Saturday, January 28, 2017

दैनिक जीवन में वास्तु के उपयोगी नियम Vastu Tips to Increase Happiness in Life,

 

जीवन में खुशियां चाहिए तो अपनाएं ये वास्‍तु टिप्‍स,दैनिक जीवन में वास्तु के उपयोगी नियम,

जीवन में खुशियां चाहिए तो अपनाएं ये वास्‍तु टिप्‍स,दैनिक जीवन में वास्तु के उपयोगी नियम,

वास्तु जीवन का ऐसा विज्ञान है जो इस बात पर जोर देता है कि घर-परिवार कैसे सुखी, स्वस्थ और खुशहाल हों। यह प्रकृति की ऊर्जा, संसाधन और परिवार की ऊर्जा के सही व संतुलित उपयोग के गुर सिखाता है। जो घर वास्तु के प्रति जितना अनुकूल होगा, वहां उतनी ही खुशियां और समृद्धि होंगी। लोग सुखी होंगे। वहीं, वास्तु के प्रतिकूल घर समृद्धि के बावजूद दुख का कारण बनते हैं।

दैनिक जीवन में वास्तु के उपयोगी नियम,Happiness Vastu Tips in Hindi,

  • वास्तु के अनुसार हमें कभी भी बिस्तर में बैठकर खाना नहीं खाना चाहिए. माना जाता है की ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है
  • रात को सोते वक्त व्यक्ति का सिर हमेशा दक्षिण दिशा में होना चाहिए। कभी भी उत्तर दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए। इससे अनिद्रा रोग होने की संभावना होती है साथ ही व्यक्ति की पाचन शक्ति पर विपरीत असर पड़ता है।
  • घर में सप्ताह में दो दफा फिटकरी और नमक के पानी से पोंछा लगाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
  • घर से निकलते समय माता-पिता को विधिवत (झुककर) प्रणाम करना चाहिए। इससे बृहस्पति और बुध ठीक होते हैं। इससे व्यक्ति के जटिल से जटिल काम बन जाते हैं।
  • आपके घर का प्रवेश द्वार एकदम स्वच्छ होना चाहिए। प्रवेश द्वार जितना स्वच्छ होगा घर में लक्ष्मी आने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है।
  • आपके प्रवेश द्वार के आगे स्वस्तिक, ॐ, शुभ-लाभ जैसे मांगलिक चिह्नों को उपयोग अवश्य करें।
  • अपने घर के प्रवेश द्वार पर कभी ‍भी बिना सोचे-समझे गणेशजी न लगाएं। दक्षिण या उत्तरमुखी घर के द्वार पर ही गणेशजी लगाएं।
  • विवाह पत्रिका कभी भूलकर भी न फाड़े क्योंकि इससे व्यक्ति को गुरु और मंगल का दोष लग जाता है।
  • अपने घर में देवी-देवताओं की ज्यादा तस्वीरें न रखें और शयन कक्ष में तो बिलकुल भी नहीं।
  • शयन कक्ष में टेलीविजन कदापि न रखें क्योंकि इससे शारीरिक क्षमताओं पर विपरीत असर पड़ता है।
  • दफ्तर में काम करते समय उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके बैठें तो शुभ रहेगा, जबकि बॉस (कार्यालय प्रमुख) का केबिन नैऋत्य कोण में होना चाहिए। 
  • घर के भीतर शंख अवश्य रखें। इससे बजाने से 500 मीटर के दायरे में रोगाणु नष्ट होते हैं।
  • पक्षियों को दाना खिलाने और गाय को रोटी और चारा खिलाने से गृह दोष का निवारण होता है।
  • अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं। इससे परिवार में प्रेम बढ़ता है। तुलसी के पत्तों के नियमित सेवन से कई रोगों से मुक्ति मिलती है। 
  • ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को हमेशा साफ-सुथरा रखें ताकि सूर्य की जीवनदायिनी किरणें घर में प्रवेश कर सकें।
  • रसोई घर में भोजन बनाते समय गृहिणी का हमेशा मुख पूर्व की ओर होना चाहिए। इससे भोजन सुपाच्य और स्वादिष्ट बनता है। साथ ही पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से व्यक्ति की पाचन शक्ति में वृद्धि होती है।
