करने से आंखों पर से चश्मा हट सकता है तथा कई प्रकार के रोग जो आंखों से संबन्धित होते हैं, ठीक हो जाते हैं।
- प्रतिदिन रात को सोते समय आंखों पर गीली मिट्टी की पट्टी लगाने तथा कमर पर कपड़े की गीली पट्टी करने और अपने पेड़ू पर गीली मिट्टी की पट्टी लगाने से रोगी व्यक्ति की आंखों पर से चश्मा हट सकता है लेकिन इसके साथ-साथ रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन एनिमा क्रिया भी करनी चाहिए तथा सप्ताह में एक बार उपवास रखना चाहिए।
- सौंफ कई गुणों से भरपूर होती है। इसमें मौजूद औषधीय गुण आंखों के लिए लाभदायक होते हैं। सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। इसकी एक चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ लें। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है और नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स होता है। एक ताजा शोध में ये बात सामने आई है कि मछली खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
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