विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लोग लोग अपनी जरूरत से ज्यादा नमक खातें हैं. इसके अनुसार हर रोज पांच ग्राम नमक का दोगुना खातें हैं. जो एक तरह से सेहत को नुकसान पहुंचाता है.एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक डब्ल्यूएचओ संस्थान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 19 वर्ष से अधिक उम्र के भारतीय रोजाना 10.98 ग्राम नमक खाता है. इस रिसर्च में देश भर के करीब 2.27 लाख लोगों के आंकड़े शामिल थे.
इस अध्ययन में यह कहा गया है कि दक्षिणी और पूर्वी राज्यों के लोग नमक खाने में सबसे आगे हैं. वहां पर नमक की खपत सबसे अधिक होती है.इन आंकड़ों से यह पता चला है कि त्रिपुरा नमक खाने के मामले में रोजाना 14 ग्राम के प्रति व्यक्ति के साथ पहले स्थान पर है. शहरी और ग्रामीण इलाके में नमक खाने के मामले में कोई खास फर्क नहीं है.
अब डब्ल्यूएचओ वर्ष 2025 तक नमक की खाने में 30 प्रतिशत की कटौती करने की कोशिश कर रहा है. क्योंकि ज्यादा नमक खाने से सेहत को बहुत नुकसान होता है. अधिक नमक खाने से दिल की बीमारी और लोग हाई ब्लड प्रेशर का लोग शिकार ज्यादा होते हैं.
नमक हमारे खाने को स्वादिष्ट बनाने वाली सामग्रियों में से एक माना जाता है जिसके बिना कोई भी भोजन अधुरा रहता है। ये खाने के स्वाद को बढ़ाने का काम करता है। पर क्या आप जानते है कि खाने में नमक का सेवन एक सीमित मात्रा में करना ही अच्छा होता है, इसको ज्यादा मात्रा में लेने से ये हमारे स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकता है। ज्यादा नमक का सेवन करने से होती है ये बिमारियां।
ज्यादा नमक खाने के नुकसान,Side Effects of Too Much Salt in The Body in Hindi.
- नमक के ज्यादा सेवन से पेट ही नहीं, बल्कि कई तरह के कैंसर हो सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर का दिल से सीधा संबंध होता है, इसलिए ज्यादा नमक दिल के लिए भी खतरनाक होता है।
- ज्यादा नमक खाने वाले लोग डायबिटीज को भी न्योता देते हैं और उन्हें लकवा मारने की भी आशंका रहती है।’
- जो लोग दिल की बीमारी से पीड़ित हैं और उसके बाद भी ज्यादा नमक खाते हैं, उनका हार्ट फेल हो सकता है। इसलिए नमक को हल्के में लेना सेहत के लिए से खतरे से खाली नहीं होता।
- ऋषिकेश के नवजीवन काया-कल्प एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीटच्यूट के फाउंडर और आयुर्वेदिक फिजिशियन डॉ. डी के श्रीवास्तव कहते हैं, ‘ज्यादा नमक खाने से एजिंग यानी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। चेहरे पर जल्दी झुर्रियां पड़ने लगती हैं। अगर आपको लंबे समय तक जवान दिखना है, तो नमक से दोस्ती ठीक नहीं है।’
- डॉ. श्रीवास्तव के मुताबिक, सोडियम यानी नमक के कण हमारे खून में घुल जाते हैं और किडनी उसे फिल्टर करती है। ज्यादा नमक होने पर किडनी को खून फिल्टर करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। नतीजतन, किडनी से जुड़ी बीमारियां होती हैं।’
- नमक को लेकर हैदराबाद के नेशनल न्यूट्रिशन इंस्टीटच्यूट के डॉ. बी शशिकरन की राय भी जुदा नहीं है। वह भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि ज्यादा नमक खाने से किडनी खराब हो सकती है। एलोपैथ हो या आयुर्वेद, होम्योपैथ हो या यूनानी जैसी कोई और चिकित्सा पद्धति, सभी में नमक को सेहत के लिए खतरनाक माना गया है। नमक के बारे में डॉक्टरों का यही कहना है कि उसके ज्यादा सेवन से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। इसका सीधा सा मतलब है कि कोई भी बीमारी हमें घेर सकती है।
- पसीना बहाना जरूरी बदली लाइफस्टाइल से जहां एक तरफ खाने में नमक की मात्रा बढ़ी है, वहीं दूसरी ओरपसीना बहाने से हम बच रहे हैं।
