Saturday, February 06, 2016

गले का कैंसर-Throat Cancer ,Throat Cancer Symptoms in Hindi,

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर वर्ष कैंसर के 1.4 करोड नए मामले सामने आ रहे हैं। भारत में लगभग 7 लाख मौतें कैंसर से हो रही हैं। 50 प्रतिशत मामलों में ख़राब जीवनशैली, तंबाकू और ओबेसिटी के कारण कैंसर हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों से थ्रोट या माउथ कैंसर के मामले भी बहुत बढ गए हैं। 
गले का कैंसर तब होता है, जब अंगों की साँस लेने, बोलने और निगलने के लिए उपयोग में आने वाली कोशिकाएं असामान्य रूप से विभाजित होना शुरु करती है और नियंत्रण से बाहर जाती है। ज्यादातर गले के कैंसर मुखर तार पर शुरू होते है, और बाद में स्वर यंत्र (टेंटुआ) से गले के पिछले हिस्से, जिसमें जीभ और टाँन्सिल्स (इस क्षेत्र को सामूहिक रुप में ग्रसनी(pharynx) कहा जाता है), के हिस्से शामिल होते है, फैलते है, या स्वरयंत्र के नीचे से सबग्लोटीस और श्वासनली में फैलते है।

गले के कैंसर के कारण

कैंसर कई तरह का होता है। किसी भी तरह के कैंसर के सटीक कारणों के बारे में बता पाना मुश्किल है। फिर भी कार्सिनोजंस जैसी कुछ चीजें कैंसर होने के खतरे को बढ़ा देती हैं। यानी जो लोग स्मोकिंग करते हैं या किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं, उन्हें मुंह और गले का कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।

तम्बाकू का सेवन-गले के कैंसर के अधिकतर मामलों में तम्बाकू का सेवन गले के कैंसर का प्रमुख कारण पाया गया है। धूम्रपान से भी कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ता है। तम्बाकू के सेवन और धूम्रपान से श्वास नली की कार्य प्रणाली पर विपरीत असर पड़ता है और इससे गले का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। बीड़ी इस मामले में सिगरेट के मुकाबले कहीं ज्यादा नुकसानदेह है। इसके अलावा गुटखा, पान मसाला और खैनी आदि के सेवन से भी कैंसर हो सकता है।
अल्कोहल का सेवन-कम मात्रा में अल्कोहल के सेवन से गले के कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता। ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन कहीं न कहीं इस खतरे को बढ़ा देता है। अगर कोई व्यक्ति एल्कोहल के साथ धूम्रपान भी करता है, तो उसके इस रोग से ग्रस्त होने का खतरा अधिक होता है। अल्कोहल और निकोटिन साथ में लेने से मैलिग्नेंट कोशिकाएं बढ़ जाती हैं। यही कोशिकाएं आगे चलकर गले के कैंसर का कारण बनती हैं।
प्रदूषित वातावरण-प्रदूषित वातावरण भी गले के कैंसर का एक प्रमुख कारण है। गले के कैंसर की कोशिकाओं के पनपने में वातावरण में मौजूद इंडस्ट्रियल डस्ट, वुड डस्ट, कैमिकल डस्ट और रोड डस्ट के कण मुख्य होते हैं। सल्फर डाई ऑक्साइड, क्रोनियम और आर्सेनिक भी कैंसर की आशंका को बढ़ाते हैं।

गले के कैंसर के लक्षण

गले के कैंसर के प्रारंभीक लक्षणों में आवाज में अस्पष्टीकृत कर्कशता होती है। धूम्रपान करने वालों को गले के कैंसर होने का उच्च जोखिम होता हैं. अन्य जोखिम वाले लोगों में, ज्यादा शराब पीने वाले, खासकर यदि वे धूम्रपान भी करते है, शामिल हैं। आपके मुंह में या होठों पर लाल व सफेद रंग के धब्बे । आपके मुंह या होठों पर ठीक न होने वाला घाव। मुंह से खून निकलना। मुंह में अथवा जीभ पर एक छाला अथवा घाव जो ठीक नहीं हो रहा है  गाल और मसूड़े में सूजन (जो कि दर्दनाक अथवा दर्दरहित हो) मुंह को पूरी तरह खोलने में कठिनाई और गर्दन में गाँठ गले में निरंतर खराश • जीभ निकालने अथवा जीभ हिलाने में परेशानी
अस्पष्ट आवाज  एक विटामिन ए की कमी और कुछ प्रकार के मानवी papillomavirus (एचपीवी) संक्रमण के साथ लोगों में भी गले के कैंसर विकसित होने की अधिक संभावना हो सकती है।

