टेस्टिकुलर कैंसर क्या होता है
टेस्टिक्यूलर कैंसर तब होता है जब वृषण (टेस्टिस) की असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित ढंग से विकसित होने लगती हैं। वृषण पुरूष प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है। वे शिश्न के पीछे अंडकोष नामक त्वचा की थैली में पाए जाते हैं वीर्यकोष की कोशिकाओं में अनियंत्रित तरीके से वृद्धि के कारण ही मूत्राशय कैंसर या वृषण कैंसर होता है।यह अंडकोश में होनेवाला एक विषैला, कष्टदायक फोड़ा है | परन्तु बहुत कम पुरुष इस रोग का शिकार होते हैं l यह पुरुषों की सेक्स ग्रंथियां हैं जो अंडकोष की थैली में होती हैं और टेस्टोस्टेरॉन और अन्य हार्मोन का उत्पादन करती हैं। यह थैली प्रजनन कोशिकाओं के लिए भी जिम्मेदार है।
टेस्टिक्यूलर कैंसर के प्रकार
टेस्टिक्यूलर कैंसर के मुख्यतः पाँच प्रकार हैं? इनका नाम उस कोशिका प्रकार पर रखा गया है जिसमें कैंसर सबसे पहले विकसित होता है।• सेमीनोमास
• कॉरियोकार्सिनोमा
• भ्रूणीय कार्सिनोमा
• टेराटोमा
• यॉक सैक ट्यूमर
कॉरियोकार्सिनोमा, भ्रूणीय कार्सिनोमा (embryonal carcinoma), टेराटोमा और यॉक सैक ट्यूमर को गैर सेमिनोमा कैंसर कहा जाता है।
टेस्टिक्यूलर कैंसर में सेमिनोमा और गैर सेमिनोमा दोनों कैंसर कोशिकाओं का मिश्रण शामिल हो सकता है।2
टेस्टिक्यूलर कैंसर के क्या-क्या लक्षण होते हैं
टेस्टिक्यूलर कैंसर के लक्षण
• दोनों अंडकोष में पीड़ाहीन गांठ या सूजन
• अंडकोष में होने वाली अनुभूति में परिवर्तन
• निचले उदर या उरुसंधि में दर्द
• अंडकोष में अचानक तरल पदार्थ का जमाव
• वृषण या अंडकोष में पीड़ा या कष्ट
टेस्टिक्यूलर कैंसर बल्कि ऐसी अनेक स्थितियाँ हो सकती हैं जिनके कारण ये लक्षण हो सकते हैं। यदि आपको इनमें से किसी एक लक्षण का अनुभव हुआ है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप डॉक्टर के साथ इसकी चर्चा करें।
टेस्टिक्यूलर कैंसर के लक्ष्णों की पड़ताल करने और पहचान की पुष्टि के लिए अनेक जाँच किए जाएँगे। कुछ आम परीक्षणों में निम्न शामिल हैं:
• शारीरिक जाँच
• खून के नमूने की जाँच
•
अंडकोष और आसपास के अंगों की इमेजिंग, जिसमें अल्ट्रासाउंड, कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (computed tomography (CT)) स्कैन या मैग्नेटिक रेज़ॉनेन्स
इमेजिंग (magnetic resonance imaging (MRI)) शामिल हो सकती है।
• माइक्रोस्कोप के द्वारा परीक्षण करने के लिए अंडकोष से ऊतकों का नमूना लेना (बायोप्सी)।
उपचार विकल्प
कैंसर से पीड़ित लोगों के उपचार और देखभाल आमतौर पर बहु-विषयक टीम के नाम से जानी जाने वाली स्वास्थ्य पेशेवरों की एक टीम, द्वारा की जाती है।
टेस्टिक्यूलर कैंसर का उपचार बीमारी के चरण, लक्षणों की गंभीरता और व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। उपचार विकल्पों में अंडकोष निकालने के लिए
सर्जरी, तथा कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रेडियोथेरेपी और/या कीमोथेरेपी शामिल हो सकती है।
विभिन्न प्रकार के कैंसरों के निदान और उपचार के नए तरीकों को खोजने के लिए शोध कार्य जारी है। टेस्टिक्यूलर कैंसर के इलाज के नए तरीकों को जाँचने के लिए कुछ लोगों को चिकित्सकीय जाँच में भागीदारी का प्रस्ताव दिया जा सकता है।
टेस्टिकुलर कैंसर के कारण
टेस्टिक्यूलर कैंसर खतरे का कारण, जो स्वास्थ्य संबंधी किसी विशेष स्थिति (बीमारी) जैसे कि टेस्टिक्यूलर कैंसर के होने की अधिक संभावना से जुड़ा हुआ होता है। खतरे के कारण विभिन्न प्रकार के होते हें, इनमें से कुछ में सुधार या परिवर्तन लाया जा सकता है कुछ में नहीं।इस पर ध्यान देना चाहिए कि खतरे के एक या अधिक कारण होने का अर्थ यह नहीं कि व्यक्ति को टेस्टिक्यूलर कैंसर हो जाएगा। अनेक लोगों में खतरे का कम से कम एक कारण होता है लेकिन उन्हें कभी टेस्टिक्यूलर कैंसर नहीं होता, जबकि हो सकता है कि टेस्टिक्यूलर कैंसर से पीड़ित अन्य लोगों में खतरे का कोई भी ज्ञात कारण नहीं रहा हो। बावजूद इसके कि टेस्टिक्यूलर कैंसर से पीड़ित किसी व्यक्ति में खतरे का कोई कारण हो, यह जानना सामान्यतः मुश्किल होता है कि उस खतरे के कारण ने उनकी बीमारी के विकास में कितना योगदान दिया।
- अगर घर में किसी को यह कैंसर हो चुका है तो परिवार के अन्य लोग इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं। यह एक आनुवांशिक बीमारी है।
- जिनके गुप्तांगों का विकास नही हो पाता उनको भी टेस्टिकुलर कैंसर का खतरा होता है।
- एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को भी कैंसर का यह प्रकार हो सकता है।
- डाउन सिंड्रोम या क्लिनफेल्टर सिंड्रोम ग्रस्त महिलाओं को भी हो सकता है।
- यद्यपि टेस्टिक्यूलर कैंसर के कारणों को अच्छी तरह नहीं समझा जा सका है, बीमारी विकसित होने के जोख़िम से संबद्ध अनेक कारण हैं। इन कारणों में निम्न शामिल है:
कुछ ख़ास बचपन की बीमारियाँ जैसे अनवत्तीर्ण वृषण (undescended testicle) या शैशवकालीन हर्निया (infantile hernia)1,3टेस्टिक्यूलर कैंसर का पारिवारिक इतिहास होनाटेस्टिक्यूलर कैंसर का व्यक्तिगत इतिहास होना
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