Saturday, April 15, 2017

क्या आप जानते है खोया पाया के बारे में आप भी मदत कर सकते है खोये बच्चो को उनके माता पिता से मिलाने में ,

 

क्या आप जानते है खोया पाया के बारे में आप भी मदत कर सकते है खोये बच्चो को उनके माता पिता से मिलाने में ,


लापता बच्चों का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण खोया पाया पोर्टल में अभी तक लगभग 6000 गुमशुदा और भगोड़े बच्‍चों की रिपोर्ट प्राप्‍त हुई हैं। इस पोर्टल की शुरूआत पिछले साल की गई थी। लापता बच्चों को रेलवे के सहयोग से मदद दी जा रही है। खोया पाया के तहत 13 हजार बच्चों की सहायता की जा चुकी है
लापता बच्चों की खोज के लिए सरकार तकनीक का पूरा सहारा लेगी। अब हजारों लोग मिलकर लापता बच्चा ढूंढेंगे और कोई ऐसा भी हो सकता है जो बच्चे का पता बता दे। इसके लिए बस आपको गुमशुदा बच्चे का ब्योरा और फोटो 'खोया-पाया' पोर्टल पर डालना होगा। link- Khoya Paya.Com
  • सरकार ने गुमशुदा बच्चों की सूचना आदान प्रदान करने के लिए 'खोया-पाया' पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल पर कोई भी नागरिक गुमशुदा या कहीं मिले बच्चे अथवा वयस्क की सूचना अपलोड कर सकता है। मंगलवार को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने मिलकर यह पोर्टल जारी किया।
  • पोर्टल जारी करते हुए महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि गुमशुदा बच्चों का पता लगाने के लिए यह पोर्टल सशक्त मंच साबित होगा। प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि डिजिटल तकनीकी का इस्तेमाल गरीबों की मदद के लिए हो और यह पोर्टल विशेषषतौर पर गरीबों के गुमशुदा बच्चों को ढूंढने का जरिया बनेगा।
  • उन्होंने कहा कि अमीरों के बच्चे गायब नहीं होते और अगर गुम भी हो जाते हैं तो मिल जाते हैं। लेकिन गरीब का बच्चा अगर गुम हो जाता है, तो जल्दी नहीं मिलता। गरीब व्यक्ति कुछ दिन तक अपना बच्चा ढूंढता है और फिर संसाधनों की कमी के चलते चुपचाप बैठ जाता है। 
  • यह पोर्टल ऐसे ही साधन हीन लोगों की मदद करेगा। लापता बच्चे की सूचना आदान प्रदान करने वाला 'खोया--पाया' एप मुफ्त में मोबाइल पर भी डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें सिर्फ लापता नहीं बल्कि पाए गए बच्चों की भी जानकारी दी जा सकती है।
  • मेनका गांधी ने कहा कि अभी भी लापता बच्चों का पोर्टल है, लेकिन यह पोर्टल फिलहाल पुलिस द्वारा संचालित होता है। इसमें उन्हीं लापता बच्चों का ब्योरा होता है,
  •  जिसकी पुलिस में सूचना दी जाती है। लेकिन इस नये पोर्टल में पुलिस में केस दर्ज कराने से पहले भी गुमशुदा की सूचना डाली जा सकती है।
  • उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा पोर्टल पहली बार शुरू हो रहा है। वैसे विदेश में ऐसे पोटर्ल हैं और करीब 25 फीसद गुमशुदा बच्चे पुलिस में मामला दर्ज होने से पहले ही पोटर्ल में दी गई सूचना से मिल जाते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि लापता बच्चे की पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई जानी चाहिए।

 क्या करना है

बच्चेे के गुम हो जाने के संबंध में माता-पिता/नागरिको द्वारा उठाए जाने वाले कदम
  • पुलिस के लिए 100 और चाइल्डलाइन के लिए 1098 डायल करें।
  • पुलिस स्टेशन जाएं और एफआईआर दर्ज कराएं ।
  • बच्चे की सूचना खोया-पाया और अन्य समान पॉर्टलों पर अपलोड करें।
  • याद करें कि बच्चे के गुम होते समय उसने क्या पहन रखा था। क्या उसके पास, मोबाइल फोन, पैसा, बैंक कार्ड, संवेदनपरक कोई अन्य वस्तु जैसेकि कोई खिलौना आदि था?
  • सभी स्थानीय मीडिया असाइनमेंट डेस्कों को अधिसूचित करें।
  • दोस्तों, जान पहचान के लोगों, और अपने बच्चे के संबंध में सूचना अथवा कोई सुराग रखने वाले व्याक्ति की सूची बनाएं/उनसे बात करें।
  • यदि आपको पता है कि आपका बच्चा कहां है और फिर भी आप उसकी सुरक्षा के लिए चिंतित है (उदाहरण के लिए वह ऐसे स्थान पर हैं जहां आपराधिक गतिविधियां होने का संदेह है) तो आप पुलिस से उस मकान अथवा स्थान की भलाई के इरादे से जांच कराने के लिए कह सकते हैं।
  • माता-पिता को स्टेथशन मास्टर अथवा को निकटस्थ रेलवे स्टेशन संबंधित अधिकारी को तत्काल सूचना देनी चाहिए क्येां कि बच्चे का दुर्व्यपार अथवा पलायन सामान्यत: रेलवे रूट के माध्यसम से ही होता है।
  • सूचना का प्रसार करने में सहायता के लिए तुरन्त पोस्टर बनाएं और इसका प्रचार करें। याद रखे कभी आशा नहीं छोड़े ।

संपर्क करें


Search Police Database For MISSING चिल्ड्रन वेबसाइट का लिए यहाँ क्लिक करे ............www.trackthemissingchild.gov.in

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