  • आपके घर के जो बच्चे में पढ़ने में कमजोर हैं, उन्हें पूर्व की ओर मुख करके अध्ययन करना चाहिए। इससे उन्हें लाभ होगा।
  • आपके परिवार में जिन कन्याओं के विवाह में विलम्ब हो रहा है, उन्हें वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) के कमरे में रहना चाहिए। इससे उनका विवाह अच्छे और समृद्ध परिवार में होगा।
  • वास्तु व‌िज्ञान के अनुसार व‌िवाह योग्य कुंवारे लड़कों को दक्ष‌िण और दक्ष‌िण पश्च‌िम द‌िशा में नहीं सोना चाह‌िए। इससे व‌िवाह में बाधा आती है। माना जाता है क‌ि इससे अच्छे र‌‌िश्ते नहीं आते हैं।
  • ईशान कोण यानी भवन के उत्तर-पूर्वी हिस्से वाला कॉर्नर में पूजास्थल पवित्रता का प्रतीक है इसलिए यहां झाड़ू-पोंछा, कूड़ादान नहीं रखना चाहिए। 
  • प्रातःकाल नाश्ते से पूर्व घर में झाड़ू अवश्य लगानी चाहिए। 
  • संध्या समय जब दोनों समय मिलते हैं, घर में झाड़ू-पोंछे का काम नहीं करना चाहिए। 
  • घर में जूतों का स्थान प्रवेश द्वार के दाहिने तरफ न रखें। 
  • घर में टूटे दर्पण, टूटी टांग का पाटा तथा किसी बंद मशीन का रखा होना सुख-समृद्धि की दृष्टि से अशुभकारक है। 
  • ड्राइंग-हॉल को अपने बेडरूम की तरह उपयोग में लेने पर पति, पत्नी को प्यार करता है और दोस्तों से अच्छे संबंध रखता है। 
  • घर के मुख्य द्वार पर शुभ चिह्न अंकित करना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि बनी रहती है। 
  • घर के पूजास्थल में एक जटा वाला नारियल रखना चाहिए। 
  • घर में सजावट में हाथी, ऊंट को सजावटी खिलौने के रूप में उपयोग शुभ होता है। ऐसे शयनकक्श जिनमें दंपति सोते हैं, वहां हंसों के जोड़े अथवा सारस के जोड़े के चित्र लगाना अति शुभ माना गया है। 
  • घर के ईशान कोण पर कूड़ा-करकट भी इकट्ठा न होने दें। घर में देवस्थल पर अस्त्र-शस्त्रों को रखना अशुभ है। 
  • घर में तलघर में परिवार के किसी भी सदस्यों के फोटो न लगाएं तथा वहां भगवान और देवी-देवताओं की तस्वीरें या मूर्तियां भी न रखें। 
  • तीन व्यक्तियों का एक सीध में एकाकी फोटो हो, तो उसे घर में नहीं रखें और न ही ऐसे फोटो को कभी भी दीवार पर टांगें।
  • दोपहर या रात्रि को जब विश्राम करें तो आपका बिस्तर दक्षिण-पश्चिम दिशा में तथा सिर दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। इससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह सही रहता है।
  • उखड़ा हुआ फर्श या खराब स्थिति में प्लास्टर घर में नकारात्मक ऊर्जा, अशांति और आर्थिक हानि लेकर आता है। इसलिए बेहतर होगा कि जल्द इसकी मरम्मत करवा लें।
  • बिस्तर के नीचे तेल, नमक, खाली मटका, झाडू़, जूते, कचरा और ओखली-मूसल जैसी चीजें न रखें। ये चीजें मानसिक अशांति के साथ ही भाग्योदय में बाधा लाती हैं।
  • अगर घर की छत पर भी खाली मटके, पुराने गमले, खराब कूलर, पंखे या रद्दी का सामान पड़ा हो तो उसे वहां से हटा दें। खासतौर से उस कमरे की छत पर ये चीजें नहीं होनी चाहिए, जहां रात्रि को शयन करते हैं।
  • रोज अपने इष्ट देव के चित्र या प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं। उसके आसपास दवाई आदि न रखें। पूजा करते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम की तरफ होना चाहिए।

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