- डॉ. श्रीवास्तव कहते हैं, ‘शरीर से नमक मल, मूत्र और पसीने के जरिए ही बाहर निकलता है। पसीने के साथ सबसे ज्यादा नमक निकलता है। लेकिन अब ज्यादातर लोग ऐसा काम ही नहीं करते जिसमें पसीना निकले। नतीजा यह है कि शरीर में सोडियम का स्तर बढ़ता जाता है और नई-नई बीमारियां हम पर हमला बोलती हैं।’
- उनके मुताबिक जो लोग हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर के मरीज होते हैं, उन्हें पसीना बहुत आता है। गुस्सा आने पर तो वे पसीने-पसीने हो जाते हैं। यह इस बात का साफ संकेत है कि उनके शरीर में सोडियम का स्तर ज्यादा है, जो पसीने के जरिए बाहर निकलने की कोशिश करता है।
- ज्यादा नमक की वजह से पसीना आने पर त्वचा की चिकनाहट कम हो जाती है। स्किन ड्राई हो जाती है, जिसके कारण आपके चेहरे की रंगत बिगड़ सकती है।
- सूजन : आप सूजन से पीड़ित हैं, तो इससे यही संभावना होती है कि आपके शरीर में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक बन रही है, क्योंकि ज्यादा नमक का सेवन शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है। जिससे शरीर में सूजन आने लगती है। हालांकि सूजन का आना कोई बड़ी या गंभीर समस्या नहीं है फिर भी इन बातों से हमें सचेत होने की आवश्यकता है। जो आपके स्वास्थ के लिए बेहतर है।
- उच्च रक्तचाप को बढ़ाता है :अत्याधिक नमक का सेवन करने से शरीर का रक्त चाप बढ़ने लगता है। जिससे दिल की बीमारी के खतरे बढ़ जाते है। बताया जाता है कि शरीर में सोडियम की मात्रा के बढ़ने से इसका सीधा संबंध हमारे रक्त चाप के स्तर पर पड़ता है। इसलिए रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने के लिए आप कम से कम मात्रा में सोडियम का सेवन करें।
- हृदय रोग का खतरा :नमक के सेवन से होने वाले खतरे हमारे शरीर के लिए घातक होते हैं, जो एक गंभीर बीमारी को जन्म देकर शरीर को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। अत्याधिक मात्रा में नमक का सेवन करने से कोरोनरी हृदय रोग और स्ट्रोक होने के खतरे की भी संभावना बढ़ जाती है।
- किडनी की समस्या :हमारे शरीर में गुर्दे की अहम भूमिका होती है, यह शरीर के अवांछित पदार्थों को छानने में मदद करता है। पर यदि आप ज्यादा मात्रा में नमक का सेवन करते है तो सबसे ज्यादा असर हमारे गुर्दे पर पड़ता है। जिससे विषाक्त पदार्थ भी बाहर नहीं निकल पाते और शारीरिक परेशानिया बढ़ने लगती है। इससे किड़नी जैसे भयंकर रोग के होने की भी संभावना बढ़ जाती है।
- त्वचा संबंधी समस्याएं :ज्यादा नमक का सेवन करने से आपकी त्वचा पर इसका प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसका अत्याधिक सेवन इडीमा बीमारी को जन्म दे सकता है। इडीमा से पीड़ित व्यक्ति के पैरों, टखनों और हाथों में सूजन हो सकती है। इसके अलावा बहुत ज्यादा नमक का सेवन करने से मुंहासों के साथ ही त्वचा में रेशेस जैसी समस्या बढ़ने लगती है।
कैसे करें नमक ज्यादा खाने पर नियंत्रण,How to Control ,
- खाने में नमक कम करके ही उसके खतरों से लड़ा जा सकता है। हमें दिनभर मंे 6 ग्राम यानी एक छोटी टी-स्पून से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए। लेकिन सच्चई यह है कि हम इससे कहीं ज्यादा नमक खाते हैं। फोर्टिस हॉस्पिटल की न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. सिमरन सैनी के मुताबिक भारत के लोग तय सीमा से 10 गुना ज्यादा तक नमक खाते हैं। जाने-माने फिजिशियन और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. केके अग्रवाल भी उनकी बात से इत्तेफाक रखते हैं। उनका कहना है, ‘सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में तय सीमा से ज्यादा नमक खाया जाता है। आम तौर पर लोग तय सीमा से दोगुना नमक खाते हैं।
