Thursday, April 13, 2017

गर्भपात के घरेलू नुस्खे,Home Remedies for Abortion in Hindi,

 

गर्भपात के घरेलू नुस्खे,Home Remedies for Abortion in Hindi,

गर्भ धारण करना जहाँ एक सुखद एहसास होता है, वहीं कई बार Abortion ( गर्भपात ) करना भी जरूरी हो जाता है. असुरक्षित सम्भोग के बाद Abortion ( गर्भपात ) घर में भी किया जा सकता है, लेकिन कुछ Precautions ( सावधानियों ) के साथ.
अगर प्राकृतिक गर्भपात 1 महीने के अंदर ही करवाया जाए तो यह ज्‍यादा असरदार होगा नहीं तो ज्‍यादा चांस नहीं है। मेडिकल टर्मिनल ऑफ प्रेग्नेसी एक्ट की तो इसके तहत 20 हफ्ते के बाद एबार्शन नहीं हो सकता है। बेहतर है कि आप घर पर ही प्राकृतिक गर्भपात कर लें। अगर किसी वजह से गर्भ 9 सप्ताह से अधिक समय का हो गया है तो इस से छुटकारा पाने के लिए सर्जिकल गर्भपात सुरक्षित होगा।

 अनचाहे गर्भ के घरेलू उपाय,Gharelu Nuskhe for Abortion in Hindi

  • इसके लिए स्त्रियों को विटामिन सी से युक्त खाना जैसेकि निम्बू, संतरा, हरी सब्जी, गोभी और खीर इत्यादि खाना चाहियें, शरीर की मालिश और भरी कार्य करने चाहियें, गर्म पानी पीना और उससे नहाना चाहियें 
  •  गर्भपात का एक और तरीका होता है गर्भरोधक गोलियों का सेवन करना. ये गोलियां किसी भी दवाई की दुकान में आसानी से उपलब्ध होती हैं.
  • अनार अगर आप अनार को उसके बीज के साथ ही खाएं तो आपके मिसकैरेज होने के चांस काफी ज्‍यादा बढ़ जाते हैं। पुराने जमाने से ही अनार के दानों को प्राकृतिक गर्भपात के लिये प्रयोग किया जाता था।
  • भूने हुए तिल के दाने को honey ( शहद ) के साथ खाएँ, यह भी आपके लिए मददगार साबित होगा.
  • सीता फल के बीज को पीसकर अपनी योनी में अच्छी तरह से मलें, इससे अनचाहा गर्भ नहीं ठहरेगा. ऐसा कुछ दिनों तक लगातार करें.
  • लहसून की 2 कली खाएँ, यह गर्भपात में मदद करेगा. Eating garlic helps in abortion.
  • असुरक्षित सेक्स करने के तुरंत बाद स्त्री का खड़ा हो जाना तथा अपनी योनी की तुरंत अच्छे से सफाई करने से भी बच्चा होने का खतरा कम हो जाता है.
  •  ग्रीन टी ( Green Tea ) : ग्रीन टी या हरी चाय के स्वास्थ्य को बहुत फायदे होते है जैसेकि वजन कम करना, शरीर को चुस्त रखना, हृदय को स्वस्थ रखना इत्यादि. किन्तु अगर इसका अधिक सेवन कर लिए जाये तो ये शरीर के लिए समस्या भी उत्पन्न कर सकता है खासतौर पर गर्भवती स्त्रियों के लिए. इसीलिए इसके पैकेट पर भी लिखा होता है कि गर्भवती स्त्री इसका सेवन न करें. किन्तु गर्भपात के लिए आप इसका सेवन जरुर करें.
  • तुलसी के पत्ते ( Basil leaves ) का काढ़ा ( Brew ) 2-4 दिन पिएँ.
  •  सूखे मेवे- सूखे मेवे जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं, यह शुरुआती गर्भ को खत्म कर सकते हैं।
  • अंडे- गर्भवती महिलाएं जो हाल ही में गर्भवती हुई हो अण्डों के सेवन से बचती है, क्योंकि इससे गर्भपात होने का डर होता है।
  • ज्यादा उछल-कूद और व्यायाम गर्भ गिराने में मददगार होते हैं
  • तिल और शहद  ( Sesame and Honey ) : जिन स्त्री को अनचाहा गर्भ है उन्हें माहवारी के दौरान हर रोज सुबह खली पेट एक चम्मच सीके हुए तिल में शहद मिलाकर लेना चाहियें. इससे उन्हें अधिक खून आता है और उनके गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है. तिल के तेल की मालिश भी आपके लिए बहुत लाभदायक होती है
  • पपीता और अनानास ( Papaya and Pineapple ) : गर्भपात के लिए पपीते के बारे में सबने जरुर सुना होगा. क्योकि हर गर्भवती स्त्री को ये सलाह दी जाती है कि वो पपीते से दूर रहे वर्ना उन्हें गर्भ से जुडी समस्या हो सकती है किन्तु आपको तो गर्भपात करना है न तो आप जितना हो सके पपीता और
  • अनानास खायें. इसका एक फायदा ये भी है कि इससे पीरियड्स भी जल्दी आते है. इन दोनों में पाया जाना वाला रसायन जिसे पपेन कहा जाता है वो गर्भपात को बढ़ावा देता है.
  • 3- 2 ग्राम बबूल के नर्म पत्ते लें, और उन्हें 2 कप पानी में उबालें जब तक कि यह उबलकर एक कप नहीं हो जाता. नियमित रूप से इसका सेवन करें जब तक गर्भ गिर नहीं जाता.
  •  इसके साथ साथ आप अनानाश का भी लगातार सेवन करते रहे. अनानाश से भी आपको विटामिन से मिलती है और कुछ ऐसे कारण उत्तपन करता है जिससे की आपका घर में ही गर्भपात हो सके.
  • आप सोयाबीन के दानो को रात में पानी में भिगो कर रख दे और सुबह खाली पेट उस पानी का सेवन करे, ये तरीका भी आपको आपके घर में ही गर्भपात में सहायक होता है.
 प्राकृतिक रुप से किया जाने वाला ये गर्भपात अगर एक महीने के भीतर ही कर लिया जाए तो ये कुछ असर कर सकता है लेकिन अगर आप इस प्रक्रिया को करने में देरी कर देती तो ये अपना असर नही दिखाएगा। लेकिन अगर गर्भ नौ सप्ताह से ज्यादा समय का हो तो अच्छा होगा कि आप डॉक्टर के पास जा कर ही गर्भपात कराएं। इतना ही नही इस प्रक्रिया से गर्भपात करने के लिए एक ओर बात का ध्यार जरुर रखे अगर आपको किसी भी तरह से हाई ब्लड प्रेशर, मिरगी, मधुमेह, अस्थमा और किडनी से संबंधित रोग है तो आप इस प्रक्रिया से गर्भपात ना करें।

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