  • आवाज बदल रही हो या भारी हो रही हो
  • मूसडों में सूजन या दांतों में दर्द
  • गले में गांठें महसूस हों
  • मुंह में लगातार दर्द रहे, ख्ाून निकले
  • गले में जकडऩ, सांस लेने में तकलीफ खाना खाने में परेशानी
  • लगातार थकान, नींद कम आना
  • मुंह के अंदर लाल, सफेद या गहरे रंग के पैचेज बनना
  • खाना चबाने या जीभ को हिलाने में दर्द का अनुभव
  • सांस से दुर्गंध महसूस होना या कान में अकारण दर्द
  • कफ आना और इसमें कई बार रक्त के धब्बे दिखनागले में निरंतर दर्द और बैचेनी रहती है भूख भी कम हो जाती है |
  • शरीर का वजन कम होने लगता है व्यक्ति कमजोरी अनुभव करता है |
  • स्वरयंत्र में होने वाले कैंसर से व्यक्ति को बोलने में खराश सी अनुभव होती है | बाद में वहां सूजन हो जाती है और सांस लेने में कठिनाई होती है
  • गले की ग्रंथियां सूज जाती हैं और दर्द करने लगती हैं
  • खांसने के साथ-साथ गले से खून भी निकल आता है
  • नाक के पास ग्रसनी वाले स्थान में कैंसर की प्रारंभिक स्थिति में कुछ पता नहीं चलता, बाद में नाक से रक्त भी बहने लगता है | सांस से बदबू आती है
  • सांस लेने में भी कठिनाई होती है गले में सूजन होने से दर्द रहने लगता है और कैंसर का फोड़ा चेहरे के एक भाग की ओर फैल जाता है 

इलाज की प्रक्रिया

पहली या दूसरी अवस्था में सही इलाज मिल जाए तो कैंसर के 99 प्रतिशत मामले ठीक किए जा सकते हैं। तीसरी अवस्था एडवांस होती है। पहले चरण में मरीज एक हफ्ते के भीतर सामान्य दिनचर्या में लौट सकता है। मगर एडवांस स्टेज में इलाज लंबा चलता है। इसमें सर्वाइवल रेट 50-60 प्रतिशत तक होता है। इसे 'डॉक्टर्स फाइव ईयर सर्वाइवल कहते हैं, क्योंकि कैंसर की कोशिकाएं कई बार पांच वर्ष से पूर्व दोबारा पनपने लगती हैं।
यदि जांच में थ्रोट कैंसर का पता चलता है तो डॉक्टर कैंसर की अवस्था को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं।
  • पहली अवस्था : ट्यूमर का साइज 7 सेंटीमीटर तक होता है।
  • दूसरी अवस्था : ट्यूमर 7 सेंटीमीटर से थोडा बडा हो सकता है, लेकिन यह थ्रोट वाले हिस्से के बाहर नहीं फैलता।
  • तीसरी अवस्था : इसमें ट्यूमर का आकार बडा होता है और वह आसपास के हिस्सों में भी फैलने लगता है।
  • चौथी अवस्था : यह एडवांस स्टेज होती है। इसमें ट्यूमर लिंफ नोड्स या दूसरे अंगों तक फैल जाता है। इसके बाद इलाज मुश्किल होने लगता है।
मरीज की स्थिति को देखते हुए ही डॉक्टर निर्णय लेते हैं कि इलाज की प्रक्रिया क्या होगी। आमतौर पर मरीज को छाती, गर्दन या सिर के सीटी स्कैन या एमआरआइ के लिए कहा जाता है। ट्यूमर छोटा है तो छोटी सी सर्जरी के जरिये इसे निकाल दिया जाता है। इसके अलावा रेडियोथेरेपी भी की जा सकती है, जिसमें हाइ-एनर्जी रेज द्वारा कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। ट्यूमर का आकार बडा हो और वह दूसरे अंगों में प्रवेश कर जाए तो रेडिएशन के साथ ही कीमोथेरेपी दी जाती है। कीमो के जरिये कैंसर सेल्स को मारा जाता है और इसके फैलने की गति को सुस्त किया जाता है।

गले के कैंसर से बचाव

गले के कैंसर अन्य कैंसर के साथ जुड़े होते है। गले के कैंसर के रोगियों में से 15% लोगों का गले के कैंसर के साथ मुंह, भोजन-नलिका या फेफड़ों के कैंसर के साथ एक ही समय पर निदान होता हैं। दुसरे 10% से 20% गले के कैंसर के साथलोगों को ये अन्य कैंसर बाद में विकसित होते है।

1. तंबाकू चबाना छोड़ दें।
2. सिगरेट पीना छोड़ें।
3. सुपारी और पान मसाला छोड़ दें।
4. शराब पीना छोड़ें।
5. मौखिक स्वच्छता बनाए रखें।
6. नियमित रूप से दांतों की जांच कराएं।
7. किसी भी तरह के अवसर/दर्द/रक्तड्डाव को नजरअंदाज न करें।

उचित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। गले के कैंसर से पुरुषों में अधिक आम है, क्योंकि शायद धूम्रपान पुरुषों में अधिक आम है। इस प्रकार के कैंसर 55 साल से कम उम्र के लोगों के बीच कम आम है. कई गले के कैंसर पर सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है, लेकिन इलाज से व्यक्ति की बात करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है

No comments:
Write comments