- इसलिए सबसे जरूरी है कि हम खाने में ज्यादा से ज्यादा ताजी चीजों का इस्तेमाल करें और प्रिजरवेटिव फूड से दूरी बनाएं क्योंकि बगैर नमक या चीनी के खाने को प्रिजर्व किया ही नहीं जा सकता। अगर आप प्रिजरवेटिव फूड खा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि नमक और चीनी दोनों बहुत ज्यादा मात्रा मंे ले रहे हैं।’ खाने में नमक कम करने के लिए डॉ. अग्रवाल ‘एसीपी’ नाम का एक फॉमरूला सुझाते हैं। एसीपी में ए का मतलब है अचार, सी का चटनी और पी यानी पापड़ है। अगर इनसे दूरी बना ली जाए, तो नमक का सेवन काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। उनके मुताबिक ये तीनों ही चीजें भारतीयों की पसंदीदा हैं और तीनों में ही नमक बहुत ज्यादा मात्रा में होता है।
- पिछले कुछ सालों में खाने-पीने की आदतों में आए बदलाव की वजह से भी हमारे खाने में नमक की मात्रा बढ़ी है। पिज्जा, बर्गर, चिप्स और कैचप जैसी चीजें हमें आसानी से मिल जाती हैं और चिंता की बात यह कि यंगिस्तान के मेन्यू में ये चीजें सबसे ऊपर होती हैं। डॉ. सैनी कहती हैं,‘अगर आपने एक चम्मच कैचप खा लिया, तो इसका मतलब है कि आपने एक दिन के नमक की खुराक पूरी कर ली। बहुत सारी चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें बगैर नमक के भी खाया जा सकता है। फलों और दही में अगर नमक न डालें, तो भी सोडियम का स्तर कम रखने में मदद मिलेगी। रोटी भी बिना नमक वाली खानी चाहिए और सबसे जरूरी यह है कि किसी भी चीज में ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए।’
कौन सा नमक करें इस्तेमाल,
ऐसा नहीं है कि ज्यादा नमक के खतरों को देखते हुए नमक खाया ही न जाए। बाजार में जब कई तरह के नमक उपलब्ध हों, तो यह सवाल भी लाजिमी है कि कैसे नमक का इस्तेमाल किया जाए। डॉक्टरों के मुताबिक, नमक आयोडीन युक्त होना चाहिए, क्योंकि उसकी कमी से घेंघा नाम की बीमारी का खतरा रहता है।
- हालांकि, सिर्फ आयोडीन के चक्कर में ज्यादा नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि आयोडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है। शहरों में अब लो सोडियम नमक भी आसानी से मिल रहा है। डॉ. अग्रवाल की इस राय के साथ डॉ. सैनी भी खड़ी हैं कि लो सोडियम नमक सेहत के लिहाज से साधारण नमक की तुलना में बेहतर है,
- क्योंकि उसमें सोडियम पोटैशियम की मात्रा 50 फीसदी हीहोती है। सेहत के लिए सेंधा नमक सबसे बेहतर है, क्योंकि वह प्रोसेस्ड नहीं होता और उसमें सोडियम पोटैशियम की मात्रा भी बहुत कम होती है। सेंधा नमक में चूंकि आयोडीन नहीं होता, इसलिए सिर्फ उसके इस्तेमाल से डॉक्टर मना करते हैं। लो सोडियम या साधारण नमक के साथ सेंधा नमक खाना सेहत के लिए फायदे का सौदा है।
- नमक ज्यादा तो कैल्शियम कम इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा नमक खाकर हम अपने शरीर से कैल्शियम भी बाहर निकाल रहे होते हैं। चूंकि सोडियम और कैल्शियम एक ही कण से नियंत्रित होते हैं, इसलिए दोनों के बीच बहुत गहरा रिश्ताहोता है।
- कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के डॉ. एलेग्जेंडर टोड के मताबिक, शरीर में सोडियम की मात्रा जब बहुत ज्यादा हो जाती है, तो हमारा शरीर उसे मूत्र के जरिए भी बाहर निकालता है। लेकिन इसके साथ-साथ कैल्शियम भी बाहर निकलता है। इसकी वजह से गुर्दे की पथरी और ऑस्टियोपरोरिस यानी हड्डी कमजोर होने की बीमारी भी हो सकती है।
- अगर यह पता हो कि स्वाद और सेहत में दोस्ती नहीं हो सकती और यह चुनाव करना हो कि स्वाद और सेहत में से किससे समझौता करना है, तो स्वाद से समझौता करने में ही समझदारी नजर आती है, क्योंकि सेहत को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ेगी। नमक से पूरी तरह कन्नी न काटें, लेकिन उसकी मात्रा को कंट्रोल करना जरूर सीख लीजिए।
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