सेंधा नमक के लाभ,Health Benefits of Rock Salt in Hindi
भारत मे अधिकांश लोग समुद्र से बना नमक खाते है । श्रेष्ठ प्रकार का नमक सेंधा नमक है, जो पहाडी नमक है इस नमक से हम सब परिचित है । व्रत के समय इसी नमक का उपयोग होता है । आयुर्वेद की बहुतसी दवाईयों मे सेंधा नमक का उपयोग होता है। आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप का भय रहता है । इसके विपरीत सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप पर नियन्त्रण रहता है । इसकी शुध्धता के कारण ही इसका उपयोग व्रत के भोजन मे होता है । सेंधा नमक की सबसे बडी समस्या है कि भारत मे यह काफ़ी कम मात्रा मे होता है ,
सेंधा नमक के लाभ,Health Benefits of Rock Salt in Hindi,
- मांसपेशियों की ऐंठन से छुटकारा-सेंधा नमक वर्कआउट के बाद मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द के इलाज के लिए बहुत मददगार होती है। मैग्नीशियम प्रभावी ढंग से दर्द आसान बनाता है और सूजन को कम करता है। साथ ही मांसपेशियों को तनावमुक्त करने में भी मदद करता है। इसके लिए आप सेंधा नमक में थोड़ा सा गर्म पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। सुखदायक आराम पाने के लिए इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र में लगाकर 15 से 20 मिनट के लिए लगाये। अन्य विकल्प के रूप में नमक मिले गुनगुने पानी से कम से कम 20 मिनट के लिए स्नान करें। इसके लिए एक गुनगुने पानी के टब में एक कप सेंधा नमक मिलाये।
- दर्द दूर करें-सेंधा नमक दर्द और सूजन को दूर करने में भी आपकी मदद कर सकता है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम शरीर में पीएच स्तर को विनियमित करने में मदद करता है। यह गठिया के किसी भी रूप से जुड़े जकड़न, सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह अस्थि मिनरल के रूप में भी मदद करता है। इसके अलावा, सेंधा नमक तंत्रिका की कार्यक्षमता को बढ़ावा देने और तंत्रिका के दर्द को आराम करने में भी मदद करता है। इसके लिए आप गुनगुने पानी में 2 चम्मच सेंधा नमक मिला लें। फिर शरीर के दर्द वाले अंग को इस पानी में 20 से 30 मिनट तक दर्द भिगोये। प्रत्येक सप्ताह इस उपाय को तीन बार करने से लाभ मिलता है।
- सेंधा नमक हड्डियों को मजबूत रखत है।मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या सेंधा नमक के सेवन से ही ठीक हो सकती है। नियमित सेंधा नमक का सेवन करने से प्राकृतिक नींद आती है। यह अनिंद्रा की तकलीफ को दूर करता है।
- यह साइनस के दर्द को कम करता है।
- शरीर में शर्करा को शरीर के अनुसार ही संतुलित रखता है।
- पाचन तंत्र को ठीक रखता है।
- यह शरीर में जल के स्तर की जांच करता है जिसकी वजह से शरीर की क्रियाओं को मदद मिलती है।
- पित्त की पत्थरी व मूत्रपिंड को रोकने में सेंधा नमक और दूसरे नमकों से बेहद उपयोगी है।
- पानी के साथ सेंधा नमक लेने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
- आयोडीन की कमी को दूर करके थाइरोइड की बीमारी को दूर करने में मदद करता है।
- .ब्रेन हेमरेज और गठिया जैसी भयावह बीमारी से मुक्ति दिलाने में मदद करता है।
- ऐतिहासिक रूप से पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को ‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’ कहा जाता है जिसका मतलब है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’। अक्सर यह नमक इसी खान से आया करता था।
- सेंधे नमक को ‘लाहौरी नमक’ भी कहा जाता है क्योंकि यह व्यापारिक रूप से अक्सर लाहौर से होता हुआ पूरे उत्तर भारत में बेचा जाता था। यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है । सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है।
- यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं।
- रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
सिर्फ आयोडीन के चक्कर में ज्यादा नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि आयोडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है। - यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है । सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है। यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं।
- रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
यह पित्त नाशक और आंखों के लिये हितकारी है । दस्त, कृमिजन्य रोगो और रह्युमेटिज्म मे काफ़ी उपयोगी होता है ।
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