मेथी के औषधीय गुण,Health Benefits Of Methi Fenugreek in Hindi,
मेथी के पत्तों से सब्जी बनायी जाती है। इसके बीजों का उपयोग आहार के लिए विभिन्न व्यंजनों में तथा औषधि के रूप में बहुत अधिक किया जाता है। मेथी के फूल एवं फल जनवरी से मार्च के महीनों में लगते हैं। मेथी के पौधे एक फुट ऊंचे होते हैं। इसके पत्ते छोटे और गोल-गोल होते हैं। मेथी के दाने को मेथी दाना कहते हैं। यह जगंलों में भी पाई जाती है। जंगलों में पायी जाने वाली मेथी कम गुण वाली होती है।
मेथी दाने का जड़ी बूटी, मसाले के रुप में भारतीय रसोई में खासा इस्तेमाल होता है। हालांकि इसका स्वाद कड़वा स्वाद होता है लेकिन ये काफी स्वास्थ्य लाभ देता है, क्योंकि ये कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस आदि विभिन्न पोषक तत्वों से रिच है।
मेथी के औषधीय गुण,Health Benefits Of Methi Fenugreek in Hindi,
- हृदय रोग रोकने में कारगर-मेथी दाने में गेलोक्टोमेनन है जो आपके दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है और यह हृदय रोग विकसित होने के खतरे को भी रोकता है। इसमें पोटेशियम होता है जोकि हृदय गति और रक्तचाप नियंत्रित करने में मदद करता है।
- एक नवीन शोध में डाबिटीज एवं हृदय रोग में मैथी दाना बहुत ही कारगर साबित हुआ है। इसके नियमित सेवन से रक्त में कॉलेस्ट्राल की मात्रा नियमित करने में सहायता मिलती है। तथा रक्त में सुगर की मात्रा उत्तरोतर कम होती जाती है।
- उक्त विचार राष्ट्रीय शाकाहार शोध संस्थान नई दिल्ली के शाकाहार विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार जैन ने व्यक्त करते हुए कहा है मैथी दाना के नियमित सेवन से मूत्र के साथ निकलने वाली सुगर की मात्रा 65 प्रतिशत तक कम हो जाती है। जिसका दस दिन में ही असर दिखाई देने लगता है। उन्होने कहा है शोध के अनुसार मैथी दाना पाउडर को कांच के गिलास में शुद्ध जल को भरकर भिगो दे तथा प्रात: मंजन करने के बाद खाली पेट उस जल को पी लें। उन्होने मैथी के गुणों की उपयोगिता का बखान करते हुए कहा शाकाहार चिकित्सा में सफेद बालों की समस्या में आधा कप मैथी दाना को रात्रि में भिगोकर प्रात: उसका पेस्ट बनाकर बालो में लगायें। तथा आधा घंटा के पश्चात नीम के पानी से बालो को धो दें। एक माह तक ऐसा करने से बाल काले होने शुरू हो जाते हैं ।
- पाचन में मदद करता है-फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से रिच होने के नाते, मेथी दाना शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। मेथी चाय अपच और पेट दर्द को दूर करने के लिए प्रयोग की जाती है।
- वजन कम करने में मदद करता है-वजन कम करने के रूप में मेथी दाने का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक घुलनशील फाइबर होती है जोकि आपकी भूख को दबाने में में मदद करती है।
- ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है-मधुमेह पीड़ित लोगों को अपने दैनिक आहार में मेथी दाने को शामिल करना चाहिए, चूंकि इसमें गेलोक्टोमेनन जोकि एक प्राकृतिक घुलनशील फाइबर है जोकि उनके रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में कारगर होता है।
- मेथी की सब्जी को खाने से खून में शुद्धता आती है| वात रोग में मेथी का आटा छाछ में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है| इसके सेवन से वायु (गैस), कफ (बलगम) और ज्वर (बुखार) दूर होता है। यह पेट के कीड़े, दर्द, जोड़ों के दर्द (सन्धिवात), पेट में वायु की गांठ, कमर का दर्द और शारीरिक पीड़ा को दूर करती है। दिल के लिए यह काफी लाभदायक होती है।
- मेथी में पाचनशक्ति और कामवासना बढ़ाने की शक्ति होती है। इससे स्त्रियों की कमजोरी दूर होती है, शक्ति आती है और भूख बढ़ती है। बच्चे के जन्म (प्रसूति) होने के बाद गर्भाशय में कोई कमी रह गई हो, गर्भाशय ठीक से संकुचित न हुआ हो तो मेथी को पकाकर खाने से लाभ होता है। दस्त, बदहजमी (भोजन का न पचना), अरुचि (भोजन का मन न करना) और सन्धिवात (जोड़ों का दर्द) में मेथी के लड्डूओं को सेवन किया जाता है।
- घरेलू औषधि के रूप में मेथी बहुत उपयोगी है। मेथी वात (गैस), कफ (बलगम) और ज्वर (बुखार) का नाश करती है| रक्तपित्त और अरुचि को मिटाती है, भूख को बढ़ाती है तथा मल को रोकती है। मेथी हृदय के लिए लाभकारी तथा बलवर्द्धक है।
- यह खांसी, सूजन, बादी बवासीर, कृमि (कीड़े) और वीर्य का नाश करती है, पेशाब लाती है| बंद हुए मासिक-धर्म को फिर से जारी करती है, स्वभाव को कोमल करती है, सर्दी से होने वाली बीमारी, मिर्गी, लकवा और फालिज इत्यादि में हितकर है। मेथी का काढ़ा कान के दर्द को मिटाता है। मेथी गर्भाशय संकोचक, स्तन एवं प्रसव पीड़ा को नष्ट करती है।
- मेथी भूख को बढ़ाती है तथा नपुंसकता, कमजोरी, गठिया(जोड़ों का दर्द), मधुमेह, बाल रोग, कब्ज, अनिद्रा (नींद का कम आना), मोटापा, रक्तातिसार तथा जलन आदि रोगों के लिए यह काफी हितकारी होती